- मेडिकल कॉलेज की पहल

- इमरजेंसी सेवा के लिए अब दी जा सकती है सूचना

- एक फोन पर अलर्ट हो जाएंगे डॉक्टर्स व हेल्थ एंप्लाइज

GORAKHPUR: एक्सीडेंट और सीरियस इंजरी के केसेज में अब पेशेंट्स की जान नहीं जाएगी। तीमारदार अब सूचना देकर जितनी देर में मेडिकल कॉलेज के ट्रॉमा सेंटर पहुंचेगे, इस बीच डॉक्टर्स और मेडिकल स्टाफ ट्रीटमेंट से जुड़ी तैयारी पूरी कर चुका होगा। इससे न सिर्फ मरीज के पहुंचते ही उनका इलाज शुरू हो सकेगा, बल्कि तीमारदारों को डॉक्टर्स और मेडिकल स्टाफ को ढूंढने में अपना वक्त भी जाया नहीं करना पड़ेगा। इसके लिए कॉलेज प्रशासन ने इमजेंसी हेल्पलाइन नंबर की शुरुआत की है। जिसकी मदद से मरीजों को यह सुविधा मिल सकेगी।

मीटिंग में सामने आई बात

पिछले दिनों प्राचार्य कक्ष में हुई मीटिंग में यह बात सामने आई थी कि क्षेत्र में बड़ी दुर्घटना होने पर ट्रॉमा सेंटर को सूचना नहीं मिल पाती, जिससे डॉक्टर्स व हेल्थ एंप्लाई अलर्ट नहीं हो पाते। इससे कई बार सीरियस पेशेंट्स की जान भी चली जाती है, या फिर हालत काफी बिगड़ जाती है। ऐसी कंडीशन में तीमारदारों और मेडिकल स्टाफ के बीच कई बार विवाद भी हो जाता है। मगर इस पहल के बाद मरीजों के साथ ही मेडिकल एंप्लाइज को भी राहत मिलेगी। हाल में एक दवा व्यापारी की गोली मरने का मामला सामने आया था। इस में अलर्टनेस न होने की वजह से एक घंटे तक इलाज नहीं हो पाया। जिसकी वजह से व्यापारी की हालत गंभीर हो गई। व्यापारियों ने इस संबंध में मेडिकल कॉलेज प्रशासन से शिकायत की थी।

जिम्मेदारी हुई तय

मेडिकल कॉलेज में लगने वाले इस इमरजेंसी फोन पर 24 घंटे सेवा बहाल रहेगी। दुर्घटनाओं के साथ इलाज से संबंधित अन्य जानकारी भी इस पर दी जाएगी। व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त करने के लिए यह फैसला लिया गया है। इस सेवा की जिम्मेदारी भी तय कर दी गई है। ड्यूटी पर तैनात फार्मासिस्ट और इंचार्ज इसकी देख-रेख करेंगे। वह हर रोज ट्रामा सेंटर की सूचना अपडेट करने के साथ ही बाहर से आने वाले मरीजों के बारे में भी जानकारी देंगे।

इमरजेंसी में एक वीआईपी फोन लगाया जाएगा। इससे घटनाओं की जानकारी टाइमली मिल सकेगी। पहले यह सुविधा नहीं थी। इसके शुरू होने से मरीजों को काफी फायदा होगा।

डॉ। एमक्यू बेग, एसआईसी मेडिकल कॉलेज