- सर्राफा कारोबारियों ने जारी की शर्तो की फेहरिस्त

- देश भर के संगठनों से मांगी जा रही है राय

- भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को सौंपी गई सूची

ALLAHABAD: एक्साइज ड्यूटी के विरोध में 42 दिनों तक चला सर्राफा कारोबारियों का आंदोलन स्थगित जरूर हुआ है, लेकिन पूरी तरह से समाप्त नहीं हुआ है। आंदोलन को जारी रखते हुए सर्राफा संगठनों के राष्ट्रीय नेतृत्व ने एक्साइज लागू होने से पहले अपनी शर्तो की फेहरिस्त जारी कर दी है। जिस पर देश भर के सर्राफा व्यापारियों व संगठनों से राय मांगी जा रही है। जिसमें ज्यादातर व्यापारियों की ओर से छूट सीमा छह करोड़ से बढ़ाकर सौ करोड़ रुपये किए जाने की मांग की गई है। शर्तो की लिस्ट में वह मांगें भी शामिल हैं जो पिछले दिनों भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को सौंपी गई हैं। आल इंडिया ज्वैलर्स एक्शन कमेटी के अध्यक्ष एफएन रंका की ओर से जारी शर्तो की लिस्ट में जो मांगें शामिल हैं, उनमें ज्यादातर वैट को आधार बनाया गया है।

इलाहाबाद के प्रयाग सर्राफा मंडल के अध्यक्ष कुलदीप सोनी ने कहा कि हम तो एक्साइज का विरोध करते हुए पूरी तरह से रोल बैक चाहते हैं। संशोधन हमें मंजूर नहीं हैं। कारीगरों की भी यही मांग है। क्योंकि एक्साइज अगर लागू हुआ तो कारीगरों का शोषण तय है।

ये है शर्तो की फेहरिस्त

- ज्वैलरी की पहली बिक्री इनवाइस पर एक प्रतिशत ड्यूटी देंगे, लेकिन पुराने गहनों की खरीद-बिक्री पर ड्यूटी नहीं दी जाएगी। सप्लायर या थोक विक्रेता से नए आभूषणों की खरीद पर वैट अदा किया जाता है। उसे ही एक्साइज विभाग को मान्यता देना होगा।

- सेल इनवाइस पर लिखे सोने और कीमती रत्नों से जडि़त चांदी की ज्वैलरी व डायमंड के कैरेट की कीमत और वजन को एक्साइज विभाग चैलेंज नहीं देगा।

- वैट एक्ट के तहत ज्वैलरी का स्टाक रजिस्टर सभी व्यापारी बनाते हैं। अलग से स्टाक रजिस्टर बनाने से सर्राफा व्यापारियों को इससे बाहर रखना होगा।

- एक्साइज के लिए व्यापारी न तो अलग से इनवेन्टरी बनाएंगे और न ही कोई रजिस्टर अलग से तैयार करेंगे।

- वैक्ट एक्ट के तहत पहली सेल इनवायस पर एक फीसदी एक्साइज ड्यूटी व्यापारी देंगे। इसकी जांच के नाम पर परेशान न किया जाए। व्यापारिक परिसरों में कोई छापेमारी या सर्वे नहीं किया जाएगा।

- नोटिस जारी करने, दस्तावेज के बहाने दफ्तर बुलाने, घंटों इंतजार करवाने, बयान दर्ज करवाने जैसी कोई भी कार्रवाई एक्साइज विभाग सराफा व्यापारियों के मामले में नहीं करेगा।

- व्यापारिक परिसर, उत्पादन यूनिट, शो रूम और घर में एक्साइज विभाग का स्टाफ न तो जाएगा और न ही ज्वैलरी स्टॉक सीज करेगा।

- सोना चांदी हीरे व कीमती रत्नों की जांच या पूछताछ रास्ते में नहीं की जाएगी। रास्ते में ज्वैलरी सीज नहीं होगी।

- सर्राफा ट्रेड से जुड़ी फर्म के पार्टनर प्रोपराइटर, डायरेक्टर और कर्मचारी को किसी भी स्थिति में न तो गिरफ्तार किया जाएगा न ही उसके खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया जाएगा। सिर्फ उस सूरत में ही ऐसी कोई कार्रवाई करने का अधिकार होगा, जब व्यापारी ने ग्राहक से एक्साइज ले कर विभाग में जमा न किया हो।

- वाणिज्य कर विभाग में व्यापारी ऑडिट किए हुए दस्तावेज जमा करते हैं। एक्साइज विभाग भी स्वीकार करेगा।

- वैट में घोषित बिक्री और उत्पादन के आंकड़ों को एक्साइज विभाग भी मान्यता देगा।

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वैट को बनाया गया शर्तों का आधार

-सर्राफा ट्रेड में पुरानी ज्वैलरी का बड़ा बाजार है। ग्राहक से पुरानी ज्वैलरी खरीद कर नई ज्वैलरी देने पर कोई एक्साइज नहीं लगेगा। पुराने गहनों में जड़े हीरे और अन्य कीमती पत्थरों पर न तो कोई ड्यूटी लगेगी, न ही उसकी वैल्यूएशन विभाग करेगा।

- ट्रेडिंग स्टाक कोई ड्यूटी नहीं दी जाएगी। वैट एक्ट में ज्वैलरी स्टाक की घोषणा वजन पर आधारित होती है न कि कीमत पर। एक्साइज विभाग को भी इसे स्वीकार करना होगा।

- एक्साइज के तहत रजिस्ट्रेशन का फरमान 30 अप्रैल तक स्थगित कर दिया जाए।

- जॉब वर्कर एक्साइज के दायरे से बाहर हैं, इसलिए विभागीय अधिकारी उनका रिकार्ड खंगालने वहां नहीं जाएंगे। उन्हें किस व्यापारी से आर्डर मिला है, इसकी पूछताछ के लिए कोई इंस्पेक्टर या अधिकारी कारीगरों के परिसर या आवास नहीं जाएगी।

- हाथ से तैयार होने वाली ज्वैलरी को एक्साइज से बाहर रखा जाए।

- लेवी एक्साइज ड्यूटी सिर्फ ब्रांडेड ज्वैलरी पर लगेगी।

- ऐसे आयातकों पर प्रतिबंध लगाया जाए, जो बुलियन का आयात कर रहे हैं और उस पर अपने ब्रांड की मुहर लगाकर बाजार में बेच रहे हैं।

- बैंक और पोस्ट ऑफिस से होने वाली सोने की बिक्री पर स्थायी प्रतिबंध लगाया जाए।

- सरकार द्वारा बेचे जा रहे सोने के अशोक चक्र के सिक्कों की बिक्री पर तत्काल रोक लगाई जाए।