BAREILLY :

CASE 1

पुराने शहर में रहने वाली रश्मि (नेम चेंज्ड) एक दिन अपनी बेटी की शादी के एक सप्ताह बाद ही प्रताडऩा का केस दर्ज कराने के  लिए एडवोकेट के पास पहुंची। पर एक ही सप्ताह में प्रताडऩा का केस एडवोकेट को कुछ समझ में नहीं आया तो उन्होंने सच्चाई जानने की कोशिश की। जब लड़की से अकेले में बार-बार इसके बारे में पूछा गया तो उसने बताया कि यह शादी उसकी मर्जी के बिना की गई है, इसलिए वह ऐसे झूठे आरोप लगा रही है। बाद में, पंचायत के फैसले के बाद उसकी शादी उसकी पसंद के लड़के से कर दी गई।

CASE 2

सिटी के संजय नगर में रहने वाली निशा (नेम चेंज्ड) ने अपनी बेटी का रानीखेत में अपरहण की रिपोर्ट दर्ज करवाई। दरअसल, वह शादी के बाद अपने हसबैंड के साथ रानीखेत गई थी, वहीं से गायब हो गई। जांच-पड़ताल के बाद जो सच सामने आया वह काफी चौंकाने वाला था। लड़की ने अपनी शादी से पहले रानीखेत में मौसी के घर रहते समय ही वहां से एक लड़के से कोर्ट मैरिज कर ली थी। और वह इसीलिए अपने हसबैंड को रानीखेत ले गई थी। और जाते ही अपने पूर्व पति के साथ भाग गई।

CASE 3

सिविल लाइंस के एक प्रतिष्ठित परिवार में शादी होने के बाद राशि (नेम चेंज्ड) ने अपने हसबैंड से शादी के तकरीबन डेढ़ साल तक फिजिकल रिलेशंस नहीं बनाए। वह अपने हसबैंड से इसकी वजह मेडिकल प्रॉब्लम बताती थी। उनके हसबैंड परिवार वालों क ो राशि की इस प्रॉब्लम के बारे में बिना बताए डॉक्टर्स के पास ले जाते रहे, पर वहां कोई प्रॉब्लम सामने नहीं आई। इसके बाद राशि को काउंसलर के पास ले जाया गया। उसने कबूल किया कि वह पूर्व प्रेमी के साथ शादी करना चाहती है, इसलिए ऐसा कर रही है।

तो हो जाते हैं affairs

इंडिपेंडेंट होती सोसायटी में गल्र्स की बंदिशें कंपेरिटिवली काफी कम हुई हैं। ऐसे में उनके फेवर में हुए पॉजिटिव चेंजेज के साथ-साथ कुछ ऐसी प्रवृत्तियां बढ़ी हैं, जिन्हें हमारा समाज स्वीकार नहीं करता है। ऐसी ही एक प्रवृत्ति है प्री-मैरिटल अफेयर। जब गल्र्स घर से बाहर निकलेंगी, लोगों से मिलेंगी, को-एड कॉलेज में पढ़ाई करेंगी तो इस एज में वह अपोजिट सेक्स की ओर अट्रैक्ट भी होंगी। यही अट्रैक्शन आगे चलकर अफेयर में चेंज हो जाता है। पर जब शादी का वक्त  आता है तो अफेयर्स काफी पीछे छूट जाते हैं। बाद में यह परेशानी का सबब बन जाते हैं।

Social pressure बड़ी वजह

आमतौर पर गल्र्स अपने परिवार वालों को अपने अफेयर्स के बारे में बताती ही नहीं हैं। अगर कोई लड़की अपने परिवार वालोंं को इसके बारे में बताती भी है तो समाज, प्रतिष्ठा, परिवार की इज्जत, बिरादरी में होने वाली फजीहत जैसे तमाम पहलुओं के सामने इसकी कोई इंपार्टेंस नहीं रह जाती है। और इस सोशल प्रेशर के बोझ तले दबी हुई लड़की फिलहाल शादी के लिए तैयार हो जाती है। इसके पीछे की खास वजह पेरेंट्स और बच्चों के बीच का जेनरेशन गैप भी है। अगर पेरेंट्स और बच्चों के  बीच शुरू से ही फ्रेंडली रिलेशनशिप बिल्ड अप किया जाए तो ये प्रॉब्लम्स नहीं आती हैं।

इसलिए दरकने लगते हैं रिश्ते

प्रजेंट टाइम में मैच्योर एज में मैरिज होने की वजह से शादी से सैटिस्फेक्शन ना होना भी एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर की एक बड़ी वजह होता है। काउंसलर्स के मुताबिक गल्र्स शादी के समय पेरेंट्स की पसंद के रिश्ते को आइडियल मानकर शादी कर लेती हैं। साथ ही प्री मैरिटल अफेयर को लाइफ से दूर करने के बारे में सोचती हैं पर शादी से सैटिस्फाई ना होने पर वह अपने अफेयर की ओर एक बार फिर से चल पड़ती हैं।

मेरे पास आए दिन ऐसे केसेज आते हैं पर इन मामलों को लेकर आने वाली गल्र्स अपरहण और प्रताडऩा जैसे केसेज में सामने आती हैं। सच आम तौर पर एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर ही होता है। मैक्सिमम केसेज में गल्र्स पूर्व प्रेमी के साथ रहने का फैसला करती हैं। तकलीफ हसबैंड को ही उठानी होती है, जिसकी कोई मिस्टेक नहीं होती है।

हरजिंदर कौर चड्ढा, एडवोकेट एंड रिलेशनशिप एक्सपर्ट

लास्ट टू ईयर्स से प्री मैरिटल अफेयर्स के एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर्स बनने के केसेज बढ़ते जा रहे हैं। ऐसे मामलों में अगर कोई केस शादी से पहले मेरे पास आता है तो मैं पेरेंट्स को लड़की की शादी उसकी पसंद से करने की ही सलाह देती हूं। जबरदस्ती से एक साथ तीन लोगों की लाइफ डायरेक्टली डिस्टर्ब हो जाती है।

डॉ। सुविधा शर्मा, साइकोलॉजिस्ट