- जेल से लेकर बाहर अस्पतालों तक बंदियों की होती है मौज

- अस्पताल में होते हैं नाम को भर्ती, होटलों में काटते हैं मौज

- अस्पताल में सेटिंग करके बढ़वाते रहते हैं मौज मस्ती के दिन

- कई बार जेल के कई डॉक्टर्स को बदमाश दे चुके हैं धमकी

- यहां जेल में रहकर किसी बदमाश को कोई फर्क नहीं पड़ता

- सेटिंग के चलते करोड़पति ठग कर रहा है जेल से बाहर मस्ती

Meerut: शातिर बदमाश जेल में हो या फिर बाहर, हर जगह सेटिंग कर लेता है। उसके लिए जेल बाहर कोई अलग नहीं होता। उसे हर तरह की सुख सुविधाएं जेल में भी मिलती हैं और बाहर तो मिलती ही हैं। जेल में डॉक्टर से सेंिटंग करता है और बाहर अस्पताल में भर्ती होकर होटलों में मौज करता है। जैसे ही मौका मिलता है फरार हो जाता है। बदमाश रसूखदार हो तो उसको जेल से लेकर पेशी तक वीआईपी ट्रीटमेंट मिलता है। पुलिस वालों को उसकी देखभाल के लिए भेजा जाता है, लेकिन ये भी लालच में आकर अपराधी से दोस्ती कर बैठते हैं। जिसका खामियाजा तब भुगतना पड़ता है जब अपराधी फरार हो जाता है।

इनके लिए सब सुविधाएं

जेल में बंद खूंखार अपराधी जब जेल से बाहर आते हैं तो उनकी रौनक और रौब साफ दिखाई देता है। साफ-सुथरे कपड़े और बदली हुई चाल-ढाल। फर्क बस यही होता है कि उनके हाथ में हथकड़ी होती है। वे एक बोस की तरह आते हैं और अपने जानकारों से मिलते हैं, उनको अपना मैसेज देते हैं। यही नहीं ये बदमाश पुलिस के सामने ही फोन पर बातें करते हैं, जिनको टोकने से पुलिस वाले डरते हैं। इन्हीं खूंखार बंदियों को हर जगह मौज करवाई जाती है। इसके लिए बंदी कुछ ना कुछ तरीके खोज निकालता है।

निर्देश ठेंगे पर

बंदियों को जेल से पेशी पर लाने और ले जाने वाले पुलिसकर्मियों को दिशा निर्देश जारी किए गए हैं। जिनमें साफ कहा गया है कि जेल में निरुद्ध बंदियों को जनपद के अंदर या जनपद के बाहर न्यायालय में पेशी के लिए लाते व ले जाते समय पुलिस कर्मियों द्वारा लापरवाही हो जाने के कारण बंदी भागने में सफल हो जाते हैं। इससे पुलिस की छवि खराब होती है और कर्मचारी को सस्पेंड कर दिया जाता है। पुलिस स्कोर्ट अभियुक्त को जेल से सरकारी साधन रेल या बस से ही संबंधित न्यायालय में पेशी पर ले जाने के लिए निर्देश हैं, लेकिन इसका विपरीत होता है।

जो मना करते हैं वही करते हैं

पुलिस वालों को बदमाशों द्वारा किसी भी प्रकार के प्रलोभन को स्वीकार नहीं करने के निर्देश होते हैं। बंदी को जेल से लेकर व वापसी के दौरान उसकी अच्छी प्रकार से तलाशी ली जानी चाहिए। मगर पुलिस वाले एकदम इसके विपरीत काम करते हैं। किसी बंदी को पीसीओ, एसटीडी या किसी भी मोबाइल से बात नहीं कराई जानी चाहिए, लेकिन यहां तो बंदियों को मोबाइल तक खरीदवा दिए जाते हैं। बंदी को जेल से ही खाना खिलाकर ले जाएंगे और रास्ते में कही किसी होटल, ढाबे या चाय की दुकान पर खाना या चाय नहीं लेंगे। लेकिन यहां तो बंदी के साथ पुलिस वाले खुद होटलों में लजीज खानों का मजा लेते हैं।

इनके लिए कोई रोकटोक नहीं

पुलिस वालों को किसी व्यक्ति से बंदी को नहीं मिलने देने का निर्देश होता है। लेकिन यहां तो पुलिस वालों को पैसा दो और किसी से भी मिल लो। हाल में कचहरी से सचिन पिस्टल इसके चलते ही भाग निकला था। लेकिन पुलिस वालों की किस्मत रही कि उसको दबोच लिया। उसने तो पेशी के दौरान अपने साथियों से बातचीत करके भागने की सेटिंग कर ली थी। उसको ले जाने के लिए पहले से ही उसके साथी मौजूद थे। बंदियों के लिए शौचालय ले जाते समय विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश होते हैं। बस यहीं ये पुलिस वाले चूक कर जाते हैं।

