Shootout at Kamachha

पिछले कुछ दिनों से शांत दिख रहे बनारस के क्राइम व‌र्ल्ड में शुक्रवार को एक बड़ी हलचल हुई। इस बार हलचल पुलिस ने मचाई काउंटर अटैक रहे। लूट की एक घटना के बाद पुलिस और क्रिमिनल कमच्छा पर आमने-सामने आ गये और पूरा एरिया तड़तड़ा उठा गोलियों से। क्या हुआ इस शूटआउट में? पूरी खबर अंदर के पेज पर।

बीयर का शौकीन देसी दारु ठेके पर ढेर

- लक्सा थाने का हिस्ट्रीशीटर और कमच्छा-भेलूपुर में आतंक का पर्याप्त हेमंत मौर्या का एनकाउंटर

- लूट के बाद पीछे पड़ी पुलिस ने कमच्छा स्थित देसी शराब ठेके पर घेरा

- हेमंत के अटैक से सिपाही घायल, कई राउण्ड फायरिंग के बाद ढेर हुआ हेमंत

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ङ्कन्क्त्रन्हृन्स्ढ्ढ : पिछले काफी लंबे वक्त से शांत पड़े शहर में शुक्रवार को फिर गोलियां तड़तड़ाई। इस बार पहली गोली एक क्रिमिनल ने ही चलाई मगर ये भूल उसकी जिंदगी की आखिरी गलती साबित हुई। पुलिस ने जवाबी फायरिंग की तो वो बदमाश ढेर हुआ जो कई नामी क्रिमिनल्स का खास शूटर हेमंत मौर्या था। इसके नाम से भेलूपुर और कमच्छा के लोग दहशत खाते थे। खास ये भी रहा कि बीयर का शौकीन कहा जाने वाला हेमंत मारा भी गया तो देसी दारू के ठेके पर जहां पुलिस को गच्चा देने के लिए उसने शरण ली थी।

बीयर पीने के बाद लूटा

औरंगाबाद मुहल्ले का निवासी और लक्सा थाने हिस्ट्रीशीटर हेमंत मनबढ़ शूटर के तौर पर जाना जाता था। मामूली बात पर पिस्टल निकाल लेना, राह चलते किसी को भी लूट लेना और कोई उलझे तो गोली चला देना उसकी खास आदतें थीं। शुक्रवार को हेमंत ने दोपहर के वक्त कबीरनगर स्थित एक बीयर की दुकान में बीयर पी और इसके तुरंत बाद वहां मौजूद गुड्डू सिंह नामक शख्स को पिस्टल दिखा कर लूट लिया। गुड्डू ने तुरंत इस की इंफार्मेशन पुलिस कंट्रोल रूम को दी। सूचना मिलने ही भेलूपुर और लंका पुलिस एक्टिव हो गयी।

गच्चा देने को छुपा था

पुलिस की माने तो हेमंत ने भागने के लिए रोड की बजाय गलियों का रास्ता पकड़ा और खोजवां होते हुए कमच्छा की ओर चल पड़ा। रास्ते में शंकुलधारा के पास उसे एक टेम्पो वाले को पिस्टल दिखाकर साथ चलने को कहा मगर टेम्पो वाले के डर के भागने के कारण वह पैदल हो गया। खुद को बचाने और पुलिस को गच्चा देने के लिए वह कमच्छा जलसंस्थान और पावर हाउस मोड़ से खोजवां जाने वाले रास्ते पर मौजूद देसी शराब के ठेके में घुस गया। उसे उम्मीद थी कि पुलिस वहां नहीं पहुंच सकेगी।

