- रात 12 बजे के बाद ईएमओ रूम में आराम फरमाता है ड्यूटी पर तैनात स्टाफ

- डॉक्टर की कुर्सी हीटर करता है गर्म, वह कमरे से रहते हैं गायब

बरेली : दे रात में यदि आपकी या आपके किसी परिचित की तबियत खराब हो जाए तो जिला अस्पताल की इमरजेंसी जाने के बाद भी इलाज मिलेगा या नहीं कह पाना मुश्किल है। ट्यूजडे रात दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की टीम ने ने जिला अस्पताल के इमरजेंसी ओपीडी का रियल्टी चेक किया तो स्वास्थ्य विभाग के 24 घंटे इमरजेंसी सेवा के दावों की पोल खुल गई। ईएमओ रूम में मरीजों का मेडिकल परीक्षण करने के लिए जो स्ट्रेचर पड़ा हुआ था उस पर ड्यूटी पर तैनात स्टाफ आराम फरमा रहा था, वहीं डॉक्टर की कुर्सी के पास लगा हीटर तो ऑन था, लेकिन डॉक्टर गायब थे। टीम यहां करीब आधे घंटे रुकी, लेकिन तब तक ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर अपनी कुर्सी पर नहीं पहुंचे। पता लगा कि यहां डॉ। शैलेष रंजन की ड्यूटी है और वह किसी काम से अस्पताल से बाहर गए हैं। इसके बाद टीम वार्ड में पहुंची तो मरीज बेड पर और तीमारदार जमीन पर सो रहे थे। टीम ने कुछ मरीजों से विभाग की ओर से मिल रहीं सुविधाओं की जानकारी ली तो मरीजों ने बताया कि करीब आठ बजे डॉक्टर ने राउंड लिया था इसके बाद नर्स तक झांकने नहीं आई। मरीजों का कहना है कि रोजाना का यही हाल है।

इमरजेंसी केस आया तो क्या होगा?

रात के समय ज्यादातर ऐसे मरीज ही अस्पताल आते हैं, जिन्हें तुरंत इलाज की जरूरत होती है। समय पर इलाज न मिलने से उनकी जान पर भी बन सकती है, लेकिन ट्यूजडे रात इमरजेंसी की ओपीडी की जो तस्वीर सामने आई उसने स्वास्थ्य विभाग के 24 घंटे इमरजेंसी सेवा के दावे पर सवालिया निशान लगा दिया।

घटनाओं से भी नहीं ले रहे सबक

ट्यूजडे को हॉस्पिटल के इमरजेंसी वार्ड में एक मरीज की मौत के बाद परिजनों ने डॉक्टर पर गलत इंजेक्शन लगाने का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया। इसी प्रकार टीवी वार्ड में भर्ती एक मरीज को लापरवाही के चलते ठीक समय पर ऑक्सीजन न मिल पाने से उसकी जान चली गई थी। वह करीब एक घंटे तक बिना ऑक्सीजन के तड़पता रहा।

इमरजेंसी वार्ड में रहती है इन डॉक्टर की ड्यूटी

1. डॉ। शैलेष रंजन

2. डॉ। केके निर्मल

3. डॉ। अखलेश्वर सिंह।

मरीजों से बात

दिन में तो डॉक्टर दो बार राउंड लगाने आते हैं लेकिन रात में आठ बजे के बाद डॉक्टर तो छोड़ो नर्स भी नहीं आती हैं।

उस्मान।

रात में अगर दर्द या कोई अन्य समस्या हो जाती है तो डॉक्टर अपने रूम में ही नहीं होते हैं और नर्स भी सोती रहती हैं।

इरशाद।

वर्जन

यह मामला गंभीर है सबको अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिए। रात में जिन डॉक्टर की ड्यूटी थी उनसे स्पष्टीकरण मांगा जाएगा।

डॉ। केएस गुप्ता, एडीएसआईसी।