-बिजली विभाग के एसई ने अभियंताओं से मांगी डिफाल्टर कांट्रेक्टर्स की सूची

-ईपीएफ घोटाले का खुलासा होने पर लेबर डिपार्टमेंट ने भी मांगा थे रिकॉर्ड

Meerut: बिजली विभाग में काम कर रहे संविदा कर्मियों के ईपीएफ का रुपया हड़प करने वाले कांट्रेक्टर्स पर मुकदमा दर्ज कराया जाएगा। विभाग के एमडी के निर्देशों पर हरकत में आए अफसरों ने आनन-फानन में मामले का संज्ञान लेते हुए डिफाल्टर कांट्रेक्टर की सूची तैयार कर ली। जिसके बाद उनको न केवल विभाग की ओर से ब्लैक लिस्टेड किया जाएगा। बल्कि फंड हेरा फेरी मामले में उनके खिलाफ मुकदमा भी दर्ज कराया जाएगा।

क्या है मामला

मेरठ समेत पश्चिमांचल के चौदह जिलों में ख्00क् के बाद संविदा पर काम करने की प्रथा शुरू हुई थी, जिसको लेकर विभाग में बिजली घरों से लेकर दफ्तरों में बैठे में कंप्यूटर ऑपरेटरों के लिए टेंडर के माध्यम से विभाग में संविदा कर्मचारियों के तौर पर रखा गया। विभाग की ओर से इन संविदा कर्मचारियों के वेतन व ईपीएफ आदि के लिए पूरी व्यवस्था की गई थी, लेकिन विभाग में कांट्रेक्ट लेने वाला कांट्रेक्टर न केवल इन कर्मचारियों से अधिक काम कराता है। बल्कि की इनके ईपीएफ की हजारों करोड़ की धनराशि भी डकार रहा है।

करोड़ों के घोटाले से उठेगा पर्दा

बिजली विभाग की ओर से होने वाले अनुबंध में एक संविदा कर्मचारी के ईपीएफ के रुप में क्म् हजार रुपए की धनराशि एक साल में कांट्रेक्टर को दी जाती है। जबकि कांट्रेक्टर की ओर से ईपीएफ के नाम पर कर्मचारी को एक फूटी कोड़ी भी नहीं दी जाती। आंकड़ों पर गौर करें तो मेरठ समेत पूरे पश्चिमांचल में काम रहे लगभग ख्भ् हजार संविदा कर्मचारियों का यह ईपीएफ घोटाला चार सौ करोड़ से भी ऊपर जाता है।

श्रम विभाग ने भी लिया था संज्ञान

संविदा कर्मियों के ईपीएफ के नाम पर बिजली विभाग में हुए सैकड़ों करोड़ के घोटाले का लेबर डिपार्टमेंट ने भी संज्ञान लिया था। मामले का खुलासा होने पर डिप्टी लेबर कमिश्नर मधुर सिंह ने बिजली विभाग के अफसरों की बैठक बुलाकर कांट्रेक्टर्स की लिस्ट और संविदा कर्मियों के फंड का पूरा ब्यौरा प्रस्तुत करने के लिए कहा था।

आईनेक्स्ट ने किया था खुलासा

बिजली विभाग में हो रही करोड़ों के इस ईपीएफ घोटाले का आईनेक्स्ट ने भांडा फोड़ किया था। मामले के खुलासे के बाद बिजली विभाग में हड़कंप मच गया था। संविदा कर्मचारियों के वेतन व ईपीएफ में गड़बड़ी के मामले को गंभीरता से लेते हुए पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम के एमडी विजय विश्वास पंत ने एक जांच कमेटी का गठन कर पूरे मामले की रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए थे।

डिफाल्टर कांट्रेक्टर्स की लिस्ट तैयार कराई जा रही है। संविदा कर्मियों को ईपीएफ न देना एक गंभीर अपराध है। ऐसे कांट्रेक्टर्स को ब्लैक लिस्टेड कर उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया जाएगा।

पीके निगम, एसई अर्बन विद्युत वितरण मंडल मेरठ