- आई नेक्स्ट इंजीनियरिंग गेटवे 2014 के टू-डेज मेगा सेमिनार में स्टूडेंट्स ने बढ़ चढ़कर लिया हिस्सा

- पहले दिन डिफरेंट फील्ड्स के एक्सप‌र्ट्स ने इंजीनियरिंग एस्पिरेंट्स को दी सक्सेस टिप्स

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KANPUR : इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल करने से ज्यादा अहम है कहां से इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे हैं। फकत सपने देखने या पढ़ाई का टाइम टेबल बना लेने भर से जेईई क्रैक नहीं होता। क्0+ख् के बाद इंजीनियरिंग ग्रेजुएशन की द बेस्ट डिग्री है जहां से एकेडमिक्स और करियर की कई राहें निकलती हैं। पढ़ते तो सब हैं, लेकिन दो दिन में एक जेल पेन खत्म नहीं किया तो समझ लीजिए आप सही मायनों में इंजीनियरिंग की तैयारी नहीं कर रहे इंजीनियर बनने की चाहत रखने वाले स्टूडेंट्स को सफलता के ऐसे ही ढेर सारे मंत्र गुरूवार को सीखने को मिले। मौका था, आई नेक्स्ट, जागरण जोश और वीआईटी के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित 'आई नेक्स्ट इंजीनियरिंग गेटवे' ख्0क्ब् का। रागेन्द्र स्वरूप ऑडीटोरियम में ऑर्गनाइज सेमिनार के पहले दिन एक्सप‌र्ट्स ने स्टूडेंट्स की सभी शंकाओं का समाधान किया।

इंजीनियरिंग से निकलती कई राहें

सेमीनार का इनॉग्रेशन दीप प्रज्जवलन के साथ हुआ। फ‌र्स्ट सेशन में करियर लॉन्चर के फाउंडर प्रो। नीरज प्रसाद ने कहा कि इंजीनियरिंग करना बड़ी बात नहीं है। मगर, आप किस कॉलेज से इंजीनियरिंग कर रहे हैं, यह जरुर मैटर करता है। एडमिशन से पहले कॉलेज या यूनिवर्सिटी की फैकल्टी, इंफ्रास्ट्रक्चर, मैनेजमेंट, इंडस्ट्री लिंकेज समेत अन्य बातों की पड़ताल जरुर कर लें। अब जमाना ऐसी स्ट्रीम में करियर बनाने का है, जिससे कई राहें निकलती हों। इंजीनियरिंग करके शानदार सैलरी पैकेज तो हासिल किया ही जा सकता है। एमबीए, आईटी जॉब्स, बैंकिंग, एमएस-एमटेक और सी-सैट जैसे करियर के ऑप्शन्स भी हमेशा खुले रहते हैं। हालांकि, इंजीनियरिंग करने के लिए नॉलेज, टेक्निकल एक्सपर्टीज, पर्सनेलिटी और लैंग्वेज स्किल्स का होना बहुत जरुरी है।

बेसिक्स और फंडामेंटल हों क्लियर

बिना ऑब्जेक्टिव या गोल के तैयारी करना एकदम गलत है। यह कहना है एचबीटीआई के डिप्टी रजिस्ट्रार प्रो। एसके शर्मा का। उन्होंने कहा कि रटने से काम नहीं चलने वाला। रटने से नंबर तभी आ सकते हैं जब आपको क्वेश्चन पेपर में ठीक वैसे ही सवाल मिले, जैसा कि आपने तैयारी करते वक्त किताबों में पढ़ा हो। एग्जाम में सवाल ट्विस्ट करके दिये जाते हैं, इसलिए बेसिक्स और फंडामेंटल्स का क्लियर होना बेहद जरुरी है। तभी सफलता मिल सकती है। एनसीईआरटी की 'एबीसी' की बुक्स आती हैं, जिसमें न्यूमेरिकल्स समेत अन्य क्वेरीज को आसानी से सॉल्व किया जा सकता है।

