महिला थाने का दरवाजा खटखटाना पड़ा

आखिरकार वह इसी साल मई में किसी तरह भाग आई। यहां आने पर सास-ससुर के साथ मैनेज करने की कोशिश की लेकिन बात नहीं बनी और उसे न्याय के लिए महिला थाने का दरवाजा खटखटाना पड़ा। शनिवार को वह महिला थाने पहुंची और अपनी दर्द भरी दास्तान थानाध्यक्ष मृदुला कुमारी को सुनाई। उसने लिखित कंप्लेन कर अपनी सुरक्षा और पति सहित सास-ससुर पर कार्रवाई का अनुरोध किया है।

Dowry के लिए torture

सुगंधा के पिता वीरेन्द्र कुमार सिंह डीएमसीएच में डॉक्टर हैं। राजेन्द्र नगर के कौशल्या अपार्टमेंट के फ्लैट नम्बर 402 में रहते हैं। सुगंधा की ससुराल पटना में खाजपुरा के साकेत इनक्लेव के फ्लैट नम्बर 207 में है। उसकी शादी 28 जून 12 को काफी धूम धाम से हुई मगर धीरे-धीरे दहेज की डिमांड ने उसकी खुशियों में जहर घोलना शुरू कर दिया। नौबत मारपीट तक आ गई। सुगंधा ने महिला थाने में लिखकर जो दिया है उसके मुताबिक उसे पति बिक्रम, ससुर मंधाता प्रसाद सिंह और सास इंदिरा सिंह लगातार दहेज के लिए उसपर दबाव बनाते हैं।

Flat की registry करो

सुगंधा का पति बिक्रम लंदन के बारक्लेज बैंक में नौकरी करता है। वह बार-बार सुगंधा पर दबाव डालता है कि अपने पिता को बोलकर पटना की फ्लैट उसके नाम करवा दे, जबकि सुगंधा सिर्फ दो बहन है और उसके पिता कई बार कह चुके हैं कि उनके बाद तो यह संपत्ति उनकी वारिस दोनों बेटियां ही होंगी। मगर इसपर भी उन लोगों को तसल्ली नहीं हो रही है।

मायके से मंगवाया लंदन का टिकट

सुगंधा ने पुलिस को दिए अप्लीकेशन में जिक्र किया है कि कैसे उसे जब पति के साथ लंदन जाना था तो एयर टिकट भी उसके पिता से ही कटवाया गया। इसके लिए 1,07,000 का टिकट कटवाया गया। इससे पहले वीजा के इंटरव्यू के नाम पर भी उसके पिता से ही 25 हजार रुपए लिये थे। 16 नवम्बर को वह लंदन चली तो गई लेकिन पति के जुल्म को सह न सकी और इसी साल 11 मई को वह वहां से किसी तरह निकलकर पटना आई। पति विक्रम भी इसी महीने की 16 तारीख को पटना आया। बात नहीं बनी और सुगंधा को न्याय के लिए थाने आना पड़ा। थानाध्यक्ष मृदुला कुमारी ने बताया कि सुगंधा ने जो आरोप लगाया है उसकी जांच होगी, जो भी उचित होगा उसपर कार्रवाई की जाएगी।