- पूर्वाचल भर की पुलिस के लिए सिर दर्द बना शातिर बदमाश रोहित उर्फ सनी सिंह एनकांउटर में ढेर

- एसटीएफ ने कबीरचौरा स्थित महिला अस्पताल में घेर कर मारा, गोलीबारी में हेड कॉन्स्टेबल भी जख्मी

- दो साथी पकड़े गए, तीन हुए फरार, मौके से दो बाइक, दो पिस्टल और एक इनोवा बरामद

VARANASI

लगातार वारदातों को अंजाम देकर व्यापारियों के बीच आंतक का पर्याय बन चुके रोहित उर्फ सनी सिंह का एसटीएफ ने बुधवार की रात खात्मा कर दिया। बनारस में अर्से बाद रीयल एनकाउंटर में जहां सनी सिंह ढेर हुआ वहीं उसके दो साथी भी पुलिस के हत्थे चढ़े हैं। इस मुठभेड़ में एसटीएफ का एक हेड कॉन्स्टेबल भी गोली खा बैठा। पढि़ये एनकाउंटर की डिटेल रिपोर्ट

गोलियों से दहला अस्पताल, सहमा कबीरचौरा

पूर्वाचल का शातिर बदमाश और भ्0 हजार के इनामी रोहित सिंह उर्फ सनी सिंह को पुलिस, क्राइम ब्रांच और एसटीएफ ने कहां-कहां नहीं ढूंढा। पुलिस गलियों में खाक छानती रही लेकिन वो मिला भी तो महिला अस्पताल में। बुधवार की रात कबीरचौरा स्थित राजकीय महिला अस्पताल कैम्पस में आखिरकार एसटीएफ ने सटीक मुखबिरी के जरिये सनी को उसके गैंग के साथ घेर लिया। इसके बाद दोनों तरफ से हुई फायरिंग में सनी मारा गया और एसटीएफ का एक हेड कॉन्स्टेबल आलोक सिंह जख्मी हुआ। सनी के ऊपर पूर्वाचल में दो दर्जन से ज्यादा मुकदमे हैं। मौके से उसके दो साथी भी पकड़े गए जिनके नाम मनोज सोनकर और प्रदीप सोनकर पता चला है। जबकि तीन अन्य फरार होने में कामयाब रहे। एसटीएफ ने मौके से दो पिस्टल, दो बाइक और एक इनोवा कार बरामद की है।

लूट की कर रहे थे प्लैनिंग

एक के बाद एक घटनाओं को अंजाम दे कर पुलिस की नींद हराम करने वाला सनी सिंह अचानक घिर जाएगा, ये किसी ने नहीं सोचा था। एनकाउंटर के बाद मौके पर पहुंचे आईजी जोन अमरेन्द्र कुमार सेंगर की माने तो सनी अपने साथियों के साथ लूट की किसी वारदात की प्लैनिंग के लिए महिला अस्पताल में पहुंचा था। एसटीएफ को सनी के वहां होने की सटीक सूचना मिली तो उसने घेरेबंदी कर दी। एसटीएफ ने घेरेबंदी कर सनी और उसके साथियों को सरेंडर करने के लिए कहा लेकिन इसके तुरंत बाद बदमाशों ने फायरिंग शुरू कर दी। इस हमले की उम्मीद एसटीएफ को भी नहीं थी और इस फायरिंग में आलोक सिंह घायल हो गए। उनके पैर में गोली लगी।

दोनों ओर से चली गोलियां

बदमाशों की ओर से फायरिंग होने पर एसटीएफ भी जवाबी फायरिंग शुरू कर दी। फायरिंग की आवाज सुनते ही हॉस्पिटल कैम्पस और कबीरचौरा रोड साइड अतरातफरी मच गई। एन्काउंटर की सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस ने सड़क का एरिया खाली करा लिया। कई मिनट तक दोनों तरफ से हुई गोलीबारी में सनी सिंह मारा गया। उसे सिर और सीने में गोलियां लगीं। सनी के मारे जाने पर उसके साथियों की हिम्मत जवाब दे गई और वो दीवार फांद कर भागने की कोशिश में लग गए जिसमें से दो को पकड़ लिया गया। तीन भागने में सफल रहे। पुलिस की मानें तो वहां कुल छह बदमाश थे।

