- हर जगह एक साथ ही जाते थे तीनों दोस्त

- तीनों की मौत से परिजनों का रो रोकर बुराहाल

KAUSHAMBI(JNN): एक दूसरे को बचाने के प्रयास में गंगा में डूबकर जिंदगी हारने वाले नितिन, सूरज व यतेंद्र गहरे दोस्त थे। इनके बीच कुछ भी बंटा नहीं था। पढ़ाई करने के साथ ही उनका कहीं भी आना-जाना साथ होता था। उनके बीच कभी भी किसी बात को लेकर कोई विवाद नहीं हुआ। इससे उनकी दोस्ती को गांव में अक्सर चर्चा होती थी। परिवार के लोग भी तीनों को अपने बच्चों की तरह प्यार करते थे। तीनों के गांव में अलग-अगल घर जरूर थे, लेकिन वह हमेशा साथ रहते थे और तीनों की मौत भी एक साथ वह भी एक-दूसरे को बचाने में हुई। इस बात की चर्चा पूरे क्षेत्र में है। जिसने भी इनके डूबने की खबर सुनी वह घाट की ओर भागा। उससे जो बन पड़ा वह करने में जुट गया, लेकिन होनी को कोई रोक नहीं सका।

गोताखोर होते तो बच जाती जान

तीन दोस्तों के गंगा में डूबने की जनकारी के बाद गांव के दर्जनों लोग सूचना मिलते ही घाट के किनारे पहुंच कर उनको खोजने में जुट गए। हालांकि परिजनों के बार-बार गुहार लगाने के बाद भी पुलिस व प्रशासन का कोई कर्मचारी मौके पर नहीं पहुंचा। इस बात को लेकर परिजनों व ग्रामीणों में आक्रोश व्याप्त रहा। परिवार के लोगों का आरोप है कि नवरात्र के दिनों में संदीपन घाट में भारी संख्या में लोग गंगा स्नान के लिए आते हैं। ऐसे में गोताखोरों को घाट पर तैनात न किया जाना प्रशासन की भारी चूक है। घाट में गोताखोर तैनात होते तो शायद उनके परिवार के चिराग बच जाते। नितिन, सूरज व यतेंद्र परिवार के बड़े थे। तीनों के एक-एक छोटे भाई हैं।

एक घंटे तक राष्ट्रीय राजमार्ग रहा बाधित

तीनों दोस्तों के गंगा में डूबने के घंटों बाद भी पुलिस व प्रशासन की ओर से उनके बचाव के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया और न ही वहां कोई पहुंचा। इससे आक्रोशित ग्रामीणों ने चाकवन चौराहे के पास नेशनल हाईवे पर जाम लगा दिया। इसकी जानकारी मिलने के बाद एसओ कोखराज विपिन त्रिवेदी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। लोगों को समझाने की नाकाम कोशिश की। इस पर थोड़ी देर बाद एएसपी ओपी पांडेय व सिराथू विधायक वाचस्पति वहां पहुंचे। उन्होंने आक्रोशित लोगों को किसी तरह समझा-बुझाकर जाम खुलवाया। करीब एक घंटे तक लगे जाम में राष्ट्रीय राजमार्ग के दोनों ओर सैकड़ों वाहनों की लाइन लगी रही। तल्ख धूप में वाहनों में बैठे लोगों की फजीहत रही।

गोताखोरों के साथ पहुंचे एसडीएम

ग्रामीणों के हंगामे की सूचना मिलने पर एसडीएम सिराथू लालजी मिश्र इलाहाबाद से बुलाए गए पांच गोताखोरों को लेकर संदीपन घाट पहुंचे। गोताखोरों की मदद से गंगा में समाए तीनों किशोरों को खोजने का प्रयास करते रहे, हालांकि शाम तक उनकी तलाश नहीं हो सकी।