-मंडी समिति की मनमानी से त्रस्त हैं किसान, जबरन जुर्माना वसूलने का आरोप

-खेत से निकलने के बाद बाजार पहुंचते-पहुंचते आसमान छूने लगते हैं सब्जी के दाम

ALLAHABAD: उत्पादन भरपूर है फिर भी सब्जियों के दाम आसमान क्यों छू रहे हैं, यह बड़ा सवाल है। खेतों में उगने वाली सब्जियां किसलिए मंडी तक पहुंचते-पहुंचते महंगी हो जाती है। इसके पीछे कई रीजन हैं। किसानों की माने तो सबसे अहम कारण मंडी समिति की मनमानी है। जबरन कार्रवाई के डर से किसानों को बाजार तक सब्जी लाने में डर लगता है। पकड़ जाने के बाद मजबूरन सब्जी के भाव ऊपर चले जाते हैं जिससे पब्लिक की जेब ढीली होती है।

सबसे ज्यादा परेशान हैं शहरी

इलाहाबाद शहर के बीचों-बीच स्थित बक्शी बांध सब्जी मंडी में शहरियों का सुबह से शाम तक जमावड़ा लगता है। मुंडेरा मंडी के आउटर पर होने की वजह से शहरी यहीं आना पसंद करते हैं। फुटकर मार्केट के मुकाबले यहां सब्जी कुछ सस्ती भी मिल जाती है। लेकिन, यहां सब्जी लेकर आने वाले किसान काफी डरे हुए हैं। मंडी समिति के लोग अक्सर उन पर कार्रवाई कर भारी-भरकम जुर्माना वसूल करते हैं।

मर्जी का मालिक है किसान

किसानों का कहना है कि वह अपनी मर्जी के मालिक हैं। वह चाहे जहां अपनी सब्जी बेच सकते हैं, लेकिन मंडी समिति वाले जबरन उनका माल आधे रास्ते से मुंडेरा मंडी ले जाते हैं। यहां पर उन पर भ् से लेकर क्भ् हजार रुपए तक का जुर्माना लगाया जाता है। समय और पैसे की बर्बादी की वजह से किसान सब्जियों को महंगे दामों पर बेचते हैं, जिसका खामियाजा पब्लिक को भुगतना पड़ता है।

लाइसेंस दीजिए या कार्रवाइर् बंद करिए

बक्शी बांध सब्जी मंडी के आढ़ती भी इस मनमानी कार्रवाई से त्रस्त हैं। उनका कहना है कि प्रदेश सरकार ने चुंगी को समाप्त कर मंडी समिति का गठन किया था। इसलिए समिति को बक्शी बांध मंडी को वैध घोषित कर आढ़तियों को लाइसेंस इश्यू करना चाहिए जिससे किसानों को भी परेशान नहीं होना पड़ेगा। खासतौर से फाफामऊ और झूंसी के किसान आसानी से अपना माल बेच सकेंगे और पब्लिक को भी सस्ती सब्जी मिल सकेगी।

ऐसे बढ़ती है महंगाई

सब्जियों की कीमतें बढ़ने के वैसे तो कई कारण हैं। लेकिन, शनिवार को बीस रुपए किलो टमाटर क्यों बिका? इसका सीधा सा जवाब है। मंडी समिति की ओर से टमाटर से लदी चार बड़ी गाडि़यां फाफामऊ में पकड़ ली गई। इन्हें कई घंटे बाद जुर्माना लेकर छोड़ा गया। इस दौरान टमाटर के भाव अचानक उछल गए। इससे पब्लिक को महंगी सब्जी लेनी पड़ी। कई बार भारी जुर्माना अदा करने के बाद किसान सब्जी के दो से तीन गुने भाव वसूलते हैं।

