- एक ही स्टूडेंट्स से दो बार ले ली एग्जामिनेशन फीस

- अब लौटाने के लिए कर रहे हैं तरह-तरह के बहाने

- जबकि एक ही मद में दो बार नहीं ली जानी चाहिए फीस

GORAKHPUR: डीडीयू गोरखपुर यूनिवर्सिटी में मनमानियों का दौर चल रहा है। पैसा बटोरने में जिम्मेदार इस कदर बिजी हो गए हैं कि अब उन्हें सही और गलत की समझ नहीं हो पा रही है। ताजा मामला एमए इतिहास की एक स्टूडेंट का है, जिससे यूनिवर्सिटी के जिम्मेदारों ने एक ही एग्जाम के लिए दो बार फीस वसूल ली है, अब छात्रा के पिता इसको सही कराने के लिए फरवरी से दौड़ रहे हैं, लेकिन जिम्मेदारों की कान पर जूं तक नहीं रेंग रही है और वह उन्हें चक्कर पर चक्कर लगवाने के लिए मजबूर कर रहे हैं और पैसा वापस करने में आनाकानी कर रहे हैं।

टेक्निकल प्रॉब्लम के बाद भी हो गया पेमेंट

एडमिनिस्ट्रेटिव बिल्डिंग पहुंचे छात्रा के पिता एसके पांडेय ने बताया कि उनकी बेटी रचना ने सत्र 2017-18 में एमए हिस्ट्री फ‌र्स्ट इयर का एग्जाम देने के लिए प्राइवेट फार्म भरा था। 31 दिसंबर को फार्म भरने के दौरान सर्वर में खराबी होने की वजह से बीच में ही सर्वर हैंग कर गया, लेकिन 2925 रुपए उनके अकाउंट से कट गया। मगर उसका कोई मैसेज उन्हें नहीं मिला। यूनिवर्सिटी कैंपस में मौजूद इलाहाबाद बैंक से जब इसका पता लगाया तो उन्होंने 48 घंटे तक इंतजार करने के बाद दोबारा फीस जमा करने की सलाह दी। एक हफ्ते इंतजार के बाद उन्होंने दोबारा ऑनलाइन फीस जमा कर दी, तो उन्हें फीस जमा होने का मैसेज उन्हें मिला। मगर उनके अकाउंट से दो बार पैसे कट गए।

तीन महीने से लगा रहे हैं चक्कर

सर्वर में तकनीकी खराबी होने की वजह से पहले तो छात्रा का वार्षिक परीक्षा फॉर्म भरने के दौरान दो बार शुल्क यूनिवर्सिटी प्रशासन ने वसूल लिया। जब पिता के साथ इसकी शिकायत करने छात्रा एडमिनिस्ट्रेटिव बिल्डिंग पहुंची, तो ऑनलाइन सेल में पैसा न वापस होने की बात कहकर उन्हें लौटा दिया गया। इस मामले में वह यूनिवर्सिटी के जिम्मेदारों से कई बार मुलाकात कर चुके हैं, लेकिन अब तक उनकी प्रॉब्लम सॉल्व नहीं हो सकी है। तीन महीनों से वह लगातार चक्कर लगा रहे हैं और जिम्मेदारों से रिटेन में इसकी वजह की डिमांड कर रहे हैं, लेकिन कोई भी जिम्मेदार कुछ भी रिटेन में देने का तैयार नहीं है।

मामला संज्ञान में आया था। इसकी जांच कराई जाएगी और यूनिवर्सिटी के नियमानुसार उचित कार्रवाई की जाएगी।

- शत्रोहन वैश्य, रजिस्ट्रार, डीडीयूजीयू