- पांच जनवरी की बैठक में कुलपति अपने कुलसचिव के साथ जाएंगे

- राजभवन ने शासन से नियुक्त रजिस्ट्रार को अपनी बैठक में बुलाया

Meerut: सीसीएस यूनिवर्सिटी में वीसी और रजिस्ट्रार की तकरार लंबे समय से चली आ रही है। जिस पर अंकुश लगने का नाम है। इसी तकरार और खींचतान को लेकर कुलाधिपति राज्यपाल ने प्रदेश की सभी यूनिवर्सिटी के वीसी व रजिस्ट्रार को अपने पास बुलाया है। जिनके साथ कई बिंदुओं पर बातचीत होगी। साथ ही इस मीटिंग में सीसीएस यूनिवर्सिटी जैसा हाल ना हो इस पर अधिक ध्यान रहेगा। लेकिन इस मीटिंग में जाने को लेकर सीसीएस यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार और वीसी फिर आमने सामने आ गए हैं। जहां वीसी अपने साथ प्रभारी रजिस्ट्रार को ले जा रहे हैं वही राजभवन ने शासन से नियुक्त रजिस्ट्रार को इस मीटिंग में शामिल होने के निर्देश दिए हैं।

यह है मामला

छात्र संघ चुनाव से पहले हुई ईसी की मीटिंग के दौरान वाइस चांसलर वीसी गोयल और रजिस्ट्रार मनोज कुमार के बीच किसी बात को लेकर अनबन हो गई थी। जिसके चलते वीसी ने रजिस्ट्रार मनोज कुमार को उनके कार्य से मुक्त कर दिया था। साथ ही इनको रिलीव भी कर दिया था। लेकिन इसके बाद भी मनोज कुमार अपनी सीट पर लगातार बने हुए थे। जिनका कहना था कि वे शासन से नियुक्त हैं, वीसी इनको यहां से हटा नहीं सकते। उधर वीसी ने इनको अपने यहां रजिस्ट्रार रखने से साफ इंकार कर दिया और इनकी जगह प्रभारी रजिस्ट्रार प्रभाष द्विवेदी को बना दिया।

अब हुआ ये

यूनिवर्सिटी में इन दोनों अधिकारियों की लड़ाई का असर दूसरी यूनिवर्सिटी पर ना पड़े इसको लेकर राजभवन ने बैठक का निर्णय लिया। जिसमें राज्यपाल ने पांच जनवरी को सभी यूनिवर्सिटीज के वीसी व रजिस्ट्रार को अपने यहां बुलाया है। जिसमें कई प्वाइंट्स पर बातचीत होगी। अब यहां फिर गड़बड़ी हो गई। वीसी अपने साथ प्रभारी रजिस्ट्रार प्रभाष द्विवेदी को साथ ले जा रहे हैं। इसकी शिकायत शासन से नियुक्त रजिस्ट्रार मनोज कुमार ने राजभवन कर दी। जिसमें उन्होंने अपनी बात रखते हुए बैठक में शामिल होने की मंजूरी मांगी। इसके साथ ही राजभवन से रजिस्ट्रार मनोज कुमार को शामिल होने के निर्देश दिए गए।

यह थी शिकायत

क्7 दिसंबर को कुलाधिपति राज्यपाल रामनाईक के प्रमुख सचिव जूथिका पाटणकर की ओर से जारी निर्देश में राजभवन की ओर से होने वाली बैठक में सभी यूनिवर्सिटीज के वीसी और रजिस्ट्रार को बुलाया गया। सभी वीसी के पास यह निर्देश पहुंचे। लेकिन वीसी की ओर से रजिस्ट्रार मनोज कुमार को कोई सूचना नहीं दी गई। रजिस्ट्रार मनोज कुमार ने इसकी शिकायत करते हुए ख्ब् दिसंबर को पत्र लिखकर कुलाधिपति को स्थिति से अवगत कराते हुए अपने लिए निर्देश की अपेक्षा की। पत्र में रजिस्ट्रार मनोज कुमार ने लिखा था कि कुलपति की ओर से उन्हें राजभवन की बैठक के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई। साथ ही यूनिवर्सिटी में अन्य कुलसचिवों की ओर से ही कार्य लिए जाने की शिकायत की।

राजभवन के निर्देश

रजिस्ट्रार के इस लेटर के जवाब में कुलाधिपति के सचिव चंद्रप्रकाश की ओर से फ्0 दिसंबर को जवाब भेजा गया। जिसमें रजिस्ट्रार मनोज कुमार को ही बैठक में शामिल होने का निर्देश दिया गया है। साथ ही इस पत्र की एक प्रति वीसी को भी भेजी गई है, जिससे कुलपति को भी इसकी जानकारी मिल सके। राजभवन के स्पष्ट निर्देश के बाद भी वाइस चांसलर वीसी गोयल अपनी जगह अटके हुए हैं। उन्होंने इस निर्देश के बाद मनोज कुमार को फिर से साथ ले जाने से मना कर दिया है। इसके चलते अब इस बैठक में दो रजिस्ट्रार पहुंचेंगे। अब देखना यह है कि मीटिंग में एंट्री किस रजिस्ट्रार को मिलेगी।

चर्चा के बिंदू

- कुलपति व कुलसचिव संबंधों में समन्वय

- ससमय शैक्षिक सत्र का समापन

- लोकतांत्रिक व्यवस्था के दृष्टिगत छात्र संघों का चुनाव

- नैक मूल्यांकन का सुनिश्चितीकरण

- श्रेष्ठ विवि को सम्मानित करने हेतु 'चांसलर अवार्ड' प्रदान करना जिससे उच्च शिक्षा के उन्नयन में प्रतिस्पर्धा बढ़े

- अत्यधिक छात्र संख्या एवं शिक्षा गुणवत्ता के दृष्टिगत परीक्षा प्रणाली व मूल्यांकन प्रक्रिया की समीक्षा

- दीक्षांत समारोह कार्यक्रम का संचालन, प्रोटोकाल, वेशभूषा, आमंत्रण पत्र एवं उद्बोधन में एकरूपता पर विचार

वर्जन

राजभवन के पत्र की प्रति मुझे भी मार्क की गई है, लेकिन मैं अपने साथ बैठक में अपने प्रभारी कुलसचिव प्रभाष द्विवेदी को लेकर जाऊंगा। मैंने पूरी जानकारी पहले ही राजभवन व शासन को दे दी है। ऐसे में मेरे कार्यवाहक सचिव ले जाने पर राजभवन का कोई आपत्ति होगी या कुछ पूछा जाएगा तो उसके जवाब दिए जाएंगे। - वीसी गोयल, वाइस चांसलर, सीसीएसयू मेरठ