- फ्री क्रेडिट कार्ड और लिमिट बढ़ाने का दिया था झांसा

- पूर्व डीजीपी ने ठग युवती समेत दो के खिलाफ दर्ज कराई एफआईआर

LUCKNOW : पूर्व डीजीपी एसवीएम त्रिपाठी भी साइबर ठगों का शिकार हो गये। ठगों ने भारतीय स्टेट बैंक का अधिकारी बताकर उनको क्रेडिट कार्ड दिलाने का झांसा दे खाते से रुपये उड़ा दिये। पूर्व डीजीपी ने गोमतीनगर थाने में ठग युवती समेत दो के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है।

फ्री क्रेडिट कार्ड देने का दिया था झांसा

गोमतीनगर के विशालखंड तीन निवासी पूर्व डीजीपी एसवीएम त्रिपाठी सीआरपीएफ में डीजी पद पर तैनाती के अलावा उत्तर प्रदेश मानवाधिकार आयोग के सदस्य भी रहे हैं। उनके मोबाइल फोन पर एक नंबर से अनुष्का नाम की युवती की कॉल आई थी। युवती ने बताया कि वह भारतीय स्टेट बैंक से बोल रही है। उसने बताया कि एक नया क्रेडिट कार्ड आया है जो अन्य कार्ड से अधिक सुरक्षित है। यह कार्ड उन्हें फ्री दिया जा रहा है। ठग युवती ने कहा कि बैंक की तरफ से उनके मोबाइल नंबर पर वन टाइम पासवर्ड भेजा जाएगा। यह पासवर्ड बताने पर कार्ड भेजने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।

8 हजार ऑनलाइन ट्रांजेक्शन

पूर्व डीजीपी ने बताया कि युवती ने उनकी बात राकेश नाम के व्यक्ति से भी कराई जो खुद को भारतीय स्टेट बैंक का मैनेजर बता रहा था। दोनों ने कार्ड का झांसा देकर उनके मोबाइल फोन पर आया वन टाइम पासवर्ड पूछ लिया और खाते से 8 हजार रुपये उड़ा दिये। ठगों का कहना था कि रकम सिर्फ बिलिंग के उद्देश्य से ली गई है। इससे उनके क्रेडिट कार्ड की क्रेडिट लिमिट पर कोई असर नहीं पड़ेगा। हालांकि तब तक पूर्व डीजीपी को अपने साथ हुई ठगी का अहसास हो चुका था और उन्होंने तत्काल अपना क्रेडिट कार्ड ब्लॉक करा दिया।

मुंबई में की गई थी पेमेंट

पूर्व डीजीपी का कहना है कि उनके खाते से निकाले गए रुपये का मुंबई में किसी को भुगतान किया गया है। उन्होंने मुंबई के पूर्व डीजीपी और अपने बैचमेट एवी कृष्णम से संपर्क किया, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला। इसके बाद पूर्व डीजीपी ने एटीएस के आईजी असीम अरुण से संपर्क कर ठगी की जानकारी दी, जिसके बाद एफआईआर दर्ज की गई।