--जनसंवाद में उठा मानदेय दिए बगैर ठेकाकर्मियों को हटाने का मामला

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- दुमका के जिला शिक्षा उपाधीक्षक के खिलाफ कार्रवाई

- रामगढ़ के सीओ और डीसीएलआर पर आरोप गठित करते हुए स्पष्टीकरण तलब

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रांची : बकाया मानदेय दिए बगैर ठेका कर्मियों को सेवा से हटाने का आदेश देना कृषि अभियंत्रण के कार्यपालक निदेशक राजेश कुमार सिंह को महंगा पड़ा। उनके वेतन पर रोक लगा दी गई है। यह रोक कर्मियों को मानदेय के भुगतान तक जारी रहेगी। यह आदेश मंगलवार को मुख्यमंत्री जन संवाद में आईं शिकायतों की समीक्षा के क्रम में मुख्यमंत्री सचिवालय के संयुक्त सचिव प्रमोद कुमार तिवारी ने दी। इस दौरान कुल 14 शिकायतों पर हुई कार्रवाई की समीक्षा की गई। कृषि मशीनरी परीक्षण एवं प्रशिक्षण केंद्र, हेहल में संविदा पर नियुक्त कर्मियों का पांच साल का अनुबंध समाप्त होने के बाद बिना मानदेय दिये हटाने के नोटिस को प्रमोद कुमार तिवारी ने अमानवीय करार दिया। कहा, शासी निकाय की बैठक जल्द आयोजित कर बकाया मानदेय का भुगतान सुनिश्चित करें।

चार टीचर्स पर एक्शन

उधर दुमका के कन्या मध्य विद्यालय, काठीकुंड की प्रधानाध्यापिका सहित चार शिक्षकों के समय पर स्कूल नहीं आने की शिकायत को गंभीरता से लेते हुए जिला शिक्षा उपाधीक्षक पर आरोप पत्र गठित करते हुए विभाग को कार्रवाई के लिए पत्र लिखने का निर्देश दिया गया। संयुक्त सचिव ने मामले में बार-बार जांच दल गठित करने पर भी सवाल उठाया। कहा, एक जांच रिपोर्ट में जब मामला सत्य पाया गया तो दूसरी जांच टीम क्यों गठित की गई? मामले में जिला शिक्षा अधीक्षक कार्यालय की भी मिलीभगत प्रतीत होती है। पूरे प्रकरण में लेटलतीफी से नाराज संयुक्त सचिव ने मामले की जांच का जिम्मा दुमका के नोडल पदाधिकारी को देते हुए एक सप्ताह में रिपोर्ट देने का आदेश दिया।

विवादित जमीन पर धारा 144

वहीं, रामगढ़ अंचल में गलत ढंग से जमीन की जमाबंदी कायम करते हुए लगान निर्धारित करने के एक मामले में तत्कालीन सीओ और डीसीएलआर के खिलाफ प्रपत्र-क गठित करते हुए उनसे स्पष्टीकरण पूछने का निर्देश दिया गया। मामले में पहले एक व्यक्ति हरिनारायण चतुर्वेदी के नाम से 1.17 एकड़ जमीन की जमाबंदी कायम की गई थी। बाद में उक्त जमीन में से 16 डिसमिल जमीन अर्जित कर अंचलाधिकारी ने एक अन्य व्यक्ति संजय कुमार के नाम जमाबंदी कायम कर दी। इससे नाराज हरिनारायण चतुर्वेदी मामले को लेकर उच्च न्यायालय की शरण में चले गए। लेकिन दूसरा पक्ष उक्त जमीन पर निर्माण करने लगा। मामले की नजाकत को देखते हुए निर्देश दिया गया कि न्यायालय का फैसला आने तक विवादित जमीन पर धारा 144 लगाई जाए।

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-ये मामले भी आए-

-खूंटी में उग्रवादी हिंसा में मारे गए मनोज महतो के परिजनों को अनुग्रह अनुदान और नौकरी देने में हो रही देरी पर बताया गया कि पूरी प्रक्रिया अंतिम चरण में है।

-पश्चिमी सिंहभूम के प्रथमिक विद्यालय, लादुरासाई के शिक्षक उमेश प्रसाद की स्कूल से लौटते समय हत्या मामले में उनके परिजनों को क्षतिपूर्ति अनुदान देने के लिए सभी आवश्यक कार्रवाई दो दिन में पूरा करने का निर्देश दिया गया।

-हजारीबाग के चंद्रपुरा में निर्माण के एक वर्ष के भीतर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भवन में दरार और पानी रिसने की शिकायत पर विस्तृत रिपोर्ट तीन सितंबर तक तलब की गई।

-लातेहार में 5 जून 2016 से अपहृत 19 वर्षीय जयंत कुमार के संबंध में बताया गया कि छह लोग अबतक पकड़े जा चुके हैं।