- पवन विहार स्थित घर में रिवाल्वर से कनपटी पर मारी गोली

- घर पर जुटी समर्थकों की भीड़, सुसाइड की वजह साफ नहीं

बरेली: पूर्व विधायक वीरेन्द्र सिंह के भाई धनेंद्र पाल सिंह ने सैटरडे सुबह अपने घर पर गोली मारकर आत्महत्या कर ली. वह काफी समय से अवसाद में थे. हालांकि, आत्महत्या की वजह अभी स्पष्ट नहीं हो सकी है. पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराया है.

सुबह 9:30 बजे की घटना

पवन विहार में रहने वाले पूर्व विधायक वीरेन्द्र सिंह के भाई धनेन्द्र पाल सिंह उर्फ पप्पू (48) ने सुबह करीब साढ़े नौ बजे लाइसेंसी रिवाल्वर से दाहिनी कनपटी पर गोली मार ली. घर पर पहली मंजिल के कमरे से जैसे गोली चलने की आवाज आई तो उनकी पत्नी किरण दौड़ कर ऊपर पहुंचीं. धनेन्द्र को खून से लथपथ देख वह बदहवास हो गई. चीख पुकार की आवाज पर बेटा-बेटी भी आ गए. पास में रहने वाले भतीजे व भाई भी घर पहुंचे. आनन-फानन उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां डाक्टरों ने धनेन्द्र को मृत घोषित कर दिया.

जुटने लगे समर्थक

पूर्व विधायक के भाई की मौत की खबर सुनकर उनके समर्थकों की भीड़ आवास पर जुटना शुरू हो गई. दोपहर करीब साढ़े बारह बजे सीओ थर्ड प्रीतम पाल सिंह, इंस्पेक्टर बारादरी कृष्णवीर सिंह मौके पर पहुंचे. पुलिस ने लाइसेंसी रिवाल्वर को कब्जे में ले लिया. शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा. पोस्टमार्टम के दौरान सिर में गोली फंसी मिली. पोस्टमार्टम के बाद शाम को मॉडल टाउन श्मशान भूमि पर शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया.

बेटी से कहा था नाश्ता लगाओ..

धनेन्द्र ने सुसाइड से पहले परिवार में किसी को भनक तक नहीं लगने दी. सुबह उठकर उन्होंने स्नान किया. फिर कॉलोनी के ही मंदिर गए. मंदिर से आने के बाद उन्होंने बेटी सोना से नाश्ता लगाने को कहा. इस दौरान पत्‍‌नी किरण और बेटी रसोई में नाश्ता तैयार कर रही थीं. तभी धनेन्द्र ऊपर चले गए. चंद मिनट बाद गोली चलने की आवाज आई तो मां-बेटी ऊपर कमरे की तरफ दौड़ीं. अंदर धनेन्द्र फर्श पर गिरे पड़े थे. सिर से खून निकल रहा था. शरीर में थोड़ी झटपटाहट थी. रिवाल्वर हाथ के पास पड़ा हुआ था.

रिवाल्वर में थी दो गोलियां

धनेन्द्र ने जिस लाइसेंसी रिवाल्वर से गोली चलाई, उसमें दो गोलियां थीं. एक गोली उन्होंने अपनी कनपटी पर चला ली. दूसरी गोली रिवाल्वर में ही थी. पुलिस ने रिवाल्वर को कब्जे में ले लिया है.

पोस्टमार्टम को लेकर होती रही

जद्दोजहद

परिवार वाले शव का पोस्टमार्टम नहीं कराना चाहते थे. पुलिस पहुंची तो परिजनों ने पोस्टमार्टम कराने से इनकार कर दिया. काफी समझाने के बाद ही वह माने. दोपहर 12.30 बजे के बाद फील्ड यूनिट घर पहुंची. लेकिन उसे कुछ नहीं मिला. परिजनों ने उस कमरे को साफ कर दिया था, जिसमें सुसाइड किया था. पुलिस को कमरे में महज फर्श के कोने पर खून के कुछ छींटे ही मिले. इसके अलावा टीम ने अंगुलियों के निशान लिए.

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कारोबार में घाटा तो नहीं है मौत की वजह

धनेन्द्र गंगवार ने आत्महत्या क्यों की यह अभी साफ तो नहीं हो पा रहा है. लेकिन बताया जा रहा है कि बड़े भाई पूर्व विधायक वीरेन्द्र सिंह का स्वास्थ्य खराब होने के कारण भी पूरे परिवार पर खासा प्रभाव रहा. धनेन्द्र का दवाओं का कारोबार था इसके अलावा वह रियल स्टेट का भी काम करते थे. पुलिस को परिजनों ने बताया कि नोटबंदी के बाद से ही धनेन्द्र परेशान थे. कारोबार में भी फायदा नहीं हो रहा था. कुछ जमीन को लेकर भी मामला चल रहा था. चूंकि उन्होंने कोई सुसाइड नोट नहीं छोड़ा इसलिए कयासबाजी ही चल रही है. हालांकि परिजन भी कुछ बताने की स्थिति में नहीं हैं.

जमा नहीं कराया असलहा

चुनाव के मद्देनजर लाइसेंसी असलहा जमा कराया जा रहा है. लेकिन धनेन्द्र सिंह ने अपना रिवाल्वर जमा नहीं किया. चर्चा रही कि अगर असलहा जमा हो जाता तो शायद घटना टल जाती.