कैमिस्ट्री से मत डरें

इंजीनियरिंग की तैयारी में कैमिस्ट्री का रोल काफी इम्पॉर्टेट होता है। इससे डरें मत। ना ही उसे इग्नोर करें। यह कहना है सीएसजेएम यूनिवर्सिटी के यूआईईटी डिपार्टमेंट में असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ। बीपी सिंह का। जेईई के लिए स्टूडेंट्स को तैयारी का सही तरीका भी बताया गया। डॉ। सिंह के अनुसार तैयारी ऑर्गेनिक पार्ट से स्टार्ट करें। यह कॉन्सेप्ट बेस्ड होती है। रिएक्शन मैकेनिज्म किसी अच्छी किताब से पढ़ें। ऑर्गेनिक के बाद फिजिकल कैमिस्ट्री और उसके न्यूमेरिकल्स सॉल्व करना फायदेमंद रहता है। इन-ऑर्गेनिक सबसे बाद में पढ़ना चाहिए।

पढ़ाई के साथ सोना भी जरुरी

इंजीनियरिंग की तैयारी करने वाले युवा दिन में 7 घंटे की नींद जरुर लें। वरना माइंड वीक होगा और नर्वस सिस्टम कमजोर हो जाएगा। भरपूर नींद भी डेली डाइट और एक्सरसाइज की तरह ही है। दोपहर एक बजे शुरू सेमीनार के सेकेंड सेशन में बोलते हुये यह बात एचबीटीआई के मैथेमेटिक्स प्रोफेसर डॉ। एसयू सिद्दकी ने कही। उन्होंने कहा कि कॉम्पटीशन की तैयारी घड़ी सामने रखकर करें। जिससे टाइम बाउंड प्रिपरेशन की जा सके। इंजीनियरिंग कॉलेजों की फीस के मुद्दे पर डॉ। सिद्दकी ने कहा कि टैलेंटेड बच्चों के लिए बैंक्स में लोन की सुविधा रहती है। दूसरा, कई कॉलेज स्कॉलरशिप दे रहे हैं। जबकि कहीं पर तो पूरे साल की ट्यूशन फीस तक माफ कर दी जाती है। इसलिए इंजीनियरिंग की तैयारी में फाइनेंशियल क्राइसिस अब कोई बाधा नहीं रह गई है।

कोचिंग की जरुरत नहीं

पीपीएन कॉलेज के बायोलॉजी प्रोफेसर एसपी सिंह का मानना है कि मेडिकल कॉम्पटीशन के लिए कोचिंग की जरूरत नहीं होती बशर्ते बच्चे के बेसिक्स क्लियर हों। बायो टीचर प्रो। सिंह ने बच्चों से कहा कि अगर एनसीईआरटी बुक्स की एक-एक लाइन अच्छी तरह से पढ़ ली जाएं तो मेडिकल में सेलेक्ट होने से कोई रोक नहीं सकता। अब सीपीएमटी में बोर्ड ओरिएंटेड क्वेश्चन ही आते हैं। बायो में कोई कैल्कुलेशन नहीं होती। क्80 में क्ख्0-क्फ्0 सवाल भी सही हो तो पीएमटी में आसानी से सेलेक्शन हो जाता है। इसलिए जिनका सपना डॉक्टर बनने का है तो एनसीईआरटी की बुक्स जरुर पढ़े। हालांकि नीरज प्रसाद का कहना था कि इंजीनियरिंग के लिए कोचिंग की जरूरत पड़ती है भले ही मेडिकल में एनसीईआरटी की किताबों से काम चल जाता हो

ब्रांच के हिसाब से सेलेक्ट करें कॉलेज

इंजीनियरिंग में कॉलेज के साथ ही ब्रांच का चुनाव बेहद अहम होता है। एचबीटीआई में डीन ऑफ स्टूडेंट्स वेलफेयर डॉ। एसके उपाध्याय के मुताबिक कॉलेज से कॉम्प्रोमाइज किया भी जा सकता है, लेकिन ब्रांच से नहीं। इसलिए फॉर्म में च्वाइस सोच समझकर फिलअप करें, क्योंकि एक बार कॉलेज मिला तो उसे चेंज करवा पाना मुश्किल है। दूसरा, अगर पढ़ते हैं तो खुद को रिफ्रेश जरुर करते रहें। उन्होंने कहा कि क्भ् अगस्त से ख्म् जनवरी तक का टाइम पढ़ाई का रखें। उसके बाद सिर्फ रिवीजन करें।

