स्पोट्र्स इंडस्ट्री
स्पोट्र्स इंडस्ट्रीज को भी इस बार के बजट से काफी उम्मीदें है। पिछले बजट में एक्साइज कर की खामियों को इस बार दूर करने की इंडस्ट्रीज की उम्मीदे हैं। साथ ही स्पोट्र्स इंडस्ट्रीज पर सरकार का ध्यान देने की भी आस है।

- कश्मीरी विल्लो पर काफी सालों  से रोक है। रोक हटनी चाहिए।

- पिछले बजट में एक्साइज कर में कई खामियां थी। प्लास्टिक, रबड़ से निर्मित खेल उत्पादों में 12 प्रतिशत का एक्साइज कर लगाया जाता है। इस पर राहत मिलनी चाहिए।
 
- स्पोट्र्स इंडस्ट्रीज को उम्मीद है कि इस बार बजट में इंडस्ट्रीज पर लागू टैक्स में थोड़ी राहत दी जाएगी। जिससे स्पोट्र्स इंडस्ट्रीज उन्नति कर सकें।

"एक्साइज कर सबसे बड़ी दिक्कत है। अगर ये हल हो जाए तो बड़ी राहत मिलेगी। साथ ही कश्मीरी विल्लो पर भी लगी रोक हटने से दिक्कत खत्म हो जाएगी। इनकम टैक्स में छूट की सीमा भी बढ़ाई जानी चाहिए."
राकेश महाजन, बीडीएम कंपनी

मेडिसिन
 दवाइयों पर एक्साइज ड्यूटी 22 प्रतिशत लगती है। जिससे इंडस्ट्री को काफी नुकसान हो रहा है। इस एक्साइज ड्यूटी को खत्म करने की उम्मीद इंडस्ट्री लगाए बैठी है। जम्मू कश्मीर, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में दवाइयों पर एक्साइज ड्यूटी फ्री है।

- जीएसटी लागू होना चाहिए, इससे सभी टैक्स बराबर हो जाएंगे।
 - व्यापारियों के लिए पेंशन की व्यवस्था होनी चाहिए।

"दवा इंडस्ट्री टैक्स के बोझ तले दबी हुई है। अगर टैक्स से थोड़ी राहत मिले तो इंडस्ट्री की मुश्किलों का हल निकल जाएगा."
रजनीश कौशल, महामंत्री, जिला कैमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन

बुलियन ट्रेड
सर्राफा इंडस्ट्रीज को भी इस बार बजट से बहुत उम्मीदें हैं।
 
- गर्वमेंट सोने के आयात पर रोक लगाने के लिए इंपोर्ट ड्यूटी लगा रही है। इससे रोकने के लिए दूसरे समाधान ढंूढऩे चाहिए।  
- 20 हजार से ऊपर की सेल पर चेक से लेन देन करने का प्रावधान है। इसे बढ़ा देना चाहिए। 20 हजार रुपए की सर्राफा में कोई बड़ी कीमत नहीं है। ऐसे में व्यापारियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
- इनकम टैक्स पर छूट की सीमा दो लाख रुपए है। जिससे सर्राफा इंडस्ट्री हलकान है। इस सीमा को तीन लाख कर देना चाहिए।

 "सरकार सोने के आयात में वैल्यू बांड जारी कर दे। इससे ग्राहक को फिजिकली सोना की जगह बांड बेचे जाएंगे। जिससे आयात में आने वाली दिक्कतें हल हो जाएंगी। इस बार बजट से सर्राफा इंडस्ट्रीज को बहुत उम्मीदे हैं."
दिनेश रस्तोगी, न्यू सर्राफा व्यापार एसोसिएशन, महामंत्री

इंडस्ट्रीज को आस
प्रदेश के बजट में हालांकि इंडस्ट्रीज के हाथों मायूसी ही लगी है। लेकिन अगर आम बजट में कुछ ठोस कदम उठाया जाता है तो राहत की बात होगी।
- इंडस्ट्रीज का कर माफ भी नहीं हो सकता तो इंट्रेस्ट रेट कम होना चाहिए।
- टेक्सेशन में भी बदलाव होने चाहिए। इसमें ज्यादा इनकम करने वालों के टैक्स परसेंटेज में कमी करनी चाहिए। इससे उद्योगियों का हौसला बढ़ेगा.   
- डेढ़ करोड़ साल में इनकम के बाद एक्साइज में रजिस्ट्रेशन कराना पड़ता है। ये छह साल पहले भी इतना ही था। अब इसे बढ़ाकर तीन करोड़ कर देना चाहिए। अभी डेढ़ करोड़ के ऊपर 12.36 परसेंट एक्साइज कर लगता है।

"वोट की राजनीति हो गई है। देश को आगे बढ़ाना है, तो इंडस्ट्रीज के लिए कुछ करना होगा। इंडस्ट्रीज को डेवलप करने की जरूरत है। चाइना ने इंडस्ट्रीज को प्राथमिकता दी तभी वो आगे है."
संजीव मित्तल, चेयरमैन आईआईए