- सुशील मोदी ने कहा-समारोह में कुशासन के प्रतीक नेताओं के लिए सजाए गए तोरणद्वार

PATNA: बीजेपी विधान मंडल दल के नेता सुशील कुमार मोदी ने नीतीश कुमार के फिर से सीएम पद की शपथ लेने पर कहा कि बेहतर होता यदि वे बंद कमरे में सौ लोगों के बीच शपथ ग्रहण करने के बजाय गांधी मैदान में जनता को साक्षी बनाकर पद संभालते। यही उनकी गरिमा के अनुरुप होता।

जुगाड़ के सीएम हैं नीतीश

सुशील मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार ने अगर नया जनादेश हासिल किया होता, तो उन्हें पहले की तरह जनता के बीच शपथ ग्रहण करने का नैतिक साहस होता। फिलहाल वे जनता के मुख्यमंत्री नहीं, बल्कि जुगाड़ और जोड़-तोड़ के मुख्यमंत्री हैं। यही वजह है कि उनका शपथ ग्रहण ख्00भ् और ख्0क्0 की तरह विशाल गांधी मैदान में जनता की मौजूदगी में नहीं, बल्कि ऐसे सभागार में हुआ, जिसमें आमलोगों का प्रवेश वर्जित था।

जनता के लिए दरवाजे बंद

सुमो ने कहा कि उन्होंने जब पिछली बार सीएम पद की शपथ ली थी, तब उनके साथ जनता थी। उत्साह का माहौल था और लालकृष्ण आडवाणी, राजनाथ सिंह, अरुण जेटली जैसे लोकप्रिय नेता समारोह में शामिल हुए थे। इस बार के शपथ ग्रहण समारोह में कुशासन के प्रतीक मुलायम सिंह यादव, अखिलेश यादव और ममता बनर्जी जैसे लोगों के लिए तोरण द्वार सजाए गए, लेकिन बिहार की सामान्य जनता के लिए राजभवन के सारे रास्ते बंद थे।

गरीबों में मातम

सुशील मोदी ने कहा कि शपथ ग्रहण समारोह के दिन जहां एक ओर सत्ता बरकरार रहने पर जदयू-राजद के लोगों में जश्न का माहौल था, वहीं दूसरी ओर करोड़ों गरीबों में अपने नेता को सत्ता से धकियाये जाने का मातम था। महादलितों की छाती को रौंद कर सत्ता पाने से बेहतर होता कि नीतीश कुमार फिर से जनादेश प्राप्त कर मुख्यमंत्री बनते।

लोग लेंगे हिसाब

विधानसभा चुनाव से मात्र छह महीने पहले नीतीश कुमार का सीएम बनना अंतिम ओवर की छह गेंदों पर सेंचुरी मारने की चुनौती जैसा है। जदयू और उसके सहयोगी दल गिरती कानून-व्यवस्था समेत तमाम समस्याओं से तबाह बिहार की जनता को नीतीश कुमार की बैटिंग का चमत्कार देखने को बाध्य कर रहे हैं। लोग इस जबरदस्ती का भी हिसाब लेंगे।