'फायर' की जरुरत

वीआईटी यूनिवर्सिटी के सीनियर प्रोफेसर व साइंटिस्ट असित रंजन घोष ने सेमीनार में आये स्टूडेंट्स को यूनिवर्सिटी की उपलब्धियां गिनाई। आई नेक्स्ट, जागरण जोश समेत स्टूडेंट्स का शुक्रिया अदा करते हुये असित रंजन घोष ने कहा कि सफलता के लिए खुद के अंदर फायर होनी चाहिए। तभी इंसान अपनी मंजिल तक पहुंचता है। स्टूडेंट्स के सवालों का जवाब देते हुये उन्होंने बताया कि वीआईटी का एंट्रेंस एग्जाम अगले साल 8 अप्रैल से क्9 अप्रैल तक कुल क्ख् दिनों तक अलग-अलग शहरों में कंडक्ट करवाया जा रहा है। पिछले साल दो लाख से ज्यादा फॉ‌र्म्स बिके थे, जिनमें क्.9ब् लाख स्टूडेंट्स ऑनलाइन एग्जाम में अपीयर हुये थे। फाइनली कुल म्,000 स्टूडेंट्स का ही सेलेक्शन हुआ। उन्होंने वीआईटी के भीतर प्रोफेशनल माहौल और विश्वस्तरीय सुविधाओं की बात बताई। स्टूडेंट्स ने उनसे खूब सवाल भी पूछे। बेस्ट क्वेश्चंस पर अवॉर्ड भी दिए गए।

सिम्पल ग्रेजुएट का स्कोप नहीं

उत्तम करियर इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर अरूणेन्द्र सोनी ने कहा कि इंजीनियिंरग करने वालों के लिए करियर की फील्ड में ऑप्शन्स की कमी नहीं होती। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ सालों के सिविल सर्विसेज एग्जाम के रिजल्ट चेक कर लें। सबसे ज्यादा आईएएस-आईपीएस बनने वाले इंजीनियर्स ही हैं। एक इंजीनियर के लिए जितने करियर ऑप्शन्स हैं। बीए, बीएससी, बीकॉम करने वाले सिम्पल ग्रेजुएट के लिए उतना स्कोप नहीं है।

मैथ्स सबसे अहम

इंजीनियरिंग में मैथ्स का जिक्र न हो, भला ऐसा कैसे हो सकता है। इसलिए जब मैथ्स की फील्ड में नौ-नौ किताबें लिखने वाले प्रोफेसर मुकेश सिंह जब मंच पर पहुंचे। तो स्टूडेंट्स ने सवालों की बौछार कर दी। प्रो। सिंह ने भी बच्चों को उनके सवालों के जवाब बेहद रोचक अंदाज में दिये, जिससे ऑडिटोरियम में हंसी के ठहाके भी गूंजे और जमकर तालियां भी बजीं।

एंटरटेनमेंट जबर्दस्त

सेमीनार के दोनों सेशन में बिग एफएम की टीम भी पहुंची। आरजे की टीम ने बच्चों के साथ जमकर मस्ती की। आरजे योगी ने बच्चों के पुशअप्स समेत टंग ट्विस्टर जैसे ढेर सारे इम्तहान लिये। जिसे देखकर बच्चों ने खूब एंज्वॉय किया। कॉम्पटीशन जीतने वाले स्टूडेंट्स को आई नेक्स्ट की ओर से टी-शर्ट समेत अन्य गिफ्ट्स अवार्ड किये गये।

स्कूलों का जबर्दस्त रिस्पॉन्स

आई नेक्स्ट इंजीनियरिंग गेटवे में शिरकत करने वाले स्टूडेंट्स ने सेमीनार की जमकर तारीफ की। बीएनएसडी शिक्षा निकेतन व ओंकारेश्वर सरस्वती इंटर कॉलेज समेत कई कॉलेजों व इंस्टीट्यूट्स के बच्चों ने अपने-अपने डाउट्स क्लियर किये। सभी बच्चों ने एक सुर में कहा कि सेमीनार अटेंड करके उनके कई सारे कंफ्यूजन दूर हुये हैं। एक्सप‌र्ट्स की हर सलाह को बच्चों ने अपने रजिस्टर में नोट किया। वहीं कुछ स्टूडेंट्स वीडियो भी बनाया, जिससे कंफ्यूजन की स्थिति में वीडियो देखकर शंका का समाधान कर सकें। दोनों सेशन में ऑडीटोरियम तालियों की गड़गड़ाहट से गूंजता रहा।