हो चुके हैं कत्ल

पुलिस और जेल प्रशासन रसूखदार बंदियों से इसलिए भी डरते हैं, वह जो चाहे करवा देते हैं। कुछ साल पहले मेरठ जेल में रहे खूंखार अपराधी अमित पंवार और गौरव सिरोही ने जेल के डॉक्टर को बाहर नहीं भेजने के लिए ऑन रोड गोली मार दी थी। साथ ही जेल अधीक्षक को भी धमकी दी थी। सबसे बड़ी बात ये कि जेल से बाहर आने के लिए डॉक्टर को पैसा दिया जाता है। वह बीमारी बताकर बाहर भेज देता है। यहां अपराधी बाहर आता है और फिर अस्पतालों में सेटिंग कर लेता है। जब भी उसके बुलावे के लिए जेल से कोई नोटिस आता है तो वह डॉक्टर्स को पैसे देकर कुछ भी लिखवाकर नोटिस के साथ चस्पा करा देता है।

होटलों में चलती है दारू

पिछली बीस मार्च को मुरादाबाद के जिला अस्पताल से करोड़ों रुपए ठगने वाला सौरभ मोहंती मेडिकल कॉलेज अस्पताल आया। यहां इसने कुछ डॉक्टर्स से सेटिंग करके मौज मस्ती कर रहा है। दिन में अस्पताल में और रात में होटल में टिकता है। पुलिस वालों के लिए भी सभी सुख सुविधाएं हैं। पुलिस वालों से सेटिंग करके तो होटलों में शराब और शबाब दोनों चलते हैं। कई बाद यह हो भी चुका है। जब पुलिस वाले ऐसा करते हुए पकड़े जा चुके हैं।

ये हैं रसूखदार

सौरभ मोहंती की तरह मेरठ जेल में कई और रसूखदार अपराधी मौजूद हैं। जिनमें ट्रिपल मर्डर केस का आरोपी हाजी इजलाल शामिल है। ख्9 मई ख्0क्फ् को ट्रिपल मर्डर केस के इस आरोपी को जेल से फर्जी पेशी पर लाए जाने की बात सामने आई थी। जिसको अय्याशी के लिए हवालात के बजाय अधिवक्ता के चैंबर में ले जाया गया था। यही नहीं उसको होटल में अय्याशी भी कराई गई थी। जिसमें पुलिस प्रशासन की ओर सेदो सिपाहियों को सस्पेंड कर दिया गया था।

सेटिंग पड़ती है भारी

- एक अगस्त ख्0क्फ् को मेरठ से अनूप शहर ले जाए गए बंदियों को पुलिस वालों ने होटल में खाना खिलाया। जहां पुलिस वालों के खाने में प्लान के अनुसार नशीला पदार्थ मिलाया गया और फिर सिपाहियों को उनकी वर्दी फाड़कर खेत में फेंक दिया गया।

- ख्0 नवंबर ख्0क्फ् को परतापुर के रहने वाले शातिर बदमाश सोनू पुत्र कालीचरण, टंकी मोहल्ला श्रद्धापुरी कंकरखेड़ा का मंगल सिंह पुत्र धर्मवीर और टीकरी थाना दोघट बागपत का नितिन राठी पुत्र भोपाल राठी को पेशी पर लाया गया था। जिसमें इस दौरान सोनू ने सिपाहियों की आंखों में मिर्च झोंकी और फरार हो गया। वहीं बाकी को पुलिस ने दबोच लिया।

- छह अगस्त ख्0क्फ् बुधवार को जतन सिरोही गैंग का शार्प शूटर और कंकरखेड़ा का हिस्ट्रीशीटर गौरव सिरोही नैनी सेंट्रल जेल से पेशी पर मेरठ आया था। आठ अगस्त को पेशी के बाद वापस जाते समय गाजियाबाद से गौरव सिरोही हथकड़ी समेत फरार हो गया था। जिसको पुलिस ने कुछ ही घंटों बाद गिरफ्तार कर लिया था।

- फ्क् जुलाई ख्0क्फ् को बुलंदशहर के बीबी नगर में दो सिपाहियों को बेहोश करके और इनकी राइफल लूटकर एक शातिर अपराधी इंद्रपाल फरार हो गया था। इससे पहले भी वह गाजियाबाद से भागने की फिराक में था, लेकिन कामयाब नहीं हो पाया था। उसे मौका मिला और फरार हो गया।

- क्8 मई ख्0क्फ् को बदायूं जेल से मेरठ में पेशी पर लाया जा रहा शातिर अपराधी अमित पंवार अमरोहा आउटर में ट्रेन से कूदकर फरार हो गया था। जिस पर जेल के डॉ। हरपाल सिंह, बंगाल स्वीट्स के मालिक कुलभूषण के मर्डर का आरोप है।

- ख्भ् अप्रैल ख्0क्फ् को मेडिकल कॉलेज के मेडिसिन वार्ड में भर्ती हत्यारोपी इरफान भर्ती था। जिसने रात को मौका देखा और हथकड़ी खोलकर फरार हो गया। पास में ही सो रहे सिपाहियों को इसकी भनक तक भी नहीं लगी।

- ख्फ् मई ख्0क्फ् को बिजनौर जेल से मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती सिपाही टॉयलेट के बहाने खिड़की से कूदकर फरार हो गया था। जिसका आजतक कोई पता नहीं चला।