- एसटीएफ को मिली कामयाबी, भेजा जेल

- बस स्टेशन पर घेराबंदी कर लिया हिरासत में, जूनियर हाईस्कूल में है टीचर

GORAKHPUR: दीवानी कचहरी के लॉकअप से फरार योगेश मिश्र को एसटीएफ ने अरेस्ट किया। रविवार की रात करीब साढ़े नौ बजे बस स्टेशन पर उसकी लोकेशन मिली। घेराबंदी करके पुलिस ने उसे दबोच लिया। आरोपी योगेश जूनियर हाई स्कूल में टीचर है। उसके परिवार के सदस्य भी शिक्षा से जुड़े हैं। एसटीएफ गोरखपुर यूनिट के सीओ ने बताया कि आरोपी से कई तरह की जानकारी मिली है। इसके आधार पर पुलिस जांच पड़ताल में जुटी है। उसके खिलाफ 12 हजार का इनाम था।

सूरज के कहने पर भागा योगेश

सोमवार की रात एसटीएफ गोरखपुर यूनिट को योगेश के संबंध में जानकारी मिली। पुलिस टीम ने कचहरी बस स्टेशन के पास घेराबंदी कर ली। बस पकड़कर लखनऊ की निकलने की कोशिश में उसको दबोच लिया। पूछताछ में योगेश ने बताया कि 24 नवंबर को वह कोर्ट में पेशी पर गया। लॉकअप में सेंध लगी देखकर सूरज ने भागने का ऑफर दिया। मौका पाकर वह सूरज के साथ निकल गया। लहसड़ी में प्रॉपर्टी डीलर के ऑफिस में रात गुजारने के बाद दोनों अलग-अलग हो गए।

गवाहों को दे रहा था धमकी

एसटीएफ का कहना है कि 13 अगस्त 2013 को कैंपियरगंज एरिया के राखूखोर में हत्या हुई थी। योगेश मिश्रा पर आरोप है कि उसने गांव के गोविंद मिश्रा की गोली मारकर जान ले ली। पुलिस ने उसको अरेस्ट करके जेल भेज दिया था। लॉकअप से फरार होकर वह मुकदमे के गवाहों को धमकी दे रहा है। पुलिस ने दावा किया गवाहों के हत्या की साजिश रचने के लिए वह फरार हुआ। योगेश को जेल भेजकर पुलिस उसके मददगारों की तलाश में लगी है।

पुलिस ने बढ़ाया विवाद

एसटीएफ के हाथ लगे योगेश ने दावा किया कि उसे पुलिस ने अपराधी बनाया। गांव के मामूली झगड़े में पुलिस ने कार्रवाई नहीं की। विपक्षियों के हमले से बचने के लिए उसने गोली चलाई जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई। योगेश ने कहा कि उसके परिवार की लोग शिक्षा विभाग से जुड़े हैं। योगेश जहां खुद शिक्षा मित्र से टीचर बना। वहीं उसकी पत्‍‌नी प्राइमरी स्कूल में अध्यापक हैं। उसके पिता और रिश्तेदार भी अध्यापन करते हैं। कहा कि पुलिस मामूली झगड़ों को निपटा दे तो कोई विवाद नहीं बढ़ेगा।

फरारी में वसूली करती रही पुलिस

एसटीएफ यूनिट से योगेश ने खुलकर बात की। कहा फरारी के दौरान कैंपियरगंज थाना के एक सिपाही ने उसके घर जाकर उत्पीड़न किया। रुपए के लिए वह किसी न किसी को थाने ले आता रहा। एक बार उसकी पत्‍‌नी को हिरासत में लिया गया। हर बार पांच से 10 हजार रुपए की वसूली करके छोड़ा गया। उसने रुपए वसूलने वाले सिपाही का नाम भी एसटीएफ को बताया है।

भागकर गोपालगंज पहुंचा योगेश

योगेश ने पुलिस को बताया फरारी के बाद वह बिहार जाने की बात कहकर निकला। लेकिन देवरिया के राघवनगर निवासी साढ़ू के घर चला गया। दो दिन बाद वहां से गोपालगंज निवासी माफिया सतीश पांडेय के घर शरण ली। गोरखपुर जेल में बंद बिसई सिंह का हवाला देकर उसने सतीश के घर पनाह ली। कुछ दिन रहने के बाद नेपाल के नेपालगंज में जाकर रहने लगा। आनंद नगर स्थित ससुराल में आकर उसने गवाहों को धमकाने की योजना बनाई। पुलिस का कहना है कि शराब का आदी योगेश के खिलाफ अन्य कोई क्रिमिनल रिकॉर्ड नहीं है।

जेल से फरार 12 हजार के इनामी बदमाश की तलाश चल रही थी। सोमवार की रात योगेश के बारे में सूचना मिली। पुलिस ने घेराबंदी करके उसको अरेस्ट कर लिया। उसके पास से मोबाइल फोन, एटीएम कार्ड और मतदाता पहचान पत्र बरामद हुआ।

विकास चंद त्रिपाठी, सीओ एसटीएफ यूनिट, गोरखपुर