- एग्जाम में बुक्स ले जाने के लिए होगी स्टूडेंट को परमीशन।

- यूपी बोर्ड के स्टूडेंट के लिए शुरु होगी नए साल में यह पहल।

स्वाति भाटिया

Meerut- मुमकिन है कि यूपी बोर्ड के स्टूडेंट्स एक साल बाद बुक्स लेकर एग्जाम देने जाएंगे। नई व्यवस्था के अनुसार अगले सत्र से यूपी बोर्ड के स्टूडेंट एग्जाम हाल में ही पाठ्य पुस्तक ले जा सकेंगे। गौरतलब है कि यह सुझाव यूपी के सीएम ने दिया था, जिस पर पिछले साल से ही बोर्ड में तैयारी शुरु हो गई थी। ऐसे में आने वाले 2018 सत्र में इस पर अमल की दिशा में माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने काम शुरू कर दिया है।

सचिव ने की विशेष समिति गठित

यूपी बोर्ड एग्जाम में होने वाले इस बदलाव को लेकर अब माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने भी तैयारी कर ली है। जिसके संबंध में प्रमुख सचिव माध्यमिक शिक्षा ने भी कि जल्द इसके लिए विशेषज्ञ समिति का गठन करने की तैयारी की है। यूपी बोर्ड की परीक्षाओं में नकल रोकना एक बड़ी चुनौती है। यूपी सरकार के अनुसार कई बाहरी देशों में स्टूडेंट को परीक्षा के दौरान पाठ्यपुस्तक ले जाने की अनुमति दी जाती है। वहां शिक्षाविदों ने पाया कि वहां विद्यार्थियों को नकल करने की जरूरत नहीं पड़ती। जिसको ध्यान में रखते हुए ही उन्होंने यह बदलाव करने की तैयारी की है।

ऐसे काम आएगी किताब

हालांकि किताब साथ होने के बावजूद वे पूछे गए सवाल का उत्तर तभी दे सकते हैं। जब उन्होंने पहले से पूरी किताब पढ़ी हो। इस व्यवस्था में प्रश्नपत्र इस तरह से तैयार किए जाते जाता हैं कि उसका जवाब हू-ब-हू पाठ्य पुस्तक में नहीं होता.इससे मिला ज्ञान सिर्फ उत्तर देने में मदद कर सकता है। यानी किताब के किसी अंश को उतारकर काम नहीं चल सकता। हालांकि मुख्यमंत्री ने ही ये सुझाव दिया था। जिसके बाद से ही प्रमुख सचिव माध्यमिक शिक्षा परिषद उसी पैटर्न पर पाठ्यक्रम तैयार करने के लिए भी निर्देश दिए। उनके अनुसार वर्ष 2018 से यूपी बोर्ड के हाईस्कूल व इंटरमीडिएट के विद्यार्थियों को परीक्षा के दौरान किताब ले जाने की अनुमति होगी। इसके लिए गठित होने वाली विशेषज्ञ समिति बताएगी कि नई व्यवस्था को किस तरह से लागू किया जाना है और पाठयक्रम में क्या फेरबदल करने होंगे।

इस तरह के बदलाव होने की चर्चा चल रही है। लेकिन अभी इस बारे में कुछ कहा नही जा सकता है। यह तो शासन स्तर का मामला है।

संजय यादव, क्षेत्रीय बोर्ड सचिव