इनमें से 112 तो ऐसे हैं जिन पर हत्या, हत्या के प्रयास, सांप्रदायिक हिंसा, अपहरण और महिलाओं के खिलाफ अपराध के आरोप हैं.

पीआरएस लेजिस्लेटिव रिसर्च के जरिए नवनिर्वाचित सांसदों के किए गए अध्ययन के मुताबिक़ ये आंकड़ा 34 फ़ीसदी है.

संस्था ने ये आंकड़ा नामांकन के समय दाखिल किए गए हलफमनामें के आधार पर तैयार किया है.

संस्था ने लोकसभा के 543 में से 541 सांसदों के हलफनामे का विश्लेषण किया था.

भाजपा आगे

"सोलहवीं लोकसभा के लिए चुने गए सांसदों में से नौ पर हत्या का मामला चल रहा है. इनमें से चार सासंद भाजपा के हैं. कांग्रेस, लोजपा, राजद स्वाभिमानी पक्ष के एक-एक सांसद पर हत्या का मामला चल रहा है"

-पीआरएस लेजिस्लेटिव रिसर्च

झारखंड के जमशेदपुर से भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर चुने गए विद्युत बरन महतो और महाराष्ट्र के सतारा से राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के टिकट पर जीते श्रीमंत चौधरी उदयन राजे प्रताप सिन्हा भोंसले के हलफनामे स्पष्ट न होने के कारण उनका विश्लेषण नहीं किया जा सका.

संस्था के मुताबिक़  पंद्रहवीं लोकसभा में आपराधिक मामलों का सामना कर रहे सांसदों की संख्या 158 थी. उस समय 521 सांसदों के हलफनामों का विश्लेषण किया गया था.

सोलहवीं लोकसभा के लिए चुने गए सांसदों में से नौ पर हत्या का मामला चल रहा है. इनमें से चार  सासंद भाजपा के हैं. कांग्रेस, लोजपा, राजद और स्वाभिमानी पक्ष के एक-एक सांसद पर हत्या का मामला चल रहा है.

वहीं हत्या के प्रयास के आरोप का सामना कर रहे सांसदों की संख्या 17 है. इनमें से 10 सांसद भाजपा के, तृणमूल कांग्रेस के दो, कांग्रेस, राकांपा, राजद, शिवसेना और स्वाभिमानी पक्ष के एक-एक सांसद हैं.

महिलाओं के खिलाफ अपराध के आरोप का दो सांसद सामना कर रहे हैं. इनमें से एक केरल से निर्दलीय चुने गए हैं और दूसरे महाराष्ट्र के चंदरपुर से भाजपा के टिकट पर जीते हैं.

सांप्रदायिक सांसद

सौ से ज़्यादा 'सासंदों' पर गंभीर आपराधिक मामले

सांप्रदायिकता फैलाने के आरोप का सामना कर रहे सांसदों की संख्या 16 है. इनमें से 12 भाजपा के टिकट पर जीते हैं. तो तृणमूल कांग्रेस, पीएमके, आल इंडिया मजलिस-ए-इत्ताहुदुल मुसलमीन और एआईयूडीएप के एक-एक सांसद हैं.

वहीं सोलहवीं लोकसभा के दस सांसदों पर चोरी और डकैती के मामले चल रहे हैं. इनमें से सात सांसद भाजपा के हैं. राजद और स्वाभिमानी पक्ष के ऐसे एक-एक सांसद हैं.

भाजपा के तीन, तृणमूल कांग्रेस, लोजपा और राजद के एक-एक सांसद अपहरण के आरोपों का सामना कर रहे हैं.

इस तरह अगर देखें तो भाजपा के 281 सांसदों में से 98 (35 फ़ीसदी) पर आपाराधिक मामले चल रहे हैं. वहीं कांग्रेस के सभी 44 सांसदों में से आठ (18 फ़ीसदी), अन्नाद्रमुक के 37 में से छह (16 फीसदी), शिवसेना के 18 सांसदों में से 15 (83 फ़ीसदी) और तृणमूल कांग्रेस के टिकट पर जीते 34 में से सात (21 फ़ीसदी) पर आपराधिक मामले चल रहे हैं.

वहीं भाजपा के 63 (22 फ़ीसदी), कांग्रेस के तीन (सात फ़ीसदी), अन्नाद्रमुक के तीन (आठ फ़ीसदी), शिवसेना के आठ (44 फ़ीसदी) और तृणमूल के चार सांसदों (12 फ़ीसदी) पर गंभीर किस्म के आपराधिक मामले चल रहे हैं.

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