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JAMSHEDPUR: आदित्यपुर स्थित इंप्लाई स्टेट इंश्योरेंस कॉरपोरेशन (ईएसआईसी) हॉस्पिटल शहर के आठ से 10 लाख वर्कर्स व उनकी फैमिली को इलाज की पूरी सुविधा नहीं दे पा रहा है। कई विभागों के ओपीडी में डाक्टरों की तैनाती नहीं होने से मरीजों को निराश होना पड़ता है। अल्ट्रासाउंड डिपार्टमेंट में रेडियोलाजिस्ट की तैनाती नहीं होने से जांच की सुविधा भी नहीं मिल पा रही है। हॉस्पिटल के मेडिकल अफसर डॉ निरोज कुजूर ने बताया कि अस्पताल में 50 बेड की सुविधा है, लेकिन अक्सर मरीजों की संख्या ज्यादा होने की वजह से कई को बेड भी नहीं मिल पाता है। उन्होंने बताया कि हॉस्पिटल में 1.6 लाख वर्कर्स रजिस्टर्ड हैं। इससे अस्पताल में 8-10 लाख लोगों को इलाज की सुविधा दी जा रही है।

कई विभागों में नहीं डाक्टर

ईएसआईसी हॉस्पिटल के ओपीडी में नाक-कान-गला रोग विशेषज्ञ, न्यूरोलाजिस्ट, कॉर्डियोलाजिस्ट नहीं हैं। मेटरनिटी लीव के चलते तैनात एक मात्र महिला डेनटिस्ट छह माह की छुट्टी पर हैं। इससे इन रोगों के पीडि़त रोगियों को बिना इलाज के ही वापस लौटना पड़ रहा है। वहीं, प्राइवेट अस्पतालों में रोगियों को रेफर करने पर भी इलाज नहीं मिल पा रहा है। हॉस्पिटल में फॉर्मासिस्ट, नर्स व अन्य पारा मेडिकल स्टाफ की भी कमी है।

अल्ट्रासाउंड विभाग मिला बंद

ईएसआईसी हॉस्पिटल में बने अल्ट्रासाउंड केंद्र में रेडियोलाजिस्ट की तैनाती नहीं होने से मरीजों को अल्ट्रासाउंड की सुविधा नहीं मिल पा रही है। रोगी राजू कुमार ने बताया कि अल्ट्रासाउंड बाहर कराना पड़ता है। इसमें हर बार चार सौ रुपये खर्च होते हैं। प्रेगनेंट महिलाओं को भी बाहर ही अल्ट्रासाउंड करवाना पड़ रहा है।

छह अस्पतालों से टाईअप

शहर के ईएसआईसी अस्पताल से महज छह अस्पतालों के साथ ही टाईअप होने से मरीजों को रेफर होने के बाद भी भटकना पड़ता है। गम्हरिया निवासी मंजू देवी ने बताया कि भाई को रेफर कराकर कांतीलाल हास्पिटल ले गए थे, जहां पर डाक्टरों ने बेड खाली नहीं है कहकर वापस कर दिया। महिला ने बताया कि ईएसआई अस्पताल के डाक्टर भी मरीज को ले जाने के लिए कह रहे हैं। मेडिकल अफसर ने बताया कि शहर के कांतीलाल, मेडिट्रीना, ट्रिपल वन, मर्सी मेमोरियल, पूर्णिमा नेत्रालय और ब्रम्हानंदा अस्पताल के साथ टाईअप हुआ है। अन्य हॉस्पिटल विभाग की गाइडलाइन पर खरे नहीं उतर रहे हैं। इस वजह से शहर के अन्य अस्पतालों से टाईअप नहीं हो पा रहा है।

डिस्पेंसरी से रेफर हो रहे मरीज

शहर में पांच स्थानों पर बनी ईएसआई डिस्पेंसरी में सुविधा नहीं होने से हर दिन सैकड़ों मरीजों को आदित्यपुर स्थित हॉस्पिटल में रेफर किया जाता है। वहीं, कई गंभीर मरीज सीधे इमेरजेंसी विभाग में भर्ती होते हैं।

इंडस्ट्रियल सिटी होने की वजह से शहर में कर्मचारियों की संख्या के अनुरूप 500 बेड का हास्पिटल बनना चाहिए। डाक्टरों की कमी के लिए विभाग को लेटर लिखा गया है। जल्द ही डॉक्टरों और रेडियोलॉजिस्ट की तैनाती की जाएगी।

-डॉ निरोज कुजूर, मेडिकल अफसर, कर्मचारी राज्य बीमा हास्पिटल आदित्यपुर