-आस्था के महाकुंभ में श्रद्धालुओं पर मनमानी का टैक्स
-चिप्स से लेकर बिस्किट के दाम में एक से दो रुपए की वसू्ली
एक नजर में सामानों का दाम
सामान प्रिंट रेट मेला का रेट
पारले बिस्किट छोटा 5 रुपए 6 रुपए
क्रीम बिस्किट छोटा 5 रुपए 6 रुपए
चिप्स छोटा 5 रुपए 6 रुपए
चिप्स बड़ा 10 रुपए 11 रुपए
नमकीन छोटा 5 रुपए 6 रुपए
20 सेक्टर्स में बंटा है मेला
1000 से अधिक छोटी-बड़ी दुकानें
50 फीसदी दुकानें हैं चलती-फिरतीं
manish.mishra@inext.co.in
PRAYAGRAJ: कुंभ में श्रद्धालुओं को मनमानी का टैक्स देना पड़ रहा है। बिस्किट हो या चिप्स हर पैकेट पर एक से दो रुपए की मनमानी वसूली की जा रही है। विरोध पर बस आसान जवाब, महंगी जमीन लेकर सस्ता सामान कैसे बेचें। एक-एक रुपए कर दो माह के मेले में बड़ी वसूली हो जाएगी क्योंकि सबसे अधिक बिक्री चिप्स और बिस्किट की है जिसमें यह वसूली की जा रही है। दुकानों पर बिक रहे सामान की गुणवत्ता और अधिक वसूली को लेकर जांच-पड़ताल करने वाला विभाग भी सुस्त है।
एक हजार से अधिक है दुकान
मेला एरिया में एक हजार से अधिक छोटी-बड़ी दुकानें एलॉट हैं। इसमें पचास प्रतिशत एलॉट वाली हैं जबकि अधिक संख्या में दुकानें चलती-फिरती हैं। मेला एरिया में घाट के पास ऐसी दुकानों की संख्या काफी अधिक है। पानी की बोतल से लेकर खाने पीने की सामान तक सब प्रिंट रेट से अधिक दाम पर बेचे जा रहे हैं। श्रद्धालुओं के पास कोई ऑप्शन भी नहीं है। वह विरोध करके भी कुछ नहीं कर पा रहे हैं।
सेक्टर दो से लेकर 20 तक एक रेट
सेक्टर दो से लेकर सेक्टर 20 तक सामानों का दाम एक है। सिद्धार्थनगर से आए राम सेवक चौरसिया और गोरखपुर के राजेश त्रिपाठी के साथ कई श्रद्धालुओं ने बताया कि विरोध पर दुकानदारों से सामान देने से यह कहकर मनाकर दिया कि महंगी जमीन मिली है तो सस्ता सामान कहां से बेचें। दुकानदारों का तो यह भी कहना है कि इसके बाद भी उनका घाटा हो रहा है।
कोट
सामानों के दाम में बड़ी मनमानी की जा रही है। दुकानदारों पर नकेल कसने वाला कोई नहीं है। प्रशासन को इस पर अंकुश लगाना चाहिए।
-रवि कुमार, बलिया
भीड़ का नाजायज फायदा उठाया जा रहा है। जब सामान पर अधिकतम दाम प्रिंट है तो इससे अधिक नहीं लेना चाहिए लेकिन यहां ऐसा ही किया जा रहा है।
-गीता तिवारी, प्रयागराज
चिप्स का रेट बहुत अधिक लिया जा रहा है। विरोध पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। अब संगम स्नान के लिए आए श्रद्धालु कहां जाएं शिकायत करने।
- सरोज कुमारी, प्रयागराज