-किताबों के साथ महंगी स्टेशनरी खरीदना भी बनाना पैरेंट्स के लिए मुसीबत

-पिछले सालों के मुकाबले बढ़ गई कापियों और कवर का रेट

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PRAYAGRAJ: नए सत्र की शुरुआत के साथ ही पैरेंट्स पर बोझ भी बढ़ने लगा है. जहां पहले पैरेंट्स फीस को लेकर परेशान होते थे. वहीं अब सरकारी अध्यादेश के बाद स्कूलों ने किताबों और स्टेशनरी के जरिए वसूली का नया फंडा शुरू कर दिया. स्कूलों से सांठ-गांठ करके चल रही सिटी की कई किताबों व स्टेशनरी की दुकानें इन दिनों पैरेंट्स की जेब काटने में लगी है. इनमें से कई दुकानदारों ने किताबों के साथ स्टेशनरी कंपल्सरी कर दी है. इसने पैरेंट्स के लिए मुसीबत बढ़ा दी है.

कक्षा सात की कापियों का रेट 1000 रुपए

स्कूल मनमाने ढंग से विशेष पब्लिकेशन की किताबें लेने की बात कह रहे हैं. वहीं बुक सेलर्स कॉपियों के जरिए भी जमकर वसूली कर रहे हैं. सेंट जोसेफ कॉलेज में क्लास सिक्स और सेवेंथ में किताबों का रेट क्रमश: पांच हजार और छह हजार है. वहीं इन दोनों क्लास की कॉपियों का रेट एक हजार रुपए के करीब है. सेंट जोसफ कॉलेज के बाद स्थित बुक शॉप पर बेटे की किताब लेने पहुंचे इलाहाबाद हाईकोर्ट के अधिवक्ता राजीव द्विवेदी ने बताया कि कापियों में पिछले साल के मुकाबले 10 से 15 प्रतिशत तक वृद्धि हुई है. उन्होंने बताया कि उनकी बेटी ग‌र्ल्स हाईस्कूल में पढ़ती है. वहां पर क्लास एट्थ में जहां किताबों के लिए उन्हें 6000 खर्च करना पड़ा. वहीं कापियों के लिए भी इस बार 1500 रुपए खर्च करने पड़े. यही हाल सेंट जोसेफ में भी देखने को मिला. उन्होंने बताया कि उनके सर्किल में ज्यादातर पैरेंट्स का यही हाल है. स्टेशनरी के नाम पर कॉपियों के साथ ही उनके कवर, पेंसिल बॉक्स व दूसरे सामानों की लिस्ट बुक स्टॉल वाले दे देते है.

क्लास कॉपी कवर

6 980 250

7 1200 250

8 1500 300