- अंबेडकर महासभा के लालजी प्रसाद निर्मल को भी रिटर्न गिफ्ट

- बनाए गये अनुसूचित जाति वित्त विकास निगम के अध्यक्ष

- दलित वोट बैंक को रिझाने के लिए योगी सरकार ने उठाया कदम

LUCKNOW :

दलित वोट बैंक को रिझाने के लिए योगी सरकार ने पूर्व डीजीपी बृजलाल को उप्र राज्य अनुसूचित जाति एवं जनजाति आयोग का अध्यक्ष बनाया है। इसके साथ ही विभिन्न आयोगों और निगमों में तैनाती का सिलसिला भी शुरू हो गया है। दूसरा अहम फैसला उप्र अनुसूचित जाति वित्त विकास निगम के अध्यक्ष पद पर तैनाती को लेकर हुआ है। इसमें आंबेडकर महासभा के अध्यक्ष लालजी प्रसाद निर्मल को अध्यक्ष बनाया गया है। ध्यान रहे कि हाल ही में आंबेडकर जयंती के अवसर पर लालजी प्रसाद निर्मल ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को दलित मित्र सम्मान दिया था जिसके बाद राज्य सरकार ने भी उन्हें रिटर्न गिफ्ट देने में देर नहीं की।

अचानक सु‌िर्ख्रयों में आए बृजलाल

विधानसभा चुनाव के दौरान टिकट के दावेदारों में शामिल बृजलाल की एससी-एसटी आयोग में अध्यक्ष पद पर तैनाती से वह अचानक सुर्खियों में आ गये हैं। यह फैसला इसलिए भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि दलित मुद्दों को लेकर विपक्ष लगातार भाजपा की केंद्र और राज्य सरकार को घेरता जा रहा है। एससी-एसटी आयोग में बृजलाल की तैनाती से राज्य सरकार को कुछ राहत मिलने की उम्मीद है। ध्यान रहे कि बृजलाल बसपा सुप्रीमो मायावती के करीबी अफसरों में शुमार किए जाते थे। मायावती ने अपने शासनकाल में उन्हें स्पेशल डीजी और बाद में डीजीपी भी बनाया था। हालांकि सेवानिवृत्त होने के बाद उन्होंने अपने राजनैतिक सफर की शुरूआत भाजपा के साथ की। चुनाव के बाद अस्वस्थ होने की वजह से वह सक्रिय राजनीति से दूर भी हो गये थे।

विरोध के बाद भी किया सम्मान

वहीं दूसरी ओर लालजी प्रसाद निर्मल ने तमाम दलित संगठनों के विरोध के बावजूद विगत 14 अप्रैल को आंबेडकर जयंती के अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को दलित मित्र सम्मान दिया था। दरअसल इससे पहले दो अप्रैल को आरक्षण को लेकर देश भर में आयोजित भारत बंद के दौरान हिंसा के बाद पुलिसिया कार्रवाई को लेकर विभिन्न संगठनाें के अलावा भाजपा के सांसद भी योगी सरकार की घेराबंदी कर रहे थे। ऐसे मौके पर उन्होंने मुख्यमंत्री को सम्मानित करने का फैसला लिया जिसका उन्हें रिटर्न गिफ्ट भी मिल गया।