-सुशील मोदी ने किया नीतीश कुमार से सवाल

PATNA: विदेशी खातों में जमा ब्लैक मनी वापस लाने के लिए पीएम नरेन्द्र मोदी की गवर्नमेंट तेजी से वर्क कर रही है, लेकिन पीएम से दुश्मनी रखनेवाले बिहार के एक्स सीएम नीतीश कुमार इस मुद्दे पर दुष्प्रचार कर ब्लैक मनी रखने वालों की हेल्प करना चाहते हैं। उन्हें कांग्रेस से पूछना चाहिए कि क्0 साल के शासन में ब्लैक मनी की वापसी के लिए क्या किया? कांग्रेस तीन साल तक एनआईटी का गठन क्यों टालती रही? क्या वे कांग्रेस को क्लीनचिट देकर जेडीयू गवर्नमेंट को उसके सपोर्ट की कीमत चुका रहे हैं? नीतीश कुमार की संपर्क यात्रा के दौरान डेली प्रश्न पूछने की कड़ी में बीजेपी के सीनियर लीडर और एक्स डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी ने ये सवाल नीतीश कुमार से पूछा है।

ऐसा तो कोई वादा नहीं था

सुशील मोदी ने बताया कि पीएम मोदी के सेन्ट्रल कैबिनेट की पहली मीटिंग में एसआईटी के गठन को मंजूरी दी गई। विदेशी खातों में धन रखने वाले म्ख्7 लोगों के नाम कोर्ट को बताए और इस मुहिम में दुनिया के ख्0 देशों (जी-ख्0) का सपोर्ट भी हासिल किया। इसके लिए पीएम को बधाई देने के बजाय नीतीश कुमार झूठा प्रचार कर रहे हैं कि नमो ने ब्लैक मनी वापस लाकर हर नागरिक के खाते में क्भ् लाख रुपए डालने की बात कही थी। दरअसल नरेन्द्र मोदी ने कहा था कि यदि वह पैसा वापस आ जाए तो हर नागरिक को क्भ्-ख्0 लाख रुपए मिल सकते हैं। यह कथन कोई वादा नहीं था।

बगैर जांच नाम उजागर करना कितना सही ?

सुशील मोदी ने सवाल पूछा है कि क्या बिना जांच-पड़ताल के किसी का नाम सार्वजनिक करना उचित होगा? क्या वे चाहते हैं कि गवर्नमेंट संधि तोड़ दे और ब्लैक मनी के बारे में आगे की इंफॉर्मेशन मिलनी बंद हो जाए? क्या इंफॉर्मेशन बाधित कर वे ब्लैक मनी रखने वालों को एसआईटी के जकड़ते फंदे से राहत दिलाना चाहते हैं?