- एग्जाम फोबिया में परेशान बच्चों की प्रॉब्लम लेकर मनोविज्ञानशाला में पहुंचने लगे पैरेंट्स

- गत वर्षो के मुकाबले पैरेंट्स में बढ़ी है अवेयरनेस

<- एग्जाम फोबिया में परेशान बच्चों की प्रॉब्लम लेकर मनोविज्ञानशाला में पहुंचने लगे पैरेंट्स

- गत वर्षो के मुकाबले पैरेंट्स में बढ़ी है अवेयरनेस

ALLAHABAD: allahabad@inext.co.in

ALLAHABAD: बोर्ड परीक्षाओं की तैयारियों को लेकर बच्चों के साथ पैरेंट्स की टेंशन पहले भी बढ़ती थी। उस समय पैरेंट्स अपने बच्चों की प्रॉब्लम को दूर करने के स्थान पर उनके साथ सख्ती से पेश आते थे। लेकिन अब समय बदल गया है। क्योंकि पैरेंट्स बोर्ड एग्जाम को लेकर बच्चों में होने वाली समस्याओं का समाधान खोजने के लिए मनोवैज्ञानिक के पास जाने को लेकर ज्यादा अवेयर हो गए हैं। इन दिनों उत्तर प्रदेश मनोविज्ञानशाला में बच्चों की ऐसी ही प्रॉब्लम को लेकर पहुंच रहे पैरेंट्स की बढ़ती संख्या इसका प्रमाण है। मनोविज्ञानशाला के एक्सप‌र्ट्स भी इस बात को एक अच्छे संकेत के रूप में देखते हैं। उनका कहना है कि सख्ती करके किसी भी समस्या का समाधान नहीं खोजा जा सकता। पैरेंट्स में इस तरह की अवेयरनेस बच्चों के लिए भी बेहतर कार्य करती है।

काउंसलिंग से दूर होती है प्रॉब्लम

उत्तर प्रदेश मनोविज्ञानशाला के एक्सपर्ट डॉ। कमलेश तिवारी का कहना है कि पिछले कई सालों में परीक्षा के दौरान बच्चों को होने वाली समस्याओं का सॉल्यूशन खोजने के लिए पैरेंट्स के आने का सिलसिला लगातार बढ़ रहा है। इस बार भी अभी से ही पैरेंट्स अपने बच्चों की प्रॉब्लम लेकर उनकी काउंसलिंग कराने के लिए मनोविज्ञानशाला पहुंचने लगे हैं। इसके पीछे सबसे बड़ा कारण बच्चों को काउंसलिंग से होने वाले लाभ से है। मनोविज्ञानशाला में एक्सप‌र्ट्स बच्चों को बेहद सरल अंदाज में उनकी समस्याओं को दूर करने का उपाय बताते हैं। परीक्षा के समय ज्यादातर बच्चों में घबराहट, उदासी, एकाग्रता में कमी जैसी दिक्कतें आती हैं। इन समस्याओं का मनोविज्ञानशाला में वैज्ञानिक ढंग से इलाज किया जाता है। पिछले सालों में इसका रिजल्ट भी देखने को मिला है। जिसमें बच्चों को काउंसलिंग के बाद इन समस्याओं से निजात मिली है और उनका रिजल्ट बेहतर हुआ है। इसी कारण पैरेंट्स में भी तेजी से अवेयरनेस बढ़ी है।