- डकैत घनश्याम केवट ने मारी थी एसटीएफ के इंस्पेक्टर को गोली

- छह साल से चल रहा है इलाज, हुआ 13वां आपरेशन

ALLAHABAD: भ्0 हजार रुपए के इनामी घनश्याम केवट की एक गोली एसटीएफ इंस्पेक्टर को छह साल से दर्द दे रही है। ऐसा जख्म मिला है जिसका इलाज छह साल से चल रहा है। हाथ में गोली लगने के बाद भी आज तक अंगुलियां ठीक से काम नहीं कर पा रही हैं। अब मुम्बई के एक डॉक्टर ने इंस्पेक्टर के हाथों का क्फ्वां आपरेशन किया है। इस आपरेशन के बाद उम्मीद की एक किरण नजर आ रही है। शायद अब उनके हाथों की अंगुलियां काम करने लगें और वह एक बार फिर से क्रिमिनल्स से लोहा ले सकें।

मौत छूकर निकली थी

छह साल पहले भ्0 हजार रुपए का इनामी बदमाश घनश्याम केवट पुलिस के लिए सिरदर्द बना था। बांदा में उसकी लोकेशन मिलते ही एसटीएफ की टीम ने उसे घेर लिया। वह एक घर में छिपा था। क्म् जून ख्009 को इलाहाबाद एसटीएफ टीम ने मोर्चा संभाला। दोनों तरफ से फायरिंग शुरू हो गई। इस दौरान पुलिस के कई जवान मार दिए गए। क्रास फायरिंग में एक गोली एसटीएफ के इंस्पेक्टर नवेन्दु सिंह की गर्दन को छूते हुए हाथ में जा लगी। जख्मी हालत में नवेन्दु का शहर के एक हॉस्पिटल में इलाज शुरू हुआ। डॉक्टर ने उनकी जान बचा ली। लेकिन हाथ में ऐसा जख्म हो गया कि अंगुलियां बेकार हो गई।

अब तक क्फ् आपरेशन

डॉक्टर के लिए हाथों का आपरेशन भी चैलेंज बन गया। एक के बाद एक करके कई आपरेशन हुए। इलाहाबाद से लेकर मुम्बई तक के एक्सपर्ट डॉक्टर की टीम ने हाथ का ऑपरेशन किया। छह साल के बाद भी स्थिति ऐसी नहीं बनी कि हाथ का अंगूठा काम कर सके। मार्च महीने में एक बार फिर से मुम्बई जाकर इंस्पेक्टर नवेन्दु ने हाथ के पंजे का क्फ्वां आपरेशन कराया। इस बार आपरेशन के साथ ही पंजे में राड भी लगी है। उम्मीद है कि इसके बाद वह ठीक हो जाएंगे।

भ्0 घंटे के बाद मारा गया

डकैत अकेला था। उसे मारने के लिए कमांडों के साथ सैकड़ों पुलिस वाले गए थे। वह कितना खौफनाक था इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उस आपरेशन को अंजाम देने के लिए पुलिस को भ्0 घंटे से ज्यादा समय लगा। वह बस्ती में छिपा था और इधर से उधर छिप कर पुलिस वालों को टारगेट करके गोली मार दे रहा था। क्म् जून को शुरू हुई मुठभेड़ क्8 जून को डकैत की मौत के बाद खत्म हुई।