सरकारी सुविधाओं को लेकर हाईकोर्ट ने भेजा नोटिस

-आई नेक्स्ट से बोले पूर्व मुख्यमंत्री, सरकारी बंगले छोड़ने को हैं तैयार

-हाईकोर्ट ने मांगा है जवाब, सुप्रीम कोर्ट के फैसले का दिया हवाला

-उत्तराखंड में 5 पूर्व मुख्यमंत्रियों के पास हैं सरकारी बंगले

नैनीताल : सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री सरकारी आवास खाली करने को तैयार हैं। साथ ही राज्य सरकार से मिल रही दूसरी सरकारी सुविधाओं को छोड़ने के लिए भी। बुधवार को नैनीताल हाईकोर्ट ने सूबे के सभी पांच पूर्व मुख्यमंत्रियों को नोटिस जारी किया। इसके बाद पांच में से चार एक्स सीएम ने आई नेक्स्ट को बताया कि वे देहरादून में उन्हें मिले सरकारी बंगलों को खाली करने के लिए तैयार हैं। पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा से इस संबंध में बात नहीं हो पाई। बुधवार को नैनीताल हाईकोर्ट ने सूबे के सभी पांच पूर्व मुख्यमंत्रियों को नोटिस भेजकर जवाब मांगा है। इसमें हाईकोर्ट ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में यूपी के पूर्व मुख्यमंत्रियों को सरकारी बंगले खाली करने का आदेश दिया है, तो इस संबंध में उनका क्या कहना है। उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्रियों के पास भी सरकारी बंगले हैं और वे दूसरी सरकारी सुविधाएं भी ले रहे हैं। बुधवार को इस संबंध में दायर की गई जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने ये नोटिस जारी किए हैं। आपको बता दें कि यूपी के एक एनजीओ की याचिका पर सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने एक अगस्त को आदेश दिया था कि यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री दो महीने के अंदर सरकारी बंगले खाली करें। कोर्ट ने ये भी कहा था कि पूर्व मुख्यमंत्रियों को सरकारी सुविधाएं लेने का कोई हक नहीं है।

संस्था ने दायर की है याचिका

रुलक नाम की संस्था के अवधेश कौशल ने याचिका दायर कर कहा था कि पूर्व सीएम को दी जा रही सरकारी बंगला व अन्य सुविधाओं से जनता पर अनावश्यक बोझ बढ़ रहा है, लिहाजा सुविधाओं को वापस लिया जाए। बुधवार को मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति केएम जोसेफ व न्यायमूर्ति वीके बिष्ट की खंडपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता कार्तिकेय गुप्ता ने दलील दी कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद पूर्व सीएम को दी जा रही सुविधाएं गैर कानूनी हैं।

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सरकार दे चुकी हलफनामा

पूर्व मुख्यमंत्रियों की सरकारी सुविधाओं के मामले में राज्य सरकार नैनीताल हाईकोर्ट में अपना हलफनामा दायर कर चुकी है। इसमें सरकार ने अदालत को बताया था कि सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों से चपरासी, मोबाइल व अन्य सुविधाएं वापस ली जा चुकी हैं।

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किस-किस के पास सरकारी बंगले

एनडी तिवारी

भगत सिंह कोश्यारी

भुवन चंद्र खंडूड़ी

डॉ। रमेश पोखरियाल निशंक

विजय बहुगुणा

::वर्जन::

कोर्ट आदेश देगा तो हम सरकारी आवास खाली कर देंगे। हमें कोई दिक्कत नहीं हैं। वैसे भी सरकार ने पहले से ही गाड़ी-घोड़ा समेत सारी सुविधाएं वापस ले ही ली हैं तो अब बाकी सुविधाएं भी छोड़ने में कोई दिक्कत नहीं है।

भगत सिंह कोश्यारी, पूर्व सीएम

पूर्व मुख्यमंत्रियों को मिल रही सरकारी सुविधाओं के मामले में अदालत जो भी आदेश देगी उसका सम्मान के साथ अनुपाल किया जाएगा। वैसे भी देश में कोर्ट का निर्णय सर्वोपरि है।

डॉ.रमेश पोखरियाल निशंक, पूर्व सीएम

अदालत के फैसले पर कुछ नहीं कहना है। सुप्रीम कोर्ट ने जो निर्णय दिया था उसका सम्मान करते हैं। अब हाईकोर्ट जो भी आदेश देगा उसका भी बखूबी अनुपालन होगा। अदालत के फैसले नजीर होते हैं।

बीसी खंडूडी, पूर्व सीएम

सुप्रीम कोर्ट व हाईकोर्ट के फैसले का सम्मान करते हैं। लेकिन यह फैसला उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड में नहीं, बल्कि कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक सर्वमान्य होना चाहिए। कोर्ट के सामने सरकारों की तरफ से पैरवी होनी चाहिए।

रोहित शेखर तिवारी(पूर्व सीएम एनडी तिवारी के बेटे)