- केस्को के स्टोर में 100 करोड़ से ज्यादा के उपकरण हो रहे कंडम

- स्टोर रूम से बिजली के उपकरण चोरी मामले के बाद शुरू हुई एसटीएफ की जांच में खुलासे के बाद हड़कंप

- 1 महीने से ज्यादा लग जाएंगे भरे हुए स्टोर रूम में मौजूद उपकरणों की गिनती में फिर भी हर साल मंगवाए जाते हैं उपकरण

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यन्हृक्कक्त्र: केस्को के स्टोर और पर्चेज डिपार्टमेंट की मिलीभगत से बड़ा 'खेल' हो रहा है। ये हाल तब है जब पब्लिक जर्जर और लचर सप्लाई सिस्टम के कारण बिजली संकट से जूझ रही है। वहीं केस्को स्टोर में अरबों रुपए के बिजली उपकरण सड़ रहे हैं। वहीं अरबों का सामान 'सड़ने' के बावजूद हर साल करोड़ों से ज्यादा का सामान खरीदा जा रहा है। यह 'गोरखधंधा' कई वर्षो से जारी है। एसटीएफ के केस्को को राडार पर लेने के बाद शुरू हुई जांच में इसका खुलासा हुआ है। स्टोर में केबल, कंडक्टर, ब्रेकर आदि बिजली उपकरणों की भरमार और उनकी स्थिति देखकर जांच अधिकारियों की आंखें फटी की फटी रह गई है। स्टोर रूम में कम से कम 100 करोड़ रुपए के उपकरण खराब हो रहे हैं और केस्को के अधिकारी फिर भी हर साल नए उपकरण खरीदकर 'खेल' खेल रहे हैं। अब यूपीपीसीएल ने सेंट्रलाइज टीम बनाकर केस्को स्टोर्स की जांच कराने की तैयारी की है।

अरबों का माल पकड़ा

कुछ समय पहले एसटीएफ ने दिल्ली, नौबस्ता, रतनपुर आदि जगहों पर अरबों रुपए के बिजली उपकरण बरामद किए थे। छापे के दौरान दिल्ली में उन्हें केस्को से जुड़े सबूत भी मिले। इससे एसटीएफ की राडार पर केस्को भी आ गया। एसटीएफ के आईजी अमिताभ यश ने इसकी जानकारी प्रमुख ऊर्जा आलोक कुमार को भी दी। इससे केस्को में हड़कम्प मचा हुआ है। आनन-फानन केस्को के स्टोर में मौजूद उपकरणों की जांच के लिए डीजीएम पंकज सक्सेना, चीफ इंजीनियर संतोष कुमार व सुपरिटेंडेंट इंजीनियर मो। आरिफ की टीम बना दी।

9 हैं केस्को के स्टोर

सिटी में केस्को के 9 स्टोर हैं, इनमें से 2 रिवर साइड पॉवर हाउस, 2 बिजलीघर परेड, एक केसा कालोनी, एक नौबस्ता, एक मालवीय बिजलीघर, एक साइकिल मार्केट और एक मैकराबटर््सगंज में हैं। बिजनेस प्लान, व्यापार निधि, शासन के प्रोजेक्ट, मेंटीनेंस आदि के लिए खरीदे गए बिजली के उपकरण केस्को के इन्हीं स्टोर्स में रखे जाते हैं।

फटी की फटी रह गई आंखें

जांच टीम में शामिल डीजीएम पंकज सक्सेना, चीफ इंजीनियर संतोष तिवारी और सुपरिटेंडेंट इंजीनियर मो.आरिफ अभी तक रिवर साइड पॉवर हाउस स्टोर की जांच पूरी नहीं कर पाए हैं। खुले में बेतरतीबी से पड़े कीमती बिजली उपकरणों को देखकर इन ऑफिसर्स के पैरों तले जमीन खिसक गई है। जो कि बारिश में सड़ रहा है। जानकारों की मानें तो केवल आरपीएच स्टोर में ही इतना ज्यादा सामान है कि तीन दिनों में जांच टीम उपकरणों की लिस्ट तक तैयार नहीं कर सकी है।

बदल जाएं शहर की जर्जर लाइनें

रिवर साइड पावर हाउस में वीजल, डॉग, एरियल बंच कंडक्टर, ऑ‌र्म्ड केबल आदि के दर्जनों ड्रम मिले हैं। जो कि एक हजार किलोमीटर से भी अधिक हैं। जानकारों का कहना है कि ये कंडक्टर, केबल अगर लगा दिया जाएं तो शहर में जर्जर लाइनों की समस्या पूरी तरह से खत्म हो सकती है।

ये उपकरण मिले हैं

वीजल व डॉग कंडक्टर, 11 केवी एचटी केबल, एरियल बंच कंडक्टर, ऑ‌र्म्ड केबल, डबल मीटर विद सीटी व पीटी यूनिट, ब्रेकर आदि

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आरपीएच स्टोर में बहुत सारा सामान पड़ा हुआ है। इसे रिआर्गनाइज किया जाएगा। जो सामान भीगकर खराब होने वाला है, उसे सुरक्षित अंदर रखने का आदेश दिया गया है। अब स्टोर के सामानों की जांच सेंट्रलाइज्ड टीम या थर्ड पार्टी करेगी, इसके लिए जल्द ही यूपीपीसीएल से आदेश जारी होने की उम्मीद है।

सौम्या अग्रवाल, एमडी केस्को