-केंद्रों पर टिक कर परीक्षा कराए जाने की बनी रणनीति

FATEHPUR: बोलकर नकल कराने की युक्ति प्रशासन के संज्ञान में आ गई है। इस मिशन को फ्लॉप करने के लिए अधिकारियों ने रणनीति बनाई है। इस रणनीति के तहत नकल के लिए विख्यात हो चुके परीक्षा केंद्रों में सचल दल पूरे समय मौजूद रहेंगे।

क्योंकि बदल गया है नकल का तरीका

बोर्ड परीक्षा में नकल कराने का तरीका बदल गया है। अब पुरानी तरकीब से नकल नहीं होती है। तरीका बदले जाने से अब सचल दस्ते के पहुंचने पर पुर्चियों की बरसात नहीं होती है। ज्ञाता विषय विशेषज्ञों से बोलकर नकल कराने की योजना को प्रशासन भी पकड़ नहीं पा रहा है। अधिकारियों को भली भांति मालूम है कि नकल हो रही है। इसके बाद भी परीक्षा केंद्रों से नकल और नकलची नहीं पकड़े जा रहे हैं और शिक्षा माफिया प्रशासन के लिए चुनौती बने हुए हैं। खास बात यह कि यह व्यवस्था सिर्फ जिले में नहीं बल्कि पूरे प्रदेश में चल रही है। यही वजह है कि बोर्ड बैठकों की मीटिंग में इस तरह से हो रही नकल को रोकने के लिए कदम उठाने के निर्देश दिए हैं।

शिक्षा के इस स्तर में काम आसान नहीं

नकल कराने वालों की मानें तो मुंह बोल कर नकल कराया जाना आसान काम नहीं है। खासकर अंग्रेजी जैसे सब्जेक्ट में उच्चारण (प्रोनांसिएशन) के बाद भी परीक्षार्थी लिख नहीं पाते हैं। उन्हें स्पेलिंग तक बोलनी पड़ती है। कमोवेश यही हाल गणित का भी है। साल भर मौज मस्ती में डूबे रहे छात्रों के पल्ले नहीं पड़ता है, जिससे आवाज कक्षों से बाहर आ जाती है। अन्यथा बोलकर कराई जाने वाली नकल से अच्छा कोई दूसरा साधन नहीं है।

'नकल विहीन परीक्षा के लिए बोर्ड से निर्देश आए हैं। मुंह बोलकर कराई जाने वाली नकल पर भी विराम लगाएंगे। अंग्रेजी और गणित के विषयों में ध्यान केंद्रित किया गया है। केंद्रों में सचल दल, स्टेटिक मजिस्ट्रेट का पहरा लगा दिया जाएगा। माफियाओं के मंसूबों को ध्वस्त किया जाएगा.'

-मोहम्मद रफीक, जिला विद्यालय निरीक्षक