क्या है स्टार्टअप
आमतौर पर स्टार्टअप यानी नई कंपनी शुरु करने को कहा जाता है। इसे कोई एक व्यक्ित या तीन-चार लोग मिलकर शुरु कर सकते हैं। जो व्यक्ित स्टार्टअप शुरु करता है वह इसमें पूंजी लगाने के साथ-साथ कंपनी का संचालन भी करता है। इसके अंतर्गत यूथ नए आइडिया के साथ नए प्रोड्क्ट को लॉन्च करते हैं। और अपनी मेहनत के दम पर इसे मार्केट में स्थापित करते हैं।
स्टार्टअप के यह हैं नियम
किसी कंपनी को स्टार्टअप कैटेगरी में आने के लिए उसके प्राइवेट लिमिटेड, पार्टनरशिप फर्म अथवा लिमिटेड लॉयबिलिटी पार्टनरशिप फर्म के रूप में रजिस्टर्ड होना जरूरी है। साथ ही कंपनी पांच साल से पुरानी नहीं होनी चाहिए। टर्नओवर की बात करें तो इसके लिए 25 करोड़ तक की सीमा रखी गई है तभी वह कंपनी स्टार्टअप की कैटेगरी में शामिल हो सकती है।
ये सारी सुविधाएं देगी सरकार
- स्टार्टअप के लिए सेल्फ सर्टिफिकेशन आधारित कंप्लायंस होगा।
- पेटेंट एप्लीकेशन फीस में 80 परसेंट की छूट सरकार से मिलेगी।
- तीन साल तक स्टार्टअप का कोई इंस्पेक्शन नहीं किया जाएगा।
- प्रॉफिट होने पर भी तीन साल तक स्टार्टअप को इनकम टैक्स में छूट मिलेगी।
इसके अलावा सरकार और भी कई सुविधांए मुहैया कराएगी।
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