ऐसे खुला मामला

गौरतलब है कि नगर निगम इन दिनों अलकनंदा कंपनी के 2215 सफाई कर्मियों के कागज की जांच कर रही है। अकांउट से लेकर अनुबंध तक के कागज की जांच हो रही है। इसके तहत निगम ने सभी सफाई कर्मियों के अकाउंट को आधार कार्ड से लिंक करना शुरू किया। तो पता चला कि 80 सफाईकर्मियों का अतिरिक्त वेतन हर माह निकाला जा रहा था। वह सफाई कर्मी महज कागजों तक ही सीमित थे।

 

दो साल से चल रहा गोलमाल

यह मामला कोई एक दो महीने का नहीं बल्कि दो साल से चल रहा था। हर माह निगम के खजाने से 5.92 लाख रुपये फर्जी तरीके से निकाले जा रहे थे। यदि दो साल को जोड़ा जाए तो इन दो साल में निगम के खाते से 1 करोड़ 42 लाख रुपये निकाले जा चुके हैं।

 

मिलीभगत बिना संभव नहीं

80 सफाई कर्मियों का वेतन हर माह फर्जी तरीके से निकाला जा रहा था। यह काम अधिकारी व कर्मचारियों की मिलीभगत के बिना संभव नहीं है। निगम के अधिकारी इस मामले की जांच कराने की बात कह रहे हैं। यदि जांच सही तरीके से हुई तो कई अधिकारी व कर्मचारियों की गर्दन इसमें फंस सकती है। फिलहाल निगम के अधिकारी इस मामले में शांत ही बैठे हैं।

 

कर्मचारियों के खातों को आधार कार्ड से लिंक किया जा रहा है। सभी के कागज एकत्र कर फीडिंग का काम चल रहा है। इसमें 80 कर्मचारियों के न होने का पता चला है। मामले की जांच की जाएगी। जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। इस प्रकार की गड़बड़ी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

- मनोज कुमार चौहान, नगर आयुक्त