- महंत दिग्विजयनाथ व महंत अवेद्यनाथ की पुण्यतिथि सामारोह में बोले मुख्यमंत्री

- भारतीय संस्कृति में गो-सेवा का महत्व' विषय पर कर रहे थे संबोधित

GORAKHPUR: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश की जनता से अपील की है कि वह गो-सेवा के प्रति संकल्पित हों। हर परिवार कम से कम एक-एक गाय के पालन-पोषण की जिम्मेदारी जरूर ले। उन्होंने कहा कि प्रदेश में चार करोड़ गाय है और 23 करोड़ जनता। ऐसे में पांच लोगों के बीच एक गाय का दायित्व आता है और इस दायित्व को समझना हर परिवार की जिम्मेदारी है। इससे न केवल देश का प्रतीक गोवंश सुरक्षित रहेगा बल्कि समृद्धि की रास्ता तभी खुलेगा। मुख्यमंत्री बुधवार ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ व महंत अवेद्यनाथ की पुण्यतिथि समारोह में आयोजित संगोष्ठियों के क्रम में 'भारतीय संस्कृति में गो सेवा का महत्व' विषय पर संबोधित कर रहे थे।

हर जनपद में बनेगा गौ-सदन

मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश सरकार हर जनपद में एक गौ-सदन का निर्माण करने जा रही है। इसमें पांच हजार से 10 हजार गोवंश के पशु रोखे जा सकेंगे। इन गो-सदनों के संचालन के लिए तो धन सरकार देगी, लेकिन यदि इसे लेकर समाज अपनी जिम्मेदारी समझे और सरकार पर निर्भरता कम हो तो बेहतर स्थिति होगी। उन्होंने लोगों से अपील की कि जिस तरह से हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने नस्ल सुधार करके 10 लीटर दूध देने वाली गाय को 24 लीटर दूध देने वाला बनाया, उस तरह का प्रयास समाज के सभी लोग करें। गोवंश की परंपरा हमारे धर्म और संस्कृति की प्रतीक है। ऐसे में इस प्रतीक को बनाए रखना हर नागरिक की जिम्मेदारी है। हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल आचार्य देवव्रत के जीरो बजट कान्सेप्ट की चर्चा और सराहना करते हुए योगी ने कहा कि गो-वंश की उपयोगिता समझते हुए उससे मिलने वाले दूध और गोबर का सुनियोजित इस्तेमाल किया जाए तो देश स्वावलंबन की ओर बढ़ेगा और गांव समृद्धि की ओर। इसके अलावा गो-पालन आजीविका का साधन भी बन सकता है। इन सबका आधार गो-माता बन सकती हैं। मुख्यमंत्री ने श्रोताओं से आचार्य देवब्रत के शोध को आत्मसात करने का आह्वान भी किया।