Teacher भी कम जिम्मेदार नहीं
एयू के पूर्व अध्यक्ष ही नहीं कई अन्य छात्र नेताओं ने माहौल को खराब करने के लिए स्टूडेंट्स के साथ साथ प्रोफेसर पर भी संगीन अरोप लगाए। कहा कि यहां पर टीचर ही राजनीति ज्यादा करते हैं। उनके बच्चे ही टॉपर क्यों होते हैं। हर जगह क्षेत्रवाद और जातिवाद के आधार पर काम होता है। ऐसे में माहौल कैसे कूल हो सकता है।
आखिर topper कहां से आते हैं
ईश्वर शरण डिग्री कॉलेज से पहुंचे एक स्टूडेंट लीडर ने कहा कि हमें सिर्फ अपनी स्टडी पर ध्यान रखना होगा। अगर क्लासेज नहीं चल रही हैं तो इसके लिए हम ही जिम्मेदार हैं। आखिर जो लड़के टॉप करते हैं वो भी तो यहीं से स्टडी करते हैं। एयू का कोई स्टूडेंट यूं ही आईएएस और पीसीएस एग्जाम नहीं टॉप कर रहा है। ऐसे स्टूडेंट कैंपस आते हैं तो उन्हें सिर्फ अपने स्टडी से मतलब होता है और किसी बात से नहीं। इस मीटिंग में एसएसपी उमेश श्रीवास्तव, एसपी सिटी राजेश यादव, अपर जिलाधिकारी, एयू की ओर से कुल सचिव और स्टूडेंट लीडर दिनेश यादव, अभिषेक, अखिलेश, विपिन सिंह, गौरव, राघवेन्द्र, शैलेन्द्र, गया शंकर, देवमणि, राजेश शर्मा आदि शामिल रहे।
Outsiders बिगाड़ते हैं माहौल
एयू के साथ ही सीएमपी डिग्री कालेज से साइंस और आर्ट की स्टूडेंट पहुंची थीं जो सिस्टम से काफी क्षुब्ध थीं। रमा यादव ने कहा कि सीएमपी डिग्री कालेज में ज्यादातर बाहर से लड़के आते हैं, जिसके कारण अराजकता का माहौल बना रहता है. सारिका गुप्ता ने कहा कि इसके लिए स्टूडेंट लीडर्स ही जिम्मेदार हैं। वे अकेले कैंपस में नहीं आते हैं। उनके साथ दर्जनों चमचे आते हैं जो कैंपस के नहीं होते हैं। बाहर से आने वाले बदमाश लड़कियों को देख कमेंट करते हैं और बदतमीजी करते हैं जिसके कारण कालेज जाने का मन नहीं करता। वहीं इतिका मिश्रा ने कहा कि बाहरी लड़के गेट पर ही खड़े हो जाते हैं और गंदे कमेंट करते हैं। निरजा पटेल ने कहा कि लड़के सबसे ज्यादा डे्रस कोड को लेकर कमेंट करते हैं। ऐसे कमेंट होते हैं मैं यहां कह भी नहीं सकती हूं। गल्र्स के सपोर्ट में अजीत श्रीवास्तव ने कहा कि अराजक तत्वों के कारण ही कैंपस से स्टूडेंट की साइकिल और बाइक चोरी होती है। प्रमीत दुबे ने कहा कि आई कार्ड की नियमित चेकिंग हो तो माहौल अपने आप सुधर जाएगा।
ये हो तो campus हो जाएगा cool
-एयू कैंपस पूरी तरह से सीसीटीवी के कंट्रोल में हो
-रिसर्च स्कॉलर की टीम बने जो सुधार के लिए काम करे
-कैंपस में प्रोफेसर अपनी राजनीति बंद करें तभी होगा सबका भला
-पुलिस को स्टूडेंट्स के प्रति उग्र रवैया बदलना होगा
-कैंपस का माहौल बनाने के लिए ड्रेस कोड लागू किया जाए
-स्टूडेंट्स की राजनीति में गुणवत्ता का ध्यान रखा जाए
-संवादहीनता पर काबू रखने के लिए ठोस कदम उठाया जाए
-एयू कैंपस में एंट्री करने वाले हर सख्त पर नजर हो
-बाहर से आने वालों की एक डॉयरी में नाम की एंट्री की जाए
-उनके से कारण भी पूछा जाए कि वे कैंपस में क्यों आए थे
-स्टूडेंट की कंप्लेन के लिए एक सेल का गठन किया जाए
-कैंपस के अंदर एक मेडिकल सुविधा का इंतजाम किया जाए
-क्षेत्रवाद और जातिवाद के आधार पर काम बंद हो