मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मामले की जांच कमिश्नर को सौंपी

पूर्व प्राचार्य के समय हुआ है एसएन में ट्रॉमा सेंटर का निर्माण

सीएम को निरीक्षण में नहीं मिले सेंटर पर आवश्यक उपकरण

आगरा। ट्रॉमा सेंटर में सीएम को मिली खामियों की गाज अधिकारियों पर गिरना शुरू हो गई है। पहला कहर एसएन मेडिकल हॉस्पिटल के पूर्व प्रिंसिपल पर टूटा है। उन्हें सस्पेंड कर दिया गया है।

गायब मिले उपकरण

ट्रॉमा सेंटर का निर्माण वर्ष 2010-11 में कराया गया था। तब एसएन मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल एनसी प्रजापति थे। उस समय सेंटर के लिए खरीदे गए ऑपरेशन टेबिल, एनेस्थीया ट्रॉली, वेंटीलेटर, इमेज इंटेसीफायर आदि उपकरण सीएम को निरीक्षण में गायब मिले। ऑपरेशन थियेटर बंद मिला, एसी, पानी और ड्रेनेज की अव्यवस्थाओं ने बदहाली की सारी दास्तां सीएम को बयां कर दी। सीएम जाते-जाते पूरे मामले की जांच कमिश्नर प्रदीप भटनागर को सौंप गए।

लखनऊ से किए गए सस्पेंड

पूर्व प्रिंसिपल प्रजापति वर्तमान में राजकीय मेडिकल कॉलेज जालौन में कार्यरत थे। लखनऊ से कार्रवाई करते हुए उन्हें सस्पेंड कर चिकित्सा शिक्षा एवं प्रशिक्षण महानिदेशालय, लखनऊ से अटैच कर दिया है।

सारी कवायद गई बेकार

सीएम की अगवानी के लिए कई दिन पहले से ही एसएन को संवारने की तैयारी शुरू कर दी गई थी। हॉस्पिटल प्रबंधन के साथ प्रशासनिक अधिकारी भी सीएम को फील गुड कराने के लिए लगातार हॉस्पिटल का दौरा करते रहे, लेकिन यह सारी कवायद सीएम के सामने फेल साबित हुई।

ऑफिस में कैद रहे प्रिंसिपल

प्रशासन की कार्रवाई का असर शनिवार को एसएन हॉस्पिटल में देखने को मिला। अधिकतर विभागों में ताले लटके रहे। सुबह से प्रिंसिपल अजय अग्रवाल ने खुद को कार्यालय में कैद कर लिया। लोगों को ऑफिस में आने से रोकने के लिए दोनों गेटों के चैनल डलवाकर चौकीदार तैनात कर दिए। किसी से भी मिलने से मना कर दिया।