एक्सेसिव हेयर ग्रोथ वुमन में कॉमन है. इन एक्सेसिव फेशियल और बॉडी हेयर को हर्सुटिज्म के नाम से जाना जाता है. ब्यूटी और ग्रूमिंग के नजरिए से देखा जाए तो ये बहुत बड़ी प्रॉब्लम है साथ ही इसके लिए थ्रेडिंग, वैक्सिंग वगैरह जैसे Smooth waxed legsकई सॉल्यूशंस भी हैं.

आम-तौर पर माना ये जाता है कि ये जेनेटिक या नेचुरल हैं और इसकी वजह जाने बिना इन्हें ब्यूटी प्रॉब्लम समझकर उसी लिहाज से ट्रीट भी किया जाता है. मगर हेल्थ के नजरिए से देखा जाए तो वुमन में ये एक्सेसिव हेयर किसी सीरियस इंटरनल प्रॉब्लम जैसे ओवेरियन ट्यूमर या पॉलीसिस्टिस ओवरी सिंड्रोम का इंडिकेशन भी हो सकते हैं. लिहाजा ब्लीचिंग, थे्रडिंग, वैक्सिंग और कोई भी सो कॉल्ड परमानेंट सॉल्यूशन अप्लाई करने से पहले बेहतर होगा, किसी गाइनी, ट्राइकोलॉजिस्ट या इंडोक्राइनोलॉजिस्ट से कंसल्ट करें.

Hirsutism in women

हर्सुटिज्म लेडीज में बहुत कॉमन है. ये कोई बीमारी नहीं बस एक्सेस बॉडी हेयर का मेडिकल टर्म है और कई प्रॉब्लम्स का इंडिकेशन. वैसे बॉडी पर हेयर ग्रोथ जेनेटिक और कई वजह से भी हो सकते हैं लेकिन फीमेल बॉडी पर मेल पैटर्न में हेयरग्रोथ ज्यादातर हेयर फॉलिकिल पर मेल हॉर्मोन एंड्रोजन के एक्सेसिव इफेक्ट से होती है.

What causes hirsutism?
डॉ. एसके अरोरा, डर्मेटोलॉजिस्ट  बताती हैं कि हर्सुटिज्म के कई रीजंस हो सकते हैं जैसे-

  • मेल हॉर्मोन्स और एंड्रोजन इफेक्ट वाली दवाओं के असर से (स्टेरॉयड्स)
  • एंड्रोजन प्रोड्यूस करने वाले ओवेरियन ट्यूमर्स.   
  • पॉलीसिस्टिस ओवेरियन डिसीज.
  • कशिंग्स सिंड्रोम
  • इंट्राफॉलिकुलर: कुछ पेशेंट्स रेग्यूलर्ली ओव्यूलेट करते हैं और हॉर्मोन लेवेल नॉर्मल होता है फिर भी उनमें हर्सुटिज्म डेवेलप हो जाता है.


वैस हर्सुटिज्म के पीछे एक बड़ा कारण ओवरी ट्यूमर ही होता है. अगर कोई हर्सुटिज्म से छुटकारा पाना चाहता है तो इसके लिए ये बेहद जरूरी है कि वो पहले इसका कारण पता करें. क्योंकि गलत ट्रीटमेंट से कई सारी प्रॉब्लम्स स्टार्ट हो सकती हैं. अगर किसी के ओवरी में ट्यूमर है तो फिर ट्रीटमेंट भी उसी के लिहाज से किया जाएगा. अगर ट्यूमर की प्रॉब्लम नहीं है तो फिर हर्सुटिज्म का बेस्ट इलाज लेजर ट्रीटमेंट ही है. ट्रीटमेंट के बाद बॉडी से अनचाहे बाल हटाए जा सकते हैं.

inextlive from News Desk