- पूर्व सीएम ने केदारनाथ धाम में हो रहे पुनर्निर्माण कार्यो पर उठाए सवाल

- केदारनाथ में तीर्थ पुरोहितों व स्थानीय समाज की आजीविका छीनने का लगाया आरोप

- पूर्व सीएम ने की केदारनाथ धाम में पुनर्निर्माण कार्यो की जांच की मांग

>DEHRADUN: केदारनाथ धाम में हो रहे पुनर्निर्माण कार्यो पर पूर्व सीएम हरीश रावत ने सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने केदारनाथ मंदिर निर्माण शैली, मंदिर प्रांगण, वास्तुशैली से छेड़छाड़ और तीर्थ पुरोहितों की आजीविका खत्म करने का आरोप लगाते हुए जांच की मांग की है। वहीं, उनके साथ मौजूद तीर्थ पुरोहितों व क्षेत्रीय विधायक मनोज रावत ने केदारनाथ में तीर्थ-पुरोहितों के आवास हटाए जाने समेत कई मुद्दों पर आंदोलन की चेतावनी भी दी है।

पारंपरिक, सांस्कृतिक, धार्मिक महत्व से छेड़खानी

केदारनाथ धाम के दो दिवसीय दौरे से वापस लौटने के बाद फ्राइडे को राजपुर रोड स्थित एक होटल में प्रेस ब्रीफिंग के दौरान कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पूर्व सीएम हरीश रावत ने कहा कि नई केदारपुरी के नाम पर केदारनाथ धाम के पारंपरिक, सांस्कृतिक, धार्मिक महत्व के साथ छेड़खानी की गई है। मंदिर के गर्भगृह, शिखर, मंडप, चाहरदिवारी, प्रांगण का पौराणिक स्वरूप अब दिखाई नहीं दे रहा है। प्रांगण के रास्ते पर नौ ग्रहों के प्रतीक के तौर पर बनीं नौ सीढि़यां व प्रवेश द्वार पर घंटा व भोग मंदिर अब गायब हैं। वहीं राज्य सरकार ने स्मार्ट केदार सिटी के नाम पर केदारनाथ में तीर्थ पुरोहितों व स्थानीय समाज की आजीविका छीनने का प्रयास किया है। केदारनाथ में किए गए कार्य टेंपल कमेटी व तीर्थ पुरोहितों को विश्वास में लेकर नहीं किए गए। मंदिर के सामने 50 फीट से ज्यादा चौड़े रास्ते के औचित्य पर भी उन्होंने सवाल उठाए। इस दौरान बदरी-केदार टेंपल कमेटी के अध्यक्ष गणेश गोदियाल, क्षेत्रीय विधायक मनोज रावत, तीर्थ पुरोहितों की संस्था श्रीकेदार सभा के अध्यक्ष विनोद शुक्ला, पूर्व अध्यक्ष किशन बगवाड़ी, सचिव राजेंद्र तिवारी, चार धाम तीर्थ पुरोहित समाज के अध्यक्ष कृष्णकांत कोटियाल आदि भी मौजूद रहे।

हर मंडे को होगा पुरोहितों का उपवास

केदार सभा के अध्यक्ष विनोद शुक्ला व पूर्व अध्यक्ष किशन बगवाड़ी ने केदारनाथ में पूर्ववर्ती हरीश रावत सरकार के कार्यो की सराहना की। उन्होंने वर्तमान सरकार पर बदले की भावना से काम करने के आरोप लगाए। कहा, पुरोहितों के भवन ध्वस्तीकरण के खिलाफ आंदोलन शुरू किया जाएगा। इसके विरोध में हर मंडे को पुरोहित समाज उपवास रखकर विरोध करेगा।

केदारनाथ में हरीश रावत के नाम के पत्थर हटाए

बीकेटीसी के अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने भी आरोप लगाया कि नई सरकार ने साजिश के तहत पिछली सरकार के कार्यो को 8 महीने तक रोका रखा। इसके बाद पीएम नरेंद्र मोदी से उनका शिलान्यास कराया। पूर्व सीएम हरीश रावत के नाम के पत्थर हटाए गए। इधर, केदारनाथ के विधायक मनोज रावत ने कहा कि मंदिर की स्थापित परंपराओं की अनदेखी हुई तो वह जान देने से पीछे नहीं हटेंगे।

केदारनाथ पर हरीश रावत कर रहे राजनीति: भट्ट

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट ने पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के भाजपा सरकार द्वारा केदारनाथ में किए जा रहे विकास कार्यो को लेकर दिए गए बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त की। कहा है कि हरीश रावत ने या तो आंख बंद कर केदारनाथ धाम की यात्रा की या फिर वे सच बोलने से कतरा रहे हैं।

पीएम कर रहे निगरानी

प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट ने कहा कि केदारनाथ धाम के विकास के लिए केंद्र व प्रदेश की भाजपा सरकारे मिलकर बेहतर काम कर रही है। पीएम नरेंद्र मोदी खुद ही विकास कार्यो पर निगरानी रखे हुए हैं। यही वजह है कि देश-दुनिया से आने वाले यात्री व्यवस्था को लेकर खुश हैं। जबकि दूसरी तरफ पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत केवल आलोचना करने में ही व्यस्त हैं। साफ है कि वे केदारनाथ धाम पर केवल राजनीति कर रहे हैं। कहा धाम का विकास आज व भविष्य को ध्यान में रखकर किया जा रहा है।