हो गई सटीक मुखबिरी

शराब ठेके पर छुपे हेमंत के बारे में सटीक मुखबिरी हो गयी और पुलिस को पता चल गया कि कबीर नगर में लूट करने वाला बदमाश कहां है। पुलिस ने ठेके के बाहर पहुंच हेमंत को सरेंडर करने के लिए कहा। पुलिस की घेरेबंदी देख ठेके पर मौजूद लोगों में भगदड़ मच गयी। इस अफरातफरी का फायदा उठाते हुए हेमंत ने पुलिस टीम पर फायरिंग कर दी। कोई भी इसके लिए तैयार न था और गोली भेलूपुर थाने के कॉन्स्टेबल अतहर अली को हाथ लगी। फायरिंग देख पुलिस ने पोजिशन ले ही और पूरे एरिया में हड़कम्प मच गया।

दोनों तरफ से हुई गोलीबारी

अर्से बाद बनारस पुलिस रीयल एनकाउंटर फेस कर रही थी। हेमंत ने अंदर से फिर दो-तीन बार गोली चलाई। जवाब में पुलिस ने भी गोलियां चलाई। करीब छह राउण्ड गोलीबारी के बाद अंदर से फायरिंग रूक गयी। पुलिस को जब यकीन हो गया कि अब खतरा नहीं है तो उसे अंदर का रूख किया। अंदर हेमंत खून से लथपथ हालत में पड़ा था। मौके से एक नाइन एमएम की पिस्टल और एक रिवाल्वर मिली है। इसके अलावा कबीरनगर में लूटा गया मोबाइल फोन और रुपये भी हेमंत के पास से बरामद हुए।

हर दुकानदार रखता था हॉकी-डंडा

हेमंत लक्सा थाने को हिस्ट्रीशीटर होने के अलावा बहुत मनबढ़ था। इलाके के लोगों के मुताबिक हेमंत अक्सर रात में नशे में आता था और इलाके के दुकानदारों को पिस्टल दिखाकर पूरे दिन की कमाई छीन लेता था। कुछ दुकानदार उससे इतने आजीज थे कि वो हॉकी-डंडा लेकर बैठते थे ताकि यदि हेमंत नशे में वसूली के लिए आए तो वो उसे भगा सकें मगर हर किसी के मन में ये डर जरूर रहता था कि कहीं वो अपने आदत के मुताबिक गोली ना चला दे।

लम्बा चौड़ा है क्राइम रिकार्ड

भले ही हेमंत मौर्या का नाम अन्नू त्रिपाठी, किट्टू, बाबू यादव जैसा नहीं था मगर उसके कारनामें अच्छे खासे थे। वह बड़े या छोटे क्राइम में कुछ भी कर डालता था। मामूली रकम की लूट से लेकर मर्डर तक। लक्सा, भेलूपुर थाने में हेमंत के खिलाफ दो दर्जन से ज्यादा आपराधिक मामले दर्ज थे। इनमे आधा दर्जन मामले हत्या के हैं जबकि बाकि लूट और अन्य है। इनमे से मेन था भेलूपुर में एक ज्वेलर और उसके कर्मचारी पर हमला कर लूट, बृजइंक्लेव में महिला के जेवर की लूट, सुन्दरपुर में महिला से जेवर की लूट और हाल ही में कमच्छा पर अपने दोस्त को ही गोली मारकर घायल करना। इसके अलावा सूत्र हेमंत का इंवॉल्मेंट डिप्टी जेलर मर्डर केस से भी बताते हैं। डिप्टी जेलर मर्डर के बाद से ही पुलिस इसे खोज रही थी।

भाई को भी दी थी धमकी

हेमंत कितना मनबढ़ था इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि उसने एक बार अपने फूफेरे भाई से रुपये न मिलने पर उसे भी जान से मारने की धमकी दी थी। पारिवारिक सूत्रों की मानें तो हेमंत एक बार जेल में था और उसे रुपयों की जरुरत थी। पेशी पर आने पर उसने अपने फूफेरे भाई को फोन कर रुपये मांगे थे लेकिन उसके न करने पर जेल से निकलने के बाद उसे परेशान करने लगा था।