-शहर के सर्विस सेंटर्स से है कंपनियों का टाईअप

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बरेली:

आजकल अधिकांश घरों, शॉप, इंस्टीट्यूट, फर्म या अन्य स्थान पर एसी लगे हैं। लोग गर्मी से बचने के लिए एसी पर खर्चा करते हैं और बिजली का महंगा बिल भी चुकता करते हैं। एसी बनाने वाली कंपनियां अधिक से अधिक सेल के लिए तमाम लुभावने ऑफर देती हैं। कंपनियां एसी खराब होने पर इंजीनियर भेजकर रिपेयरिंग का भी दावा करती हैं लेकिन कंपनियों को कस्टमर का ज्यादा ख्याल नहीं रहता है, क्योंकि जिसे इंजीनियर बताकर एसी ठीक करने के लिए भेजा जाता है, वह सिर्फ मैकेनिक या फिर टेक्नीशियन होते हैं। इसी वजह से कई बार एसी में खराबी या फिर कर्मचारियों की लापरवाही से कंप्रेसर ब्लास्ट हो जाता है और हादसे के शिकार हो जाते हैं।

सर्विस सेंटर को दे देते हैं ठेका

कंपनी, एसी रिपेयरिंग या गैस रिफलिंग का पूरा ठेका शहरों में बने सर्विस सेंटर्स को दे देती हैं। सर्विस सेंटर पर कुछ कर्मचारी अप्वाइंट कर लिए जाते हैं, जिनके पास न तो कोई इंजीनियरिंग की डिग्री होती है और न ही कोई टेक्नीशियन का सर्टिफिकेट। हां एसी रिपेयरिंग की शॉप पर काम करते-करते उन्हें अनुभव जरूर होता, इसी आधार पर उन्हें काम दे दिया जाता है। कई बार तो कर्मचारियों को सैलरी पर रखा जाता है तो कई बार उन्हें सिर्फ विजिट की कमीशन मिलती है। कर्मचारियों के भविष्य की भी चिंता नहीं होती है, कि हादसा होने पर उनका क्या होगा।

कंप्रेसर फटने से हुआ हादसा

स्पिलिट एसी की आउटडोर यूनिट के अंदर कंप्रेसर होता है और इसके बाहर कॉपर या एल्यूमिनियम के पाइप का जाल होता है। इसी पाइप से होकर गैस गुजारी जाती है। बाहर की हवा इस पाइप के संपर्क में आकर ठंडी होकर रूम में पहुंचती है। संडे को जो हादसा हुआ उसमें इस्तेमाल हो रहे गेज को खराब बताया जा रहा है। गैस रिफिलिंग करते वक्त अचानक कंपे्रसर तेज धमाके के साथ फट गया जिससे पूरी आउटडोर यूनिट उड़ गई और दोनों कर्मचारी घायल हो गए।