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क्या है इतिहास, जान लीजिए

पूर्व में शहर में कटरा और खुल्दाबाद सब्जी मंडियां थीं। बाद में खुल्दाबाद को मुंडेरा और कटरा को बक्शी बांध शिफ्ट करा दिया गया। इलाहाबाद हाईकोर्ट के हस्तक्षेप से इस मंडी को बसाया गया है। यहां पर शहर से ग्राहक सबसे ज्यादा पहुंचते हैं। नगर निगम दुकानों से किराया वसूलता है लेकिन बिजली-पानी की सुविधाएं नहीं देता। मंडी समिति ने भी अपना पल्ला झाड़ रखा है।

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टोल टैक्स पर लेते हैं शुल्क तो कार्रवाई क्यों?

गंगापार से सब्जी लेकर आने वाले किसानों का कहना है कि फाफामऊ पर टोल टैक्स पर क्भ्0 रुपए मंडी समिति के नाम से लिए जाते हैं। बावजूद इसके उनकी गाडि़यों को पकड़कर जबरन मुंडेरा ले जाया जाता है। यहां जुर्माना लेकर सब्जी छोड़ी जाती है। इससे किसानों को भारी-भरकम नुकसान होता है। अगर जुर्माना वसूलना है तो फिर टोल टैक्स पर शुल्क वसूली क्यों की जाती है।

वर्जन

- किसान बेचारा क्या करे? उसको जो मंडी पास पड़ेगी वहीं तो बेचेगा। गंगापार के किसानों को बक्शी बांध नजदीक पड़ता है। लेकिन मंडी समिति की मनमानी से किसान परेशान हैं। मेरा क्ख्.भ् क्विंटल टमाटर पकड़कर जबरन छह हजार रुपए जुर्माना वसूला गया।

शिवपाल पटेल, किसान

- यूपी सरकार किसानों को राहत देने की बात करती है लेकिन यहां तो मंडी समिति सीधे उनका शोषण कर रही है। हमारा माल रास्ते से पकड़ लिया जाता है और फिर इसे छुड़ाने के लिए हमें बाबू और अधिकारियों के पीछे घूमना पड़ता है।

दिलीप कुमार, किसान

-हम लोग जब खेत से सब्जियां लेकर निकलते हैं तो रास्ते में एक-एक कदम चलना मुश्किल होता है। पता नहीं कब हमारी गाड़ी खिंचाई लीजिए। टोल प्लाजा पर क्भ्0 रुपए वसूलने के बाद भी मंडी समिति क्यों कार्रवाई कर रहा है।

ओमप्रकाश, किसान

-मंडी समिति को शहर की बक्शी बांध मंडी को वैध घोषित कर देना चाहिए। इससे पब्लिक और किसानों को काफी सहूलियत मिलेगी। कम से कम हमारा शोषण तो नहीं किया जाएगा।

ननके, किसान

-आप बताइए कि पब्लिक सब्जी खरीदने के लिए मुंडेरा मंडी क्यों जाएगी और गंगापार के किसान जबरन मुंडेरा क्यों जाना चाहेंगे, जबकि बक्शी बांध सब्जी मंडी दोनों के लिए नजदीक है। मंडी समिति को यहां के आढ़तियों का लाइसेंस बना देना चाहिए। साथ ही किसानों का शोषण बंद कर देना चाहिए।

अनिल कुमार सोनकर, अध्यक्ष, भारतीय सब्जी विक्रेता कल्याण समिति

फैक्ट फाइल

-शहर की तीन बड़ी फाफामऊ, नैनी और बक्शी बांध सब्जी मंडी को मंडी समिति ने कर रखा है अवैध।

-इससे मंडी समिति को हर महीने होता है ख्भ् से फ्0 लाख रुपए के मंडी शुल्क का नुकसान।

-अकेले बक्शी बांध मंडी से रोजाना पांच से छह हजार मंडी शुल्क हो सकता है जेनरेट।

-मंडी समिति का कहना है कि किसान अपना माल मुंडेरा मंडी में ही बेचें।