रिपोर्ट के मुताबिक मोबाइल फ़ोन के ज़रिए किसान बैंकिंग सुविधा का फ़ायदा उठा पाएँगे, फ़सल बेचने से पहले उसकी क़ीमत की तुलना कर पाएँगे जिससे उत्पादन बढ़ेगा।

दक्षिण एशिया और अफ़्रीका के कई देशों में अब लैंडलाइन के बजाय मोबाइल सेवा का इस्तेमाल ज़्यादा होता है। किसानों और व्यापारियों के पास मोबाइल फ़ोन हैं।

मोबाइल नेटवर्क वोडाफ़ोन के मुताबिक अगर छोटे किसानों को मोबाइल फ़ोन के ज़रिए फसलों के बाज़ार भाव की जानकारी हो, मौसम का पूर्वानुमान पता हो और फ़ोन पर बैंकिंग सुविधा हो उन्हें काफ़ी फ़ायदा हो सकता है।

फ़ायदे

कई देशों में तो ऐसा हो भी रहा है। लेकिन कंपनी का कहना है कि सरकारों, चैरिटी संस्थाओं और किसान संगठनों को अभी और क़दम उठाने की ज़रूरत है ताकि मोबाइल पर ये सुविधाएँ किसानों को मिल सकें।

रिपोर्ट के मुताबिक अगर ऐसा होता है तो उत्पादन 10 फ़ीसदी से ज़्यादा बढ़ेगा और खाद्य सामग्री की किल्लत भी कम हो जाएगी। 2050 तक विश्व की जनसंख्या बढ़कर नौ अरब हो जाएगी और ऐसे में खाद्य सामग्री की किल्लत भी बढ़ेगी।

संयुक्त राष्ट्र कह चुका है कि 2015 तक भूखे लोगों की संख्या में 50 प्रतिशत की कमी करने की कोशिशों में खाद्य पदार्थों की बढ़ती क़ीमतें बड़ी रूकावट है।

ऑक्सफ़ैम ने इस रिपोर्ट का स्वागत करते हुए कहा है कि अब फ़ोन कंपनियाँ किसानों को अपने बिज़नेस और उपभोक्ताओं का हिस्सा मानती हैं न कि कॉरपोरेट मदद पाने वालों की तरह देखती है।

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