- सेल्फ फाइनेंस के अंतर्गत होंगी क्लासेज

- अनुमति मिली तो इनकी फीस भी होगी हाई

BAREILLY: बीसीबी में एक बार फिर इवनिंग क्लासेस खोले जाने की डिमांड बढ़ने लगी है। स्टूडेंट्स लीडर्स काफी टाइम से क्लासेस शुरू कराने की मांग कर रहे थे। कई बार शासन को ज्ञापन भी भेजा। अब कॉलेज के प्रिंसिपल ने खुद ही शासन को लिखकर इवनिंग क्लासेज शुरू किए जाने की अनुमति मांगी है। यहां लाख टके का सवाल यह है कि यदि इवनिंग क्लासेज शुरू किए जाने की परमीशन मिल भी जाती है तो क्या स्टूडेंट्स इनमें एडमिशन के लिए उत्सुकता दिखाएंगे कि नहीं। क्योंकि अनुमति मिलने के बाद सीटें तो बढ़ जाएंगी लेकिन बाकी सब वह सुविधाएं मिलेंगी जो रेगुलर कोर्सेज में मिलती हैं।

सीट से कई गुना ज्यादा स्टूडेंट्स करते हैं अप्लाई

बीसीबी में बीए, बीकॉम और बीएससी में एडमिशन के लिए जबरदस्त मारामारी रहती है। यहां पर बीए की क्,8ब्0, बीएससी की क्,म्00 और बीकॉम की क्,0ब्0 सीटें हैं। कुल ब्,ब्80 सीटों के मुकाबले लास्ट ईयर करीब ख्ख् हजार स्टूडेंट्स ने एडमिशन के लिए अप्लाई किया था। कॉलेज में एडमिशन लेने वाले स्टूडेंट्स का दबाव इतना है कि हर बार इवनिंग क्लासेज कंडक्ट किए जाने की मांग जोर पकड़ती है। इस बार प्रिंसिपल डॉ। सोमेश यादव ने प्रदेश के सीएम को लेटर लिखकर कैंपस में इवनिंग क्लासेज कंडक्ट कराए जाने की अनुमति मांगी है।

सीटें ज्यादा बढ़ने पर संशय

शासन क्लासेज कंडक्ट कराने की अनुमति देता है तो सीटें बढ़ना तय है। लेकिन इन बढ़ी सीटों पर पढ़ाई इवनिंग में ही होगी। अलग से एडमिशन लिया जाएगा। इसमें एडमिशन का क्राइटीरिया भी अलग होगा। अनुमति मिली तो करीब ब्,000 सीटों के बढ़ने का अनुमान लगाया जा रहा है। हालांकि जितने सीटें रेगुलर कोर्स में है उतनी ही इवनिंग में स्वीकृति दिया जाना संभव नहीं है।

फीस हो जाएगी पांच गुना से ज्यादा

इवनिंग क्लासेज चलीं तो इनकी फीस अलग से तय की जाएगी। बीसीबी में पहले से जो बीए, बीकॉम और बीएससी की जो सीटें हैं वे रेगुलर हैं। उनकी फीस सरकार द्वारा निर्धारित हैं। काफी नॉमिनल फीस है। सभी सब्जेक्ट की फीस ख्,भ्00 से ब्,000 रुपए सालाना के बीच है। जबकि इवनिंग क्लासेज सेल्फ फाइनेंस के तहत कंडक्ट हाेंगी। इनकी फीस प्राइवेट कॉलेजेज की भांति होंगी। ऐसे में हर कोर्स की फीस में मिनिमम भ् गुना से ज्यादा का इजाफा होगा।

टीचर्स का मसला भी फंसेगा

ज्यादा फीस देने के बाद स्टूडेंट्स बीसीबी में एडमिशन लेने से कतराएंगे। पढ़ाई के मामले में बीसीबी की रेपुटेशन काफी खराब है। यहां पर एडमिशन के बाद स्टूडेंट्स सीधे एग्जाम देने ही आता है। क्लासेज कंडक्ट नहीं होंती। ऐसे में स्टूडेंट्स को ज्यादा ही फीस देनी होगी तो वह प्राइवेट कॉलेज में ही एडमिशन लेगा। कम से कम वहां पर क्लासेज तो कंडक्ट होंगी। इन इवनिंग क्लासेस के स्टूडेंट्स को पढ़ाने के लिए टीचर्स का मसला भी फंसेगा। रेगुलर कोर्सेज के टीचर्स सेल्फ फाइनेंस कोर्सेज में नहीं पढ़ाएंगे। ऐसे में नए टीचर्स की नियुक्ति करनी होगी। उनकी सैलरी देने के लिए फीस मं और बढ़ोतरी की जाएगी।