धारा 80सी के तहत छूट

सूत्रों के हवाले से खबर है कि अभी जो छूट सीमा 1 लाख रुपये है उसको बढ़ाकर 2 लाख किया जा सकता है. आयकर अधिनियम की धारा 80सी के तहत दी जाने वाली इस छूट में होम लोन वापसी (मूलधन), 5 साल या अधिक समय कि फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी), भविष्य निधि (पीएफ) व जीवन बीमा करवाने के लिये दिये गये प्रीमियम आदि शामिल किये जाते हैं.

टैक्स में होगी बड़ी राहत

अगर वित्त मंत्री अरुण जेटली यह सीमा 1 लाख से बढ़ाकर 2 लाख कर देते हैं, जो ज्यादा आमदनी वाले लोगों(सालाना 10 लाख रुपये से अधिक) को 30,000 रुपये प्रति वर्ष टैक्स की बचत होगी. मध्यम आय वाले लोग (5 से 10 लाख रुपये सालाना) 20,000 रुपये तक टैक्स बचा सकेंगे. सरकार के इस कदम से घरेलू बचत में भी बढ़ोत्तरी होगी. जो सरकार के लिये धन जुटाने का बेहद अहम साधन है. अर्थशास्त्रियों के मुताबिक, इस धनराशि का प्रयोग बुनियादी ढ़ांचे के विकास मे किया जा सकता है.

30,000 करोड़ रुपये का नुकसान

इस धारा के तहत टैक्स में छूट की सीमा सालाना 1 लाख रुपये बढ़ा देने से सरकार को लगभग 30,000 करोड़ रुपये  के राजस्व का नुकसान उठाना पड़ेगा. वित्त मंत्री को इसकी भरपाई के लिये उत्पाद शुल्क या सीमा शुल्क बढ़ाना होगा. भरपाई का एक और विकल्प है, विनिवेश का लक्ष्य बढ़ा देना जो फिलहाल 36,925 करोड़ रुपये है.

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