परीक्षा नियामक प्राधिकारी के अनुमोदन के बिना ही छह कालेजों ने एनसीटीई को भेजा पत्र

एनसीटीई ने सत्यापन के लिए मेल भेजी तो खुल गई कॉलेजों की पोल

ALLAHABAD: बीटीसी कालेजों की मान्यता के लिए फर्जीवाड़े का मामला सामने आया है। मामला तब खुला जब एनसीटीई ने सूबे के छह कालेजों के कागजात सत्यापन के लिए सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय को भेजे। इन्हें देखकर सचिव परीक्षा नियामक भी हैरत में आ गए। उन्होंने कालेजों के बारे में जानकारी लेकर पत्र निर्गत कर दिया, जिसमें फर्जीवाड़े की जानकारी दी गई है।

जारी होता है विज्ञापन

प्रदेश में बेसिक शिक्षकों को तैयार करने के लिए कुछ वर्षो से निजी कालेजों को बीटीसी की संबद्धता दी जा रही है। नए निजी कालेजों को संबंद्धता देने की जिम्मेदारी परीक्षा नियामक प्राधिकारी को दी गई है। इसके लिए परीक्षा नियामक की ओर से प्रत्येक वर्ष विज्ञापन जारी कर आवेदन मांगा जाता है। संबद्धता की शर्ते पूरी करने वालों को ही अनुमति दी जाती है।

मऊ व मेरठ के हैं कॉलेज

मऊ व मेरठ के छह कालेजों ने अपने स्टाफ का अनुमोदन कराए बिना ही राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद यानी एनसीटीई को पत्र भेज दिया। एनसीटीई को इन कालेजों के अनुमोदन पत्र पर शक हुआ तो वहां से परीक्षा नियामक प्राधिकारी सचिव डॉ। सुत्ता सिंह को ई-मेल भेजकर सत्यापन के लिए कहा गया। परीक्षा नियामक प्राधिकारी की जांच में पता चला कि छह में से किसी भी कालेज ने संबद्धता तक नहीं ली है। सचिव डॉ। सिंह ने बताया कि उन्होंने संबद्धता के लिए अब आधार कार्ड नंबर अनिवार्य कर दिया है। जितने भी कालेजों ने एनसीटीई को अनुमोदन पत्र भेजा उन सभी में आधार नंबर लिखा था, लेकिन इन छह कालेजों में आधार नंबर नहीं था। आधार कार्ड को शामिल नहीं किये जाने पर ही एनसीटीई को शक हुआ।

फर्जीवाड़ा करने वाले कालेज

1. सुखराम सिंह शिक्षक प्रशिक्षण संस्थान सरवां मऊ

2. मेरठ इंस्टीट्यूट ऑफ हायर एजुकेशन मवाना मेरठ

3. हेडवे कॉलेज ऑफ एजुकेशन एंड टेक्नोलॉजी दौराला लावड मेरठ

4. मौलाना अबुल कलाम आजाद अल्पसंख्यक शिक्षक संस्थान परदहां मऊ

5. सुखराम सिंह महाविद्यालय सरवा मऊ

6. कलावती कॉलेज ऑफ एजुकेशन भोला रोड मेरठ