क्र ने अभी नहीं दिया जवाब
डॉ। एपी सिंह ने बताया कि बीसीबी में यह कोर्स यूजीसी की योजना के अंतर्गत अप्रूव्ड होकर खोला गया। राजभवन से 2010 के जुलाई में एमएससी एंवॉयरमेंटल साइंस की संबद्धता भी मिल गई। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि वे वर्ष 1994 से पूर्णकालिक प्रवक्ता के पद पर हैं। ऐसे में उन्होंने अपने प्रपोजल में इस सजेक्ट में आरडीसी गठित करने के साथ उन्हें गाइड बनाए जाने का प्रपोजल आरयू को दिया। आरयू ने अभी इस संबंध में कोई जवाब नहीं दिया है।
लेकिन ordinance अभी तय नहीं
आरयू के सामने सबसे बड़ी समस्या यह है कि पीएचडी के लिए अभी ऑर्डिनेंस को अप्रूवल नहीं मिला है। यूजीसी द्वारा 2009 में पीएचडी कराने के लिए चेंज किए गए रूल्स के बाद से ही आरयू में पीएचडी के लिए रजिस्ट्रेशन बंद है। लास्ट ईयर ही आरयू ने अपना ऑर्डिनेंस फाइनल कर शासन और राजभवन को अप्रवूल के लिए भेजा। लेकिन अभी तक उस पर कोई पॉजीटिव जवाब नहीं आया है। रजिस्ट्रार केएन पांडेय ने बताया कि जब तक ऑर्डिनेंस के संबंध में शासन से कोई जवाब नहीं आ जाता, तब तक हम पीएचडी को लेकर किसी भी प्रकार डिसीजन नहीं ले सकते इसलिए अभी टीचर्स और स्टूडेंट्स को पीएचडी के लिए इंतजार करना होगा।
Self finance भी बन सकता रोड़ा
यदि एंवॉयरमेंटल साइंस में भी आरयू आरडीसी गठित कर देता है, तो भी इस सजेक्ट में गाइड नियुक्त करने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। यूजीसी ने पीएचडी के लिए जो नया रेगुलेशंस जारी किया है उसमें डिग्री टीचर्स से गाइड बनने का अधिकार छीन लिया गया है। इसके साथ ही उसमें दिए गए एक और नियम के अनुसार सेल्फ फाइनेंस के टीचर्स को भी गाइड नहीं बनाने का निर्देश दिया गया है। ऐसे में यहां पर डॉ। एपी सिंह के इस प्रपोजल को धक्का लग सकता है। हालांकि आरयू ने अपने ऑर्डिनेंस में इन दोनों नियमों में बदलाव कर शासन को उसे अप्रूवल के लिए भेजा है।