- मेडिकल कॉलेज में मरीज, तीमारदार से मारपीट का मामला

- प्राचार्य ने बनाई चार लोगों टीम, खंगालेंगे सीसीटीवी फुटेज

GORAKHPUR:

बीआरडी मेडिकल कॉलेज में मरीज और उसके तीमारदारों की पिटाई के मामले की जांच के लिए प्राचार्य ने टीम गठित की है। चिकित्सा शिक्षा राज्य मंत्री राधेश्याम सिंह के संज्ञान लेने पर प्राचार्य ने कदम उठाया। प्रिंसिपल ने चार विभागों के अध्यक्ष की टीम बनाकर जांच रिपोर्ट देने को कहा। जूनियर डॉक्टर्स की हरकतों पर लगाम कसने के निर्देश दिए। सीनियर डॉक्टर्स ने छवि खराब होने को लेकर जूनियर्स को नसीहत का पाठ पढ़ाया। साफ कहा कि किसी मामले में पुलिस की मदद लें। उनकी हरकतों से बीआरडी की बदनामी हो रही है।

ड्रिप लगाने की बात पर भड़के

सोमवार को ट्रामा सेंटर में बवाल हुआ था। ड्रिप लगाने की शिकायत करने पर जूनियर डॉक्टरों ने बेदर्दी की हद पार कर दी। कुशीनगर जिले की पेशेंट खुशबूनिशा और उनके तीमारदारों को पीटा। जूनियर डॉक्टरों की लापरवाही से गंभीर पेशेंट फर्श पर गिर गई। परिजनों ने विरोध जताने का प्रयास किया तो पुलिस ने उन पर लाठियां बरसाई। उनके मददगारों पर भी पुलिस ने लाठियां तोड़ी। करीब दो घंटे तक ट्रामा सेंटर में अफरा-तफरी मची रही। कई पेशेंट्स भर्ती होने के बजाय जूनियर डॉक्टर्स की हालत देखकर लौट गए।

पुलिस ने किया प्रयास दब जाए मामला

मरीज और उसके तीमारदारों के साथ हुई घटना में पुलिस ने एक पक्षीय कार्रवाई की। मरीज और उसके तीमारदारों को जबरन टेंपो में बैठाकर भगा दिया। गुलरिहा पुलिस ने मामले को दबाने का पूरा प्रयास किया। उधर इस मामले में मेडिकल कॉलेज प्रशासन भी लीपापोती करने में लगा रहा। कॉलेज प्रशासन ने भी ऐसी कोई पहल नहीं कि जिससे एडमिट पेशेंट्स भी रातभर दहशत में रहे। मेडिकल कॉलेज से जुड़े लोगों का कहना है कि आए दिन जूनियर डॉक्टर्स मरीज से मारपीट करते हैं। उनकी हरकतों से डरे-सहमे लोग मेडिकल कॉलेज आने से कतराने लगे हैं।

सीसीटीवी फुटेज खंगालेगी जांच टीम

मंगलवार को प्रिंसिपल डॉ। राजीव मिश्र ने सभी विभागों के एचओडी के साथ मीटिंग की। इसके बाद कमेटी बनाने का निर्णय लिया गया। जांच कमेटी के मेंबर्स सीसीटीवी फुटेज देखकर आरोप-प्रत्यारोप पर फाइनल मुहर लगाएंगे। जनरल सर्जरी विभाग के डॉ। योगेश पाल, आर्थो सर्जरी के डॉ। अशोक यादव, मेडिसिन विभाग के डॉ। माहिम मित्तल के साथ कैजुल्टी मेडिकल आफिसर डॉ। आरके चतुर्वेदी को शामिल गया है। इस दौरान सीनियर डॉक्टर्स ने जूनियर्स को हर हाल में संयम बरतने की नसीहत दी। कहा कि उनकी हरकतों से मेडिकल कॉलेज की छवि खराब हो रही है। उधर इंसेफेलाइटिस वार्ड में मासूम की मौत की जांच शुरू हो गई है। शनिवार की रात सौ नंबर बेड वाले वार्ड में तिवारीपुर निवासी अश्वनी के चार साल के बेटे शिवांश की मौत हो गई थी। परिजनों ने आरोप लगाया कि बच्चा तड़पता रहा। कोई डॉक्टर उसे देखने नहीं आया। जूनियर डॉक्टर्स, नर्सेज और गार्ड से स्पष्टीकरण मांगा गया है।