कुल ख्8 मामलों में था वॉन्टेड

सनी सिंह सिर्फ बनारस नहीं बल्कि पूरे पूर्वाचल की पुलिस को परेशान किए हुए था। लंका स्थित माधव मार्केट में रहने वाले अशोक सिंह टाइगर का बेटा सनी मूल रुप से गाजीपुर का रहने वाला था। सनी पर हत्या, डकैती, लूट, गैंगेस्टर सहित रंगदारी के कुल ख्8 मामले दर्ज हैं। सनी का नाम पिछले दिनों गाजीपुर में हुए डबल मर्डर में चर्चा में आया। यहां इसने दो सगे सराफा कारोबारी भाइयों को मौत के घाट उतारा था। इसके अलावा गाजीपुर में ही एक सपा नेता की हत्या के अलावा पिछले दिनों फूलपुर में पेट्रोल पम्प संचालक अरविंद सिंह की हत्या में शामिल था। हाल ही में सिगरा के जय प्रकाश नगर कॉलोनी में गोकुल चौहान की हत्या और दो दिन पहले जगतगंज में सूजी मैदा कारोबारी के यहां हुई ख्7 लाख की डकैती में भी सनी का नाम सामने आया था।

हाल में इनाम हुआ था भ्0 हजार

सनी का लगातार क्राइम वर्ड में सक्रिय होना उसे पुलिस की नजर में बड़ा अपराधी बना रहा था। यही वजह है कि हाल ही में ही इस पर पुलिस मुख्यालय से भ्0 हजार का ईनाम रखा गया था।

अपना गैंग चलाता था सनी

सनी सिंह गैंग पूर्वाचल के उन गिने चुने गैंग में शामिल हैं जो अपने बल पर संचालित किए हो रहे हैं। सनी सिंह पिछले कुछ सालों से दवा मंडी सहित विशेश्वरगंज मंडी में रंगदारी वसूलने का काम कर रहा था। आलम ये था कि सनी के नाम की एक चिठ्ठी से ही कारोबारी कांप उठते थे। मैदागिन और आस-पास की मंडियों से उसकी जबरदस्त कमाई थी।

ख्0क्ब् में जेल से आया था बाहर

सनी सिंह को पिछले ही साल एक हत्या के मामले में जमानत मिली थी। एसटीएफ सूत्रों की मानें तो ख्9 नवंबर ख्0क्ब् को सनी ने गुपचुप तरीके से जमानत की तैयारी करवाने के बाद जमानत ली थी। इसके बाद बाहर आने के साथ ही उसने हत्या की कई वारदातों को अंजाम दिया।

क्म् महीने बाद हुआ एनकाउंटर

करीब क्म् महीने बाद बनारस पुलिस के एक धड़े ने एक बदमाश को उसके अंजाम तक पहुंचा है। पिछले साल सात मार्च ख्0क्ब् को पुलिस ने दुर्गाकुंड में लूट के आरोपी और डिप्टी जेलर अनिल त्यागी की हत्या में शामिल रहे शातिर बदमाश हेमंत मौर्या का एनकांउटर भेलूपुर स्थित एक शराब के ठेके पर किया था। इसके बाद से पुलिस की गोली किसी बदमाश को छू नहीं सकी थी।

आतंकी हमले की अफवाह से फैली सनसनी

देर शाम कबीरचौरा जैसे भीड़भाड़ वाले इलाके में गोलियों की तड़तड़ाहट सुनने के बाद क्षेत्र के लोगों का दिल बैठ गया। काफी देर तक जब गोलियों की आवाजें नहीं थमी तो लोगों ने गुरुदासपुर पंजाब की तर्ज पर अस्पताल में आतंकी हमले की अफवाह फैलानी शुरू कर दी। देखते ही देखते पूरे शहर में आतंकी हमने की खबर फैल गई। हालांकि बाद में जब एनकाउंटर थमा तो लोगों को बदमाश के मारे जाने की जानकारी हुई।