आई एक्सक्लूसिव

-50 फीसदी तक टारगेट पूरा नहीं कर पाया रजिस्ट्री विभाग

-शोरूमों ने वाणिज्यकर विभाग को बना दिया मालदार

मेरठ: बढ़े सर्किल रेट का विरोध रजिस्ट्री विभाग झेल ही रहा था नवंबर में हुई नोटबंदी ने कमर तोड़ दी। मेरठ में प्रॉपर्टी की खरीद-फरोख्त नोटबंदी के दौरान सर्वाधिक रही तो विभाग टारगेट का 50 फीसदी भी नहीं छू पाया। भूमि अधिग्रहण में 10 फीसदी की हिस्सेदारी ने भू-राजस्व विभाग को नंबर वन बना दिया। वित्तीय वर्ष के समापन पर दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की एक रिपोर्ट

वसूली रह गई आधी

वित्तीय वर्ष 2016-2017 के लिए निबंधन विभाग का 597.70 करोड़ का लक्ष्य था। फरवरी माह तक विभाग की वसूली महज 298.61 करोड़ थी, जो टारगेट का 49.62 प्रतिशत है। 50 फीसदी टारगेट पूरा करने पर शासन ने जहां जबाव-तलब किया है तो वहीं विभाग की दलील है कि नोटबंदी के चलते प्रॉपर्टी की खरीद-फरोख्त ठप रही है। मौजूदा वर्ष में बढ़े सर्किल रेट्स ने भी प्रॉपर्टी कारोबार प्रभावित किया।

भू-राजस्व बना अव्वल

इधर, मेरठ के सरकारी खजाने को भरने में भू-राजस्व विभाग अव्वल साबित हुआ है। 19.53 करोड़ के लक्ष्य को न सिर्फ पूरा करते हुए बल्कि तोड़ते हुए विभाग ने फरवरी माह के अंत तक 67.50 करोड़ रुपये की वसूली की है। लक्ष्य का 345.55 वसूली कर विभाग ने रिकार्ड तोड़ दिया है। भूमि अधिग्रहण के लिए मुआवजे की रकम का 10 प्रतिशत भू-राजस्व विभाग शुल्क के तौर पर वसूल रहा है।

वाणिज्यकर बना 'मालदार'

एक इंटरनेशनल गोल्ड ज्वैलरी ब्रांड के यूपी में स्थित सभी शोरुम का वाणिज्यकर मेरठ में ही जमा होगा। क्योंकि ब्रांड ने मेरठ वाणिज्यकर ऑफिस से ही टिन नंबर इश्यू कराया है। ऐसे में वाणिज्यकर के कड़े टारगेट को पूरा करने में गोल्ड ज्वैलरी ब्रांड का बड़ा हाथ है। फरवरी तक टारगेट का 72 फीसदी विभाग ने पूरा कर दिया था। ऐसे ही सिंचाई विभाग के मेरठ कार्यालय को को मोदीपुरम से दिल्ली भेजे जा रहे पानी का टैक्स मिलता है और टैक्स की यह रकम मेरठ के खजाने में जमा होती है।

एक नजर: आंकड़ों पर

विभाग लक्ष्य प्राप्ति (फरवरी 2017 तक) प्रतिशत 2016 में वसूली प्रतिशत

भू-राजस्व 19.53 67.30 345 14.58 94

निबंधन 597.70 298.61 49.96 337.69 59.33

आबकारी 735.11 496.22 67.59 470.55 69.05

वाणिज्यकर 964.92 720.89 74.71 643.14 72.21

वाहन, यात्री कर 129.02 100.64 84.19 98.02 83.45

विद्युत शुल्क 1664.11 1220.85 73.73 1019.65 81.32

मनोरंजन कर 20.55 16.34 79.53 16.74 77.61

वानिकी 5.43 2.34 43.26 3.47 63.26

सिचाई 30.20 29.80 98.69 21.96 106

मंडी समिति 13.71 10.65 85 10.20 78

पर्यटन विभाग .73 .72 93 .70 95

बाट माप 1.78 1.44 81 1.50 90

नोट-धनराशि करोड़ रुपये में है।

वसूली में पिछड़ा नगर निगम

नगर निकास विभाग द्वारा मेरठ नगर निगम को सत्र 2017 में वसूली का लक्ष्य 94.81 करोड़ रुपये है। फरवरी माह के अंत तक निगम ने विभिन्न टैक्स के माध्यम से 51.78 करोड़ रुपये की वसूली की है। यह टारगेट का 54.62 प्रतिशत है। गत वर्ष नगर निगम ने लक्ष्य के सापेक्ष 68 प्रतिशत वसूली करते हुए सरकारी खजाने में 64.79 करोड़ रुपये जमा कराए थे।

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टारगेट के सापेक्ष विभिन्न विभागों को शत-प्रतिशत वसूली के निर्देश दिए गए हैं। मौजूदा सत्र में ज्यादातर विभाग टारगेट पूरा नहीं कर पा रहे हैं, वसूली बढ़ाने को लेकर लगातार निर्देश दिए जा रहे हैं।

गौरव वर्मा, एडीएम, वित्त एवं राजस्व