- सूखते पौधों से कैसे बचेगा एंवॉयरमेंट

- पौध की होगी फोटोग्राफी व वीडियोग्राफी

<- सूखते पौधों से कैसे बचेगा एंवॉयरमेंट

- पौध की होगी फोटोग्राफी व वीडियोग्राफी

BAREILLY:

BAREILLY:

पर्यावरण की बेदी पर हो रहे विकास ने बरेली की हरियाली को भी निगल लिया है। हालात यह है कि सड़कों पर पेड़-पौधों की छांव बीते दिनों की बात हो चुकी है। अब तो कॉलोनियों में भी इक्का-दुक्का पेड़ ही हैं, जो हरियाली का अहसास करा रहे हैं। यही वजह है कि आग बरसाती धूप में टेम्प्रेचर आसमान की ओर चढ़ रहा है। कुछ एक सड़कें हैं, जिनके किनारे पेड़ पौधे लगे हैं, जहां तपती धूप में लोगों को राहत मिल पाती है। वैसे तो बरेली में हर साल लाखों रुपए खर्च कर पौधे लगाये जाते हैं, लेकिन इसकी हरियाली सिफ कागजों में ही दिखायी पड़ती है।

ख्फ्7 हेक्टेयर में लगेंगे पौधे

बरेली प्रभाग के अंतर्गत ख्ख्भ्.97 हेक्टेयर वन भूमि हैं। इस वर्ष भी करीब ब् लाख पौधे लगाने का लक्ष्य मिला हुआ है। इनमें से ख्.80 लाख पौधे वन विभाग और क्.ख्0 लाख पौधे अन्य विभाग को मिल कर लगाना हैं। वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि ख्फ्7 हेक्टेयर में इस वर्ष प्लांटेशन होगा। बारिश की शुरुआत होते ही पौधरोपण शुरू कर दिया जाएगा।

दो तरह से होगा प्लांटेशन

प्लांटेशन का काम दो तरह से होगा। पहला क्क्00 पौध प्रति हेक्टेयर लगाए जाएंगे। दूसरा ग्रीन बेल्ट पैटर्न पर पौध लगाए जाने का काम होगा। ग्रीन बेल्ट पैटर्न में म्ख्भ् पौध प्रति हेक्टेयर लगाए जाएंगे। एक पौध पर शासन से करीब ख्ख् रुपए का फंड अलॉट होता हैं। इस हिसाब से ब् लाख पौध के लिए 88 लाख रुपए का फंड स्वीकृत हुआ है।

रामगंगा किराने भी लगेंगे प्लांट

नमामि गंगे योजना के तहत रामगंगा किनारे भी पौध लगाए जाएंगे। पिछले दिनों डीएम पिंकी जोवेल ने इस संबंध में एक बैठक भी की थी। पौधों के लिए गड्डे खोदने का काम क्भ् जून तक पूरा कर लेने के निर्देश दिए गए हैं। पौधरोपण की फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी भी कराई जाएगी। ताकि, यह सुनिश्रि्वत किया जा सके कि लक्ष्य के मुताबिक पौधरोपण जिले में हुआ हैं।

बॉक्स

- ख्ख्भ्.97 हेक्टेयर वन भूमि जिले में।

- ख्.80 लाख पौध वन विभाग लगाएगा।

- क्.ख्0 लाख पौधे अन्य विभाग लगाएगा।

- ख्ख् रुपए एक पौधे पर आएगा खर्च।

पौधे लगाने की पूरी तैयारी हो चुकी हैं। बारिश होते ही पौधरोपण का कार्य शुरू कर दिया जाएगा। इस वर्ष ख्फ्7 हेक्टेयर में पौधरोपण होगा।

धर्म सिंह, जिला वन अधिकारी