तीन माह में एक हजार पेशेंट
लगातार पेशेंट सामने आने के बाद लोगों में इस जानलेवा बीमारी के प्रति दहशत भी बैठी हुई है। हेल्थ डिपार्टमेंट भी इस पर लगाम लगाने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ रहा है। जबकि, इसकी आड़ में एक और खतरनाक बीमारी तेजी से अपने पैर पसार रही है जिसकी ओर किसी का ध्यान नहीं जा रहा है। वह है मलेरिया। पिछले तीन महीनों से इसके पेशेंट्स की संख्या एक हजार से ऊपर बनी हुई है। इससे बेखबर ऑफिसर्स भी इसे फिलहाल हल्के में ले रहे हैं.

कम होने का नाम नहीं ले रही पेशेंट्स की संख्या
आंकड़ों पर नजर डालें तो पिछले तीन महीनों में अचानक मलेरिया के केसेज में जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है। अगस्त में जहां मरीजों की संख्या 1076 थी वहीं सितंबर में यह 1786 पहुंच गई। अक्टूबर में तकरीबन 1500 मलेरिया के पेशेंट सामने आए। यह हालात तब हैं जब हेल्थ डिपार्टमेंट डेंगू पर लगाम लगाने के लिए लगातार एंटी लार्वा स्प्रे और फॉगिंग कराने में जुटा है। आमतौर पर अक्टूबर में मच्छर से फैलने वाली डिजीज काफी हद तक कम हो जाती हैं लेकिन इस साल ऐसा नहीं हो रहा है। सीजन चेंज होने के बावजूद मच्छर का कहर चरम पर है.

इसमें तो जान भी जा सकती है
मादा एनॉफिलीज मच्छर के काटने से दो तरह का मलेरिया फैलता है। इनमें प्लाज्मोडियम वाइवैक्स या पीवी जहां खतरनाक होता है वहीं प्लाज्मोडियम फैल्सीपेरम यानी पीएफ उससे अधिक जानलेवा साबित होता है। इसके होने पर अक्सर पेशेंट की जान पर बन आती है। सितंबर में जहां पीएफ के 10 पेशेंट थे वहीं अक्टूबर में इनकी संख्या बढ़कर 14 पहुंच गई। पीएफ में अक्सर तेज बुखार की वजह से पेशेंट की जान जाती है। इस डिजीज में फीवर 104 डिग्री सेल्सियस से ऊपर चला जाता है और पेशेंट की हालत काफी नाजुक हो जाती है.

आंकड़ों पर एक नजर

मंथ      पीवी       पीएफ
जनवरी   28          3
फरवरी   59          0
मार्च      81         0
अप्रेल     115      1
मई       161        1
जून        317     0
जुलाई     703       0
अगस्त     1076    2
सितंबर    1786     10
अक्टूबर    1494    14

डेंगू ने भी लगाई हॉफ सेंचुरी
एक ओर मलेरिया अपने शबाब पर है तो दूसरी ओर डेंगू ने पहली बार सिटी में हाफ सेंचुरी लगा दी है। उसके पेशेंट्स की संख्या 52 पहुंच चुकी है। पिछले दो दिनों में तीन और नए पेशेंट सामने आए हैं। लाख कोशिशों के बावजूद नंबर ऑफ पेशेंट़्स घटने का नाम नहीं ले रहे हैं। इतना सब होने के बाद भी ऑफिसर्स का कहना है कि सीजन चेंज हो रहा है और इसकी वजह से मच्छर से फैलने वाली बीमारियों पर अपने आप रोक लग जाएगी.

इन लक्षणों के दिखने सतर्कता बरतें
जिस स्पीड से मलेरिया फैल रहा है उसको देखते हुए एलर्ट रहने की जरूरत है। लक्षण सामने आते ही सबसे पहले डॉक्टर से संपर्क करें वरना दिक्कत हो सकती है। खासतौर से एक दिन छोड़कर कंपकंपी के साथ तेज बुखार, सिर व पूरे बदन में तेज दर्द और कमजोरी महसूस हो तो मलेरिया की जांच जरूर कराएं। मलेरिया होने पर पेशेंट को अचानक तेज फीवर आता है और फिर पसीने के साथ यह कम होने लगता है। यह क्रम लगातार चलता रहता है.

कंफ्यूजन के चलते फैला मलेरिया

एक्सपट्र्स की मानें तो इस सीजन में अचानक डेंगू का प्रकोप होने पर लोगों का ध्यान उस ओर चला गया। लोगों ने अपने घरों में डिब्बे, गमले और कूलर में जमा साफ पानी को तो हटा दिया लेकिन घर के आसपास के जलभराव को नजरअंदाज कर दिया। जहां डेंगू का मच्छर साफ पानी में लार्वा देता है वहीं मलेरिया फैलाने वाले मच्छर ठहरे हुए गंदे पानी में पनपते हैं। लोग डेंगू से तो बच गए लेकिन मलेरिया की चपेट में आ गए। डॉक्टर्स की मानें तो आसपास किसी भी तरह का जलभराव सेहत के लिए खतरनाक साबित हो सकता है.

बचना है तो इन्हें करें फालो
- घर के आसपास हुए जलभराव में मिट्टी या जला हुआ मोबिल आयल डाल दें.
- सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करें.
- नीम की पत्ती का धुआं करने से मच्छर भाग जाते हैं.
- पूरे आस्तीन के कपड़े पहनें.
- बिना डॉक्टरी सलाह कोई दवा न खाएं। प्रेगनेंट महिलाएं और एक साल से कम के बच्चों के लिए यह बेहद जरूरी है.
- मलेरिया होने पर एस्प्रीन, ब्रूफेन, कार्टिस्ट्राएड आदि दवाओं का यूज न करें। खाली पेट मलेरिया की दवा खाना हॉर्मफुल हो सकता है.