-दिवाली में पटाखों से वातावरण होगा प्रदूषित

-हवा में जहर का कई दिनों तक रहता है असर

VARANASI

दिवाली आने वाली है। एक बार फिर पटाखों का धूम-धड़ाका होगा। रात सोयेगी नहीं। पूरा आसमान रोशनी से नहायेगा। लेकिन अगली सुबह हवा पहले जैसी ताजी नहीं होगी। उसमें सांस लेना सुखद नहीं होगा। बल्कि लोगों का दम फूलेगा। इसकी वजह वो पटाखे होंगे जो दीपावली के रात जलाये गए। उनसे निकली जहरीली गैस का असर कई दिनों तक वातावरण में मौजूद रहेगा। लोगों को सांस लेने में तकलीफ होगी, आंखों में जलन होगी। इंसान और जानवर दोनों परेशान होंगे। इससे बचना हो तो दिवाली जरूर मनायें लेकिन पटाखे कम और अच्छी क्वालिटी का जलायें।

घुल जाता है जहर

बीएचयू के पर्यावरण एवं धारणीय विकास संस्थान के मुताबिक दिवाली की रात पटाखों की वजह से वातावरण में जहरीला पदार्थ का असर कम से कम दो से तीन दिन रहता है। प्रदूषण लेवल बढ़ने की शुरुआत शाम से ही हो जाती है। बारूदी पटाखों के विस्फोट से कॉपर, केडियम, लेड, मेग्निशियम, सोडियम, ¨जक, नाइट्रेड और नाइट्राइड का जमकर इस्तेमाल होता है। इससे पॉल्यूशन लेवल में अचानक जबरदस्त इजाफा होता है।

पिछली दिवाली रही प्रदूषित

पिछले साल दिवाली पर पटाखों की वजह से शहर में प्रदूषण का लेवल काफी ज्यादा बढ़ गया था। उस रात शहर के कई इलाकों में पीएम क्0 और पीएम ख्.भ् की सघनता के लेवल में कई गुना की बढोत्तरी हुई। जो एवरेज लेवल क्रमश: क्ख्क् और 9भ् होता है उसमें क्म् गुना तक की वृद्धि मापी गयी थी।

सेहत खराब होगी

पटाखे कई गंभीर बीमारियों के साथ लोगों को अंधा और बहरा तक बना सकते हैं। इसका सबसे अधिक असर बच्चों और उम्रदराज लोगों पर पड़ता है।

-पटाखों के कारण क्ख्भ् डेसिबल के विस्फोट से कानों को भारी नुकसान होता है।

-क्रेकर्स से निकले जहरीले कण का व्यास क्0 माइक्रो तक होता है।

ये मुंह, नाक के छेद में आसानी से प्रवेश कर जाता है जो श्वसन प्रणाली, हृदय व फेफड़ों को प्रभावित करता है।

कार्बन मोनोआक्साइड जहरीली, गंधहीन गैस भी पटाखों से निकलती है, जो ह्दय की मांस पेशियों को नुकसान पहुंचाती है।

सल्फर डाईऑक्साइड ब्रोकाइटिस जैसी सांस की बीमारी पैदा करती है। इससे बलगम व गले की बीमारियां पैदा होती हैं।

नाइट्रेट कैंसर जैसी बीमारियां, हाइड्रोजन सल्फाइड मस्तिष्क व दिल को नुकसान व बेरियम ऑक्साइड आंखों व त्वचा को नुकसान पहुंचाती है।

(जैसा की जनरल फिजिशियन डॉ। एनके सिंह